भीड़-भाड़ भरे बीच को पीछे छोड़िए और आरे-वारे पर साफ समुद्रतट का मज़ा लीजिए!

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Photo of भीड़-भाड़ भरे बीच को पीछे छोड़िए और आरे-वारे पर साफ समुद्रतट का मज़ा लीजिए! by Musafir Rishabh

 वो शाम सबसे खूबसूरत होती है जब आप समुद्र की लहरों को अपने पैरों से छूते हो। उसी रेत पर बैठकर सूरज को डूबते देखते हो और घंटों बैठे रहते हो। लेकिन आज के समय में बीच शोर बन गए हैं। वहाँ लोगों की भीड़ और बाजार एक साथ आ चुका है। ऐसे में आप बीच पर जाना चाहते हैं लेकिन उस भीड़ से दूर रहना चाहते हैं। ऐसे में आपको आरे-वारे बीच की ओर रूख करना चाहिए। कभी अपने दोस्त से पूछिए, क्या आरे-वारे बीच के बारे मे सुना है? अगर जवाब हाँ में मिलता है तो आप दिलचस्प इंसान के साथ में हैं। ऐसा बहुत कम लोग हैं जिन्हें आरे-वारे समुद्र तट के बारे में पता है। तो चलिए आपको उसी आरे-वारे बीच की सैर पर ले चलते हैं।

आरे-वारे बीच महाराष्ट्र का एक बहुत कम जाना-पहचाना समुद्र तट है। जो रत्नागिरि से गणपतिपुले से जुड़ता है। यहाँ का नज़ारा बेहद खूबसूरत है। जब आप कोंकण से रत्नागिरी की ओर आते हैं तब आपको ये बीच रास्ते में मिलता है। रोड के तरफ समुद्री तट है और दूसरी तरफ पहाड़ी। रोड को पार करने के बाद आप जिस जगह पहुँचेंगे, उसे आरे-वारे व्यू प्वाइंट कहते हैं।

ये खास क्यों है?

ये समुद्र तट पश्चिमी घाट की पहाड़ियों की एक श्रृंखला के करीब स्थित है जिसके पास से एक सड़क भी जाती है। यहाँ से आपको पहाड़ और समुद्र का नज़ारा एक साथ देखने को मिलता है। इसी वजह से ये समुद्र तट खूबसूरती के मामले में किसी से कम नहीं है। ये खास इसलिए भी है क्योंकि आरे-वारे एक नहीं, बल्कि दो अलग-अलग बीच हैं। एक बीच का नाम आरे है और दूसरा बीच है वारे। ये बीच अलग होते हैं एक छोटी-सी पहाड़ी से। ये दोनों बीच आपस में साखरतार ब्रिज के पास मिलते हैं।

इस समुद्र तट का आकार घुमावदार पहाड़ियों की वजह से अर्ध-गोलाकार है। समुद्री तट पर सबसे अच्छा होता है सुनहरी रेत पर टहलना। यहाँ लगभग एक किलोमीटर तक रेत फैली हुई है। जिसे सड़क से देखने पर ये कटे हुए सुनहरे कटोरे जैसा दिखता है।

ये समुद्री बीच इसलिए भी खूबसूरत है क्योंकि यहाँ किसी भी प्रकार का इंडस्ट्रीयल या शहर का कचरा नहीं आता है। इसकी वजह है मुख्य शहर से इसकी दूरी। ये समुद्र तट कस्बों और लोगों के घरों से बहुत दूर हैं। जिस वजह से ये समुद्र तट गंदे होने से बचे हुए हैं। इसके बावजूद ये जगह दोनों शहरों के बीच में है और लोग यहाँ आना पसंद करते हैं। वे अरब सागर के इस नीले पानी को देखकर खुश होते हैं।

आरे-वारे बीच का सबसे अच्छा नज़ारा रात का होता है। जब आसमां में अंधेरा होता है और जमीं पर भी। तब आप फाइटोप्लैंकटन से समुद्र की लहरों को नीली रोशनी में चमकता देख सकते हैं। ऐसा तभी होता है जब आप लकी होते हैं और आसमान में चाँद नहीं निकलता है। इसके अलावा आप रात को यहाँ ठंडी-ठंडी लहरों के बीच कुछ वक्त बिता सकते हैं। ये सब महसूस करने के लिए ही तो ये जगहें होती हैं।

यहाँ आपको कोई खाने-पीने की कोई भी शाॅप नहीं मिलेगी जो यहाँ की खूबसूरती को बरकार बनाए रखे है। ऐसा करके यहाँ पर्यावरण और समुद्र दोनों ही स्वच्छ रहते हैं। अगर आप यहाँ आने की सोच रहे हैं तो अपना खाना लेकर आएँ। आप जो कूड़ा फैलाएँ, वो यहाँ छोड़कर ना जाएँ। ये एक अच्छे नागरिक की पहचान हैं जो आपको घूमते समय भी याद रखना चाहिए।

कैसे पहुँचे?

हवाई मार्गः आरे-वारे बीच से निकटतम एयरपोर्ट रत्नागिरी फिलहाल सार्वजनिक परिवहन के लिए खुला नहीं है। इसलिए निकटतम एयरपोर्ट कोल्हापुर में है, जो 140 . कि.मी. की दूरी पर है। आप कोल्हापुर से रत्नागिरी आसानी से ट्रेन या बस से आ सकते हैं।

ट्रेनः सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन रत्नागिरी में है। मुंबई और गोवा के बीच चलने के वाली सभी ट्रेनें रत्नागिरी से होकर गुज़रती हैं।

सड़क मार्गः आप सड़क मार्ग से आसानी से रत्नागिरी होते हुए आरे-वारे बीच पहुँच सकते हैं। रत्नागिरि बस स्टैंड से गणपतिपुले जाने पर आरे-वारे समुद्र तट मिलता है।

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