
हेलो मेरे दोस्तों मैं SUNNY KUMAR फिर एक नए ब्लॉग के साथ बहुत समय लगा मैं माफी चाहता हूं क्योंकि समय नहीं था कही न कही काम में व्यस्त रहता था और अब कोशिश करूँगा की व्लॉग जल्दी मिले
हम 4 दोस्त
1. Sunny Kumar
2. Karan Verma
4. Sanjay Singh
Bike
Royal Endfield: Thunder Bird

Royal Endfield: Meteor 350

Route:
नोएडा, गाज़ियाबाद, मुरादनगर, मोदीनगर, मेरठ, मुज्जफरनगर, रुड़की, हरिद्वार, ऋषिकेश, चम्बा, नई टेहरी, चिनयालीशोर होते हुए उत्तरकाशी, गंगोत्री, हर्षिल वैली और गरतांग गली
मैं अपनी देव भूमि उत्तराखंड मैं गंगोत्री, हर्षिल वैली और गरतांग गली के लिए गया था इतना सुन्दर जगह की आँखे बस इन वादियों को ही निहारती रही ठंडी-ठंडी हवाएं और शुद्ध वातावरण ना कोई शोर ना कोई प्रदूषण साफ और शुद्ध हवा सुहाना मौसम बहुत बड़े-बड़े पहाड़ दिल को बहुत सुकून मिलता है अपनी देव भूमि उत्तराखंड में आके इतना सुकून शायद फॉरेन ट्रिप मैं ना मिले क्यों की हमारे हिंदुस्तान है ही इतना सुन्दर पूरी कहानी बताऊंगा बस आप मेरी कहानी के साथ जुड़े रहे की क्या हुआ क्या नहीं हमे होटल नहीं मिला तो क्यों नहीं मिला और मिला तो कहा मिला सारी जानकारी डिटेल्स मैं बताऊंगा PHOTO और VIDEO के साथ
यह ट्रिप भी मेरी बाइक ट्रिप थी हम 4 दोस्त है 2 दिन की लगातार छुट्टी आ रही थी तो सोचा 2 दिन की एक्स्ट्रा छुट्टी ली जगह डीसाइड करी और हम घर से निकल पड़े हम लोगों ने GPS ऑन किया और निकल पड़े अपनी मंजिल की और





जो 497 KM था हमने वादियों का नजारा लेते हुए फोटो वीडियो लेते हुए पहाड़ो का लोकल फ़ूड एन्जॉय करते हुए उत्तरकाशी पहुंचे और टाइम बहुत हो चूका था और अँधेरा भी इस लिए उत्तरकाशी रुकना सही समझा
रात के 9 बज चुके थे पूरे 14 घंटे लगे उत्तरकाशी पहुंचने में क्यों की रास्ते में हम कई बार रुके टिहरी के पास बहुत और उससे आगे भी सुन्दर नज़ारे थे




टिहरी बहुत ज्यादा सुन्दर है तेज हवाएं खुला मौसम यहाँ पर फ्लोटिंग हट्स भी जहा आप रुक सकते आपको बोट से फ्लोटिंग हट्स पर लेके जायेंगे ये नदी के बिच मैं रहने के लिए बनाये हुए है यहाँ आपको डिनर ब्रेकफास्ट इन्क्लुएड मिलेगा पैकेज मैं पूरी सुविधा है एक होटल की तरह





उत्तरकाशी की मार्किट मैं होटल ढूंढ़ते ढूंढ़ते 30 MINUTE हो गए कई जगह पसंद भी आया पर महंगा था और कई जगह रूम महंगा था फिर एक होटल मिला
Location: उत्तरकाशी


HOTEL RISHABH वो ठीक ठाक था इतना खास भी नहीं था क्योंकि टाइम बहुत हो गया था ज्यादा लेट करते तो वो भी नहीं मिलता 4 लोगो का 1200 रुपए मैं 1 रूम बुक कर लिया 2 बेड के साथ थक चुके थे रूम मैं बैग रखे और थोड़ा रेस्ट किया फिर इन्ही के होटल मैं ढाबा था वहां से खाना मंगाया और खाया थोड़ा घूमे फिरे और सो गए
सुबह उठे 8 बजे और 9 बजे तक तैयार होकर सीधा हरसिल वैली की और निकल लिए बिना कुछ खाए पिए 77 KM था होटल HOTEL RISHABH से 13 KM पर गंगोरी और मनेरी के बिच मैं बारहट रेंज मैं आता है

वहा आपको अपना चार धाम जाने के लिए रजिस्ट्रशन करना अनिवार्य होता है और यह ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों होता है मर्जी आपकी है जैसा आपको अच्छा लगे इसमें आपका आधार कार्ड और फ़ोन नंबर से रजिस्ट्रशन होगा आधार कार्ड फिजिकल हो या हार्ड कॉपी कुछ भी दिखा सकते हो एक फॅमिली का एमर्जेन्सी नंबर देना होगा अगर आपको कुछ हो जाता है तो आपके घर पर आपकी जानकारी दे सके
आपके फ़ोन पर ग्रुप आईडी आ जाएगी जिसको समभाल के रख ले ताकि बीच में कोई आपको रोकता है तो आप उसको ग्रुप आईडी दिखा सके ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन मैं एक स्टीकर बैंड देते है आपकी मर्जी है उसे पहनो या ना पहनो यहाँ से निकलने के बाद ठीक 2.3 KM पर खेड़ी वाटर फॉल है

बहुत सुन्दर है पहाड़ के अंदर से पानी आता है वहा रुक कर फोटो वीडियो ली फिर सीधा निकल पड़े गंगोत्री के लिए




हमारे होटल से रस्ते मैं रुक-रुक कर वादियों की सुंदरता का नजारा लेते हुए फोटो-वीडियो लेते हुए हरसिल वैली पहुंचे

हरसिल वैली देखा बहुत सुन्दर है पहाड़ के बिच मैं बसा हुआ है मस्त ठंडी वाला मौसम था ये एक आर्मी एरिया भी है यहाँ बड़े-बड़े फाइटर टैंक, जिप्सी, टेम्पो, ट्रक, टोप्प भी थे हरसिल वैली पहुंच तो गए पर हमे यहाँ होटल नहीं मिला क्यों की लॉन्ग वीकंड पर ज्यादा तर होटल ऑनलाइन बुक हो जाते है ये बहुत छोटा गांव है और यहाँ होम स्टे मिल रहा था पर महंगा बहुत था. वहा 30 मिनट रुके हमने कुछ फोटो वीडियो बनाई एक बात ओर इस गाऊँ मैं राम तेरी गंगा मेली फिल्म की शूटिंग हुई 1980 मैं
हमे हर्षिल वैली मैं रहने के लिए कोई जगह नहीं मिली वीकंड की वजह से सरे होटल और होम स्टे सब बुक थे फिर हम हर्षिल वैली से निकल गए और होटल ढूंढ़ते-ढूंढ़ते हरसिल से धराली से भैरोघाटी पहुंचे पर होटल नहीं मिला फिर भैरोघाटी से 13 KM वापस धराली आए जिस होटल मैं हमने पहले बात करी थी PAICIFIC HOTEL

और अच्छा हुआ टाइम से आ गए वरना रात रोड पर गुजारनी पड़ती क्यों हमारे आते-आते धराली के सारे होटल बुक हो चुके थे
बहुत लोग तो 📍हरसिल से गंगोत्री तक हो कर आ गए पर होटल नहीं मिला फिर उन लोगो को रात कार में गुजारनी पड़ी जब भी वीकेंड पर आए अगर
हर्षिल में रुकना है तो होटल ऑनलाइन बुक सबसे पहले करे अगर वहा ना मिले तो धराली आ जाए यहाँ मिल जायेगा हमे तो रूम मिल गया PAICIFIC HOTEL & RESTRURENT मैं वो भी बालकिनी के साथ बालकनी वाले होटल का चस्का अल्मोड़ा से लगा था पर्सनल बालकनी बारिश का मौसम बहती हुई रिवर की आवाज़ PAICIFIC HOTEL & RESTRURENT का किराया 2100 रुपए था 4 लोग के लिए रेस्ट्रोरेंट इसी मैं था और पहले वाले से अच्छा था यहाँ यहाँ की चाय बिलकुल अच्छी नहीं है और यहाँ सारे ढाबे वेजीटेरियन है नॉनवेज कोई ना बनाता ना कोई खाता क्यों की यहाँ से 19 KM पर 📍गंगोत्री माँ धाम है जो चार धाम मैं आता है


कुछ ज्यादा पैसे की वजह से और भी होटल देखे पर कही समझ नहीं आ रहा था और बारिश भी हो रही थी फिर वापस HOTEL PACIFIC होटल बुक कर लिया
फिर हमने रेस्ट किया और फ्रेश होकर वही लोकल मार्किट मैं घूमने गए वापस आकर रूम के बहार कुर्सी डाली बैठ गए और गप-शप मारते रहे होटल के पीछे भगीरति नदी बह रही थी जो गंगोत्री के गोमुख से आ रही थी
यहाँ ठण्ड बहुत ज्यादा थी इसलिए यहाँ जब भी आए गरम कपडे लेकर आये सुबह शाम की ठंड रहती है दिन में गर्म मौसम रहता है
Location: धराली
📍धराली से हम लोग नाह धो कर सुबह 10 बजे गंगोत्री धाम और गारतांग गली के लिए निकल पड़े वहा बाइक मंदिर तक पहुंच जाती है और कार, बस मंदिर से 300 मीटर पहले उतार देती है वहां से पैदल जाना पड़ता है और जो लोग बुजुर्ग है चल नहीं पाते उनके लिए वहा व्हील चेयर पर ले जाने के लिए लोग खड़े है जो कुछ पैसा लेते है शायद मंदिर के द्वार तक छोड़ कर आते है





हम लोगों ने मंदिर में गंगोत्री माता के दर्शन किये गंगा जल भरा और निकल पड़े वापसी 📍गारतंग गली के लिए जो 9.7 KM पर था

वहाँ पर भी रजिस्ट्रशन होता है नाम, उम्र और एड्रेस के साथ 200 शुल्क है एक आदमी का
यहाँ एक लकड़ी का पुल है जो 150 साल पहले बनाया गया था इसका निर्माण फेड्रिक विल्सन ने किया था






1860 से 1870 के दशक में यह भारत और तिब्बत से वयापार करने के लिए बनाया गया था पर 1962 मैं चीन और भारत की लड़ाई के बाद यह रास्ता बिलकुल बंद कर दिया गया ठीक 59 साल बाद ये अगस्त 2021 में टूरिस्ट के लिए खोल दिया गया जगह बहुत सुन्दर है 11,000 फिट के ऊपर बना है 2.5 KM ट्रेक है 250 मीटर लम्बी लकड़ी का पुल है और एक बार मैं 10 लोग अनिवार्य है पर 10 से ज्यादा लोग चले जाते है
अंदर घूमते-घूमते फोटो वीडियो लेते हुए दोपहर के 3 बज चुके थे अब हम चल पड़े उत्तरकाशी के लिए क्यों घर का सफर 497 KM था जो दोपहर 3 बजे के बाद पॉसिबल नहीं था
फिर हमने सोचा उत्तरकाशी रुकते है सुबह जल्दी निकल जाएंगे गारतंग गली से मनेरी 72 KM था ट्रैफिक बहुत ज्यादा था 2 घंटे ख़राब हुए हमारे एक ही जगह पर रस्ते छोटे-छोटे किसी तरह 📍 मनेरी पहुंचे एक होटल दिखा SRI NARAYANA PALACE

जो रोड से दिखाई दे रहा हम वहाँ गए और 1500 रुपए मैं 4 लोगों के लिए साफ़ सुथरा बड़ा रूम मिल गया बड़ी बालकिनी के साथ रेस्ट किया खाना खाया बहुत थक चुके थे और वैसे भी सुबह जल्दी निकलना था वापस घर के लिए
Location: मनेरी
सुबह उठे 6 बजे और फ्रेश हुए 8 बजे निकल पड़े घर की और हमारा घर यहाँ से 420 KM था और हमें रात तक घर पहुंचा था दोपहर तक हम एक ढाबा पर रुके गंगोत्री जाते वक़्त हमने खाना यही खाया था ये टेहरी के पास है RAJ RESTAURANT



📍 धर्म बाजार राजदीप नगर मैं इनका खाना बहुत स्वाद और टेस्टी भी की आपको क्या बताओ गंगोत्री जाते वक़्त हमने इन्ही के रेस्ट्रोरेंट मैं खाना खाया था और आते वक्त भी यही खाया क्यों की भूख बहुत तेज लगी थी उत्तरकाशी जाओ इन अंकल के रेस्ट्रोरेंट मैं खाना खा कर जरूर आना बहुत अच्छे इन्सान है खाना भी इनका बहुत स्वादिस्ट है और महंगा भी नहीं है
यहां से निकलने के बाद सीधा 📍 नेपाली फार्म, ऋषिकेश, हरिद्वार होते हुए सीधा मुरादनगर रुके वो भी खाना खाने के लिए
रात के 10 बज चुके थे खाना खाया और सीधा निकल पड़े अपने घर की तरफ 11 बजे घर पहुंचे हम लोग पुरे 13 घंटे लगे अपने घर पहुंचने में
Important Notice
🙋खतौली से मुरादनगर सीधा 64.8 KM है और इस रोड से कभी भी भूल कर मत आना ट्रैफिक तो बिलकुल भी नहीं है पर रोड बहुत ज्यादा खराब है गड्ढे बहुत ज्यादा है कोई बाइक वाला हो या कार वाला स्पीड से जो आएगा 100% ख़राब होंगे ही साथ मैं एक्सीडेंट भी हो सकता है क्यों की इस रोड पर एक भी स्ट्रीट लाइट नहीं है और स्पीड ब्रेकर कब आ जाते है पता नहीं चलता इस रोड को छोड़ कर हाईवे से आए दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद के लिए
Like, Comment, Share
अब मेरा यह ब्लॉग यही खत्म होता है आपको कैसा लगा अपने सुझाव जरूर शेयर करे मुझे और हो सके तो मेरी कहानी अपने दोस्तों और परिवार के साथ जरूर साँझा करे ताकि वो कभी भी उत्तरकाशी या गगोत्री जाए तो उन्हें किसी भी प्रकार की दिक्कते ना हो पूरी जानकारी के साथ जाए