केदार कांठा ट्रेक उत्तराखंड के हिमालय घाटियों में बसा एक बहुत खूबसूरत ट्रेक में से एक है। ज्यादा तर लोग केदार कांठा और केदारनाथ के नाम से भ्रमित हो जाते है, उन्हें लगता है की यह दोनों एक ही ट्रेक है, लेकिन में आप सभी को शुरुआत में ही यह बता देना चाहता हु की केदार कांठा एक Trek है, और केदारनाथ उत्तराखंड में एक बहुत प्रसिद्ध मंदिर है, यह दोनों ही अलग-अलग स्थान है।
अब हम बात करते है, kedar kantha trek के बारे में यह ट्रेक उत्तराखंड के सबसे लोकप्रिय ट्रेक में से एक है। केदार कांठा ट्रेक की ऊँचाई 12,500 फ़ीट है। अब आप समझ गए होंगे की इतनी ऊँचाई से नज़ारा कैसा होगा।
इस ट्रेक की चढ़ाई पर्यटकों के बीच में बहुत लोकप्रिय है, यह ट्रेक करते समय आपको शिखर और बर्फ से ढकी चोटियां देखने को मिलती है। यह दृश्य इतना ज्यादा खूबसूरत होता है की इसको शब्दों में नहीं बताया जा सकता इस का अनुभव आपको खुद करना होगा। केदार कांठा ट्रेक का रास्ता घने जंगल के बीच से होते हुए जाता है।
जो इस रास्ते को और भी रोमांचक बनाता है, केदार कांठा ट्रेक से आपको बर्फ से ढके पहाड़ो और जंगलों का 360-डिग्री दृश्य साफ़ दिखाई देता है। केदार कांठा ट्रेक का कैंपसाइट सूर्यास्त का सबसे अच्छा दृश्य प्रस्तुत करता है जो हमेशा आपको याद रहेगा। जैसे-जैसे आप शिखर के करीब आते हैं, यह चढाई खड़ी और मुश्किल भी होती चली जाती है।
लेकिन ऊपरी हिमालय के करीब आते ही नज़ारा ऐसा होता है जैसे मानो दूनिया ही बदल गयी हो केदार कांठा की कुछ तस्वीर आप इस ब्लॉग में देख सकते हो असल दृश्य इससे कहि ज्यादा खूबसूरत होता है।
यह ट्रेक 24 किलोमीटर है।
kedar kantha trek सांकरी गांव उत्तराखंड से शुरू होता है। लेकिन आपको यहां पहुंचे के लिए सबसे पहले देहरादून पहुँचना पड़ेगा। देहरादून से सांकरी गांव की दूरी196 किलोमीटर की है जिसे करने में आपको 10 से 11 घंटे का समय लगेगा। देहरादून से आप सांकरी गांव के लिए सुबह जल्दी निकले जाए ताकि आप यहां पे समय से पहुँच जाए।
एक खास बात :- सांकरी में प्रवेश करने से पहले एक वन (Forest Permit) परमिट की आवश्यकता होती है। यह परमिट आपको सांकरी गांव से पहले गोविन्द पशु नेशनल पार्क आता है वहां एक चेक पोस्ट बना हुआ है।
आप अपनी सरकारी अधिकृत आईडी प्रूफ दिखा कर यहां से अपना वन परमिट (Forest Permit) ले सकते हो बहुत आसानी से और यह परमिट आपको सांकरी गांव में प्रवेश करने से पहले दिखाना होगा और एक छोटा सा फॉर्म भरना होगा।
kedar kantha trek करने का सबसे सही समय है, जनवरी से अप्रैल इस समय आप इस ट्रेक का मज़ा बहुत अच्छे से उठा सकते हो।
क्योंकि इस समय यहां काफी बर्फ होती है जो सर्दियों के दौरान पड़ी थी वो बर्फ आपको जनवरी से अप्रैल के बीच में देखने को मिल जाती है। इसलिए यह समय सबसे अच्छा रहेगा केदारकांठा ट्रेक करने के लिए।
१ जनवरी २०२३ समय सुबह के ३ हम २२ लोगों की टीम ने बेस कैंप से केदारकांठा की १२५०० फ़ीट ऊँची चोटी के लिए आख़रीदिन की चढ़ाई शुरू की चारों तरफ़ अँधेरा था बस अगर कुछ दिखाई दे रहा था तो सफ़ेद बर्फ़ जो अँधेरे में कुछ चमक रही थी हम सभी ने हेड लाइट लगाए हुए थे और लाइन बना क़र एक दूसरे के पीछे चल रहे थे चढ़ाई बहुत ज़्यादा थी सांस फूल रही थी और ठंड भी बहुत ज्यादा थी आखिरकार हम सात वजे केदारकांठा चोटी पर पहुँच गए यहां पर बहुत से लोग इकठा हुए थे जो नए साल की पहली सुबह चोटी पर नए साल का पहला सूर्या उदय देखने के लिए आये थे यहां १२५०० फ़ीट की ऊंचाई से चारों तरफ़ बर्फ़ से भरी चोटिओं के बीच उगता सूर्य देखने का नज़ारा बहुत ही खूबसूरत था अगर आप भी ट्रैकिंग के शौकीन हैं तो केदारकांठा का यह ट्रैक एक बार जरूर करें |
इस ट्रैक की और जानकारी के लिए ट्रैक का पूरा ५ दिन का वीडिओ आप मेरे YouTube चैनल Ranjit Sekhon Vlogs पे देख सकते हैं |
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