6 दिन, 700 किलोमीटर: ऐसे करें यमुनोत्री से गौमुख की सम्पूर्ण यात्रा प्लानिंग

Tripoto
18th Apr 2023
Photo of 6 दिन, 700 किलोमीटर: ऐसे करें यमुनोत्री से गौमुख की सम्पूर्ण यात्रा प्लानिंग by Yadav Vishal
Day 1

उत्तराखंड भारत के खूबसूरत राज्यों में से एक है। उत्तराखंड को देवों की भूमि भी कहा जाता है। क्योंकि यहां पर आपको कई हजारों साल पुरानी देवी देवताओं के मंदिर देखने को मिलेंगे।उत्तराखंड भारत का एक बहुत ही लोकप्रिय स्थल भी है जहां हिल स्टेशन के साथ-साथ कई सारे तीर्थ स्थल भी हैं, और इसी राज्य से हिन्दू धर्म में सबसे पवित्र और पावन मानी जाने वाली नदियों में से दो नदियां गंगा और यमुना का उद्गम स्थल भी है।जहां हर साल अलग-अलग जगहों से बहुत सारे पर्यटक घूमने आते हैं।आज हम आपको इस लेख में यह बताएंगे कि कैसे आप 6 दिनों में, लगभग 700 किलोमीटर तय करके देहरादून, यमुनोत्री, गंगोत्री, गौमुख और हरिद्वार की यात्रा कर सकते हैं।

पहला दिन: देहरादून से जानकी चट्टी

यात्रा की शुरुआत हम उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से करेंगे।देहरादून से जानकी चट्टी लगभग 180 किलोमीटर हैं। इसलिए हम पहले बरकोट जायेंगे और वहां रुक के दोपहर का खाना खायेंगे।देहरादून से बरकोट लगभग 130 किमी है और यहां तक पहुंचने में लगभग 4 घंटे लगेंगे।कुछ टाइम आराम करने के उपरांत हम जानकी चट्टी के लिए निकलेंगे जो की बड़कोट से 50किलोमीटर हैं और वहां तक पहुंचने में हमें 2 घंटे के लगभग लग जायेंगे।अगर हम बड़कोट से जानकी चट्टी के लिए 2 बजे निकलते हैं तो रात तक जानकी चट्टी पहुंच जायेंगे।सड़क पहाड़ों और घने जंगलों से होकर गुजरती है, जिसके बीच में बर्फ से ढकी चोटियां हैं। जानकी चट्टी एक छोटी सी बस्ती है और यमुनोत्री के ट्रेक का मध्य बिंदु है, जहां जीपों द्वारा पहुंचा जा सकता है। यमुनोत्री से लगभग 7 किमी पहले स्थित, यह थर्मल स्प्रिंग्स के लिए लोकप्रिय है। आप यहां रात रुक सकते हैं।

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Day 2

दूसरा दिन: जानकी चट्टी से यमुनोत्री

दूसरे दिन की यात्रा करने से पहले आप सुबह के गरम गरम नाश्ता करें।फिर यमुनोत्री की यात्रा शुरु करें।यात्रा शुरु करने से पहले आप झरनों में एक पवित्र स्नान कर सकते हैं।यमुनोत्री का ट्रैक लगभग 7 किलोमीटर का हैं। इस ट्रैक को पूरा करके आप लगभग 1 बजे यमुनोत्री आसानी से पहुँच सकते हैं।आप यमुनोत्री में अपना दोपहर का भोजन कर सकते हैं और या पूजा के लिए मंदिर जा सकते हैं।यमुनोत्री में,सूर्य भगवान के नाम पर एक प्राकृतिक गर्म पानी का झरना है, जिसे यमुना नदी का पिता कहा जाता है।इसी सूर्य कुंड में भक्तगढ़ प्रार्थना करते हैं।तीर्थयात्री कुंड में स्नान करते हैं, और भगवान को प्रसाद के रूप में चावल और आलू चढ़ाते हैं। यमुनोत्री चार धाम स्थलों में से एक है और चार धाम सर्किट में यात्रा करने वाला पहला स्थान भी है। यमुना देवी के यमुनोत्री मंदिर में हर साल अप्रैल से अक्टूबर के बीच हजारों पर्यटक आते हैं। आपकी प्रार्थना के बाद, आप जानकी चट्टी तक ट्रेक कर सकते हैं और फिर सड़क मार्ग से बड़कोट की ओर बढ़ सकते हैं। आप रात में बरकोट में रुक सकते हैं।

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Day 3

तीसरा दिन: बड़कोट से गंगोत्री

अगली सुबह लगभग 7 बजे गंगोत्री की ओर प्रस्थान करें। रास्ते में आप उत्तरकाशी के GMVN विश्राम गृह में दोपहर के भोजन के लिए रुक सकते हैं।गंगोत्री बरकोट से लगभग 180 किमी दूर है और आपको पहुंचने में लगभग 6 घंटे लग सकते हैं।चार चार धाम स्थलों में से एक प्रमुख धार्मिक स्थल, उत्तरकाशी में स्थित गंगोत्री, देवी गंगा से निकटता से जुड़ा हुआ है।गंगा नदी गंगोत्री ग्लेशियर से निकलती है और भागीरथी के नाम से जानी जाती है।देवप्रयाग से गुजरने और अलकनंदा नदी में विलीन होने के बाद इसे गंगा नाम दिया गया है। आसपास के क्षेत्र में बर्फ से ढके पहाड़ों की आकर्षक उपस्थिति और चारों ओर बहने वाली गंगा का शुद्ध क्रिस्टल साफ पानी इस जगह की पवित्रता को बढ़ाता है। दोपहर करीब 2 बजे आप गंगोत्री पहुंचेंगे और यहां के किसी भी रेस्टोरेंट में लंच कर सकते हैं। टोले में पहुंचने के बाद मुख्य गंगा मंदिर के दर्शन करें।यहां कई अन्य आध्यात्मिक स्थल हैं और आप शाम का समय उन्हें तलाशने में बिता सकते हैं।शाम के समय, गंगा आरती का आनंद लें, जो अतिवास्तविक लगती है क्योंकि झिलमिलाते दीपक तेजी से बहती नदी पर प्रतिबिंबित होते हैं और ऊंचे पहाड़ों में चारों ओर मंत्र गूंजते हैं। गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) द्वारा यहां किफायती आवास चलाए जा रहे हैं। आप रात्रि विश्राम गंगोत्री में कर सकते हैं।

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Day 4

चौथा दिन: गंगोत्री से भोजबासा

यात्रा के चौथे दिन की शुरूआत एक ट्रैक से शुरु कीजिए जो कि लगभग 14 किलोमीटर दूर भोजबासा के लिए के लिए हैं।इस ट्रैक की शुरूआत आप 5 बजे सुबह शुरू करिए सुबह की ताज़ी हवा और मनोरम दृश्य के साथ ट्रैक करने का मज़ा ही दुगना हो जाता हैं।बीच में 9 किमी के बाद आप चाय के लिए चिरबासा पहुंचेंगे।यहां से आपको ट्रैक पूरा करने में आपको लगभग 4 घंटे लगेंगे। हालाँकि, याद रखें कि इस ट्रेक के लिए जिला वन अधिकारी की अनुमति आवश्यक है क्योंकि मार्ग गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान से होकर गुजरता है।इसे उत्तरकाशी से प्राप्त किया जा सकता है। आपको ट्रेक एंट्री चेक-पोस्ट पर अपना गौमुख परमिट दिखाना होगा और शुल्क का भुगतान करना होगा।शुल्क का भुगतान आप ऑनलाइन भी कर सकते हैं।गौमुख की कुल दूरी लगभग 16 किलोमीटर है। कुछ जगहों पर रास्ता काफी मुश्किल है और आखिरी के कुछ किलोमीटर काफी चुनौतीपूर्ण हैं। लेकिन ट्रेक का प्रमुख हिस्सा कुछ खड़ी चढ़ाई के साथ आसान है।पूरे ट्रेक पर आपको बेहतरीन नजारे देखने को मिलेंगे। जहां आप फ़ोटो और रिल्स बना सकते हैं या आप एक यूट्यूड ब्लॉगर हैं तो अपने ब्लॉग शूट कर सकते हैं।आप गौमुख से 4 किमी दूर भोजवासा में शिविर में रुक सकते हैं। आप यहां रात के लिए डेरा डाल सकते हैं। एक GMVN आवास भी है। दोपहर 2 बजे से पहले भोजबासा पहुंचें तो गौमुख की ओर बढ़ें। या, आप अगले दिन शुरू कर सकते हैं।

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Day 5

पांचवा दिन: भोजबासा से गौमुख

यात्रा का पांचवा दिन भोजबासा से शुरु होता हैं।भोजबासा से गौमुख 4 किलोमीटर की दूरी पर है। यह एक बहुत ही ख़ूबसूरत ट्रैक हैं, जहां आप सिर्फ पगडंडी के रास्ते पूरा ट्रैक पूरा कर देते हों।भोजबासा से पगडंडी जीएमवीएन रेस्ट हाउस के पीछे से शुरू होती है, जहाँ आप पगडंडी पर जाने के लिए थोड़ा चढ़ते हैं। यहाँ से, अधिकांश स्थानों पर पगडंडी अच्छी तरह से चिह्नित है। रास्ता पथरीला है और आपको कई जगहों पर बोल्डर होपिंग करनी पड़ सकती है।आपकी बता दूं गंगोत्री से गौमुख तक भागीरथी नदी बहती है।जैसे ही आप भोजबासा को पार करते हैं उसके कुछ ही मिनटों के भीतर, आप अपने दाहिनी ओर भव्य शिवलिंग शिखर और सीधे भागीरथी चोटियों के समूह को देख पाएंगे।बर्फ से ढकी इन चोटियों का नजारा जीवन बदलने वाला अनुभव है। जिसे हर यात्री को अपने जीवन काल में करना चाहिए।भोजबासा से गौमुख तक पहुँचने में आपको लगभग 3 घंटे लगेंगे। एक बार पहुंचने के बाद, नाटकीय परिदृश्य में जाएं।कुछ देर इन वादियों में बैठें और दृश्यों का आनंद लें।

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Day 6

छठा दिन: गंगोत्री से हरिद्वार

अगली सुबह आप वापस हरिद्वार के लिए अपनी यात्रा शुरू करेंगे। हरिद्वार गंगोत्री से लगभग 280 किलोमीटर दूर है और आपको पहुँचने में लगभग 8 घंटे लगेंगे।हरिद्वार का हर की पौड़ी विश्व प्रसिद्ध है, जहां रोजाना हजारों लोग घूमने और गंगा स्नान करने आते हैं।तीर्थ नगरी हरिद्वार में हर की पौड़ी समेत कई प्राचीन मंदिर है।धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्राचीन काल में समुद्र मंथन से निकले अमृत कलश से अमृत की बूंदें हरिद्वार की हर की पौड़ी, इलाहाबाद, नासिक और उज्जैन में छलक कर गिरी थीं।हरिद्वार पहुंच के आप सबसे पहले रूम ले,और कुछ खा के आराम कर ले।शाम को गंगा आरती देखें और मार्केट घूमे।सुबह सुबह गंगा में स्नान से शुरु करे और आस पास के मंदिरों को घूमें।फिर शाम को अपने घर के लिए प्रस्थान करें।

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यात्रा का कुल बजट

अगर आप 6 दिन,लगभग 700 किलोमीटर की यात्रा का प्रोग्राम देहरादून, यमुनोत्री, गंगोत्री, गौमुख और हरिद्वार का बना रहे हैं तो हम आपको बता दें इस ट्रिप का कुल खर्च प्रति व्यक्ति लगभग 10000 रूपए आयेगा।इसके आलावा अगर आप कोई टूर पैकेज बुक करना चाहते हैं तो आप जीएमवीएन टूर पैकेज भी देख सकते हैं। 

आप इस वेबसाइट पर क्लिक करके यहां बुकिंग भी कर सकते हैं।

पढ़ने के लिए धन्यवाद। यदि आपको यह लेख अच्छा लगे तो अपने सुंदर विचार और रचनात्मक प्रतिक्रिया को साझा करें।

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