पढ़िए कैलाश पर्वत के बारें में कुछ शानदार जानकारियां

Tripoto
Photo of पढ़िए कैलाश पर्वत के बारें में कुछ शानदार जानकारियां by Rishabh Bharawa

कैलाश पर्वत की परिक्रमा तीन दिन की होती हैं और यह करीब 55km की होती हैं...बीच में सबसे ऊंचा स्थान करीब 18800feet का आता हैं जिसे Dolma La दर्रा कहते हैं...10000ft से ऊपर जाते ही एक सामान्य इंसान जो पहाड़ों से ताल्लुक नहीं रखता हैं, उसे कई तरह की शारीरिक दिक्कतें आ सकती हैं ..तो सोचो 18800ft पर क्या हाल रहता होगा सबका...इस ऊंचाई पर हम 5 से 10 कदम चलते और फिर रुकना पड़ता, ताकि साँस ले सके.... ऑक्सीजन की कमी ऐसी ऊंचाई पर सबसे बड़ा चैलेंज रहता ही हैं... Dolma La दर्रा दूसरे दिन के ट्रेक में मिलता हैं...जो अधिकतर समय बर्फ से ढका रहता हैं..

तीनों दिन की परिक्रमा में कैलाश पर्वत के चारों मुख के दर्शन होते हैं...ये जो फोटो में दिख रहा हैं यह कैलाश पर्वत के उत्तरी मुख हैं...यह पहले दिन की परिक्रमा में ही दिखने लग जाता हैं...पूरी यात्रा में आप कैलाश पर्वत के करीब नहीं जा सकते हैं... करीब जाने के लिए inner Cora यात्रा करनी होती हैं.. बहुत ही ज्यादा खतरनाक होने से चीन सरकार ने inner cora यात्रा को बैन किया हुआ हैं..लोग दूसरे तरीके से वहाँ जाते हैं..

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फोटो में जो रास्ता दिख रहा हैं वह Inner Cora यात्रा का ही एक रास्ता हैं..जब पहले दिन यात्री डेरापुख नाम की जगह पर रुकते हैं तो जिनमें थोड़ा दम रह जाता हैं वे inner Cora के इस रास्ते पर कुछ किलोमीटर जा कर, कैलाश पर्वत के दर्शन थोड़े नजदीक से कर आते हैं...इसे चरण स्पर्श यात्रा बोली जाती हैं...

हम 54 में से करीब 30 लोग इस चरण स्पर्श यात्रा पर गए थे जो एकदम सीधी खड़ी चढ़ाई होती हैं...ऊपर पहुचते ही, जैसे जैसे आप कैलाश पर्वत के नजदीक पहुंचने लगते हैं, मौसम विपरित होता रहता हैं...ठण्ड, बारिश, तीखी हवा बढ़ जाती हैं..आपको ऐसा लगने लगता हैं कि अब आगे नहीं जाना चाहिए...एक निश्चित जगह से आगे वैसे भी वहाँ कोई जा नहीं सकता...क्योंकि रास्ता हैं ही नहीं, आगे केवल बर्फीली खाई नजर आती हैं और कैलाश पर्वत से लगातार गिर रहीं बर्फ दिखती हैं...वातावरण में हवा की आवाज के अलावा कोई आवाज नहीं आती...

खैर, हम लोग भी एक निश्चित स्थान पर पहुचे...आगे मौसम विपरित दिख रहा था..कैलाश पर्वत एकदम विशाल स्वरूप में हमारी आँखों के सामने था..वही बर्फ की एक चट्टान पर हमने पूजा की और 15 मिनट रुक कर वापसी कर ली...क्योंकि वहाँ ज्यादा देर रुकना मतलब भयंकर रूप से बीमार हो जाना था...

2018 का सावन चल रहा था और अभी भी आगे कई दिनों की यात्रा बाकी थी...बाकी बातें और कभी..

कैलाश मानसरोवर में कुछ फ़िलहाल जानने लायक बातें जो हैं वे इस प्रकार हैं -

1. कैलाश मानसरोवर भारत में नहीं हैं, तिब्बत में हैं जो चीन के अधीन हैं फ़िलहाल...वहाँ जाने के लिए वीजा, पासपोर्ट और फिट शरीर चाहिए...

2. फ़िलहाल 2019 के बाद से यह यात्रा इंडियन पासपोर्ट होल्डर के लिए बंद हैं...अगर आप NRI हैं तो नेपाल के रास्ते जा सकते हैं...

3. खर्चा 2 से 2.5 लाख तक आता था जिसमें कुछ राज्य यात्रियों को एक लाख रुपये तक की सब्सिडी देते हैं/थे...

4. भारत में lipulekh दर्रे से कैलाश दर्शन जल्द ही शुरू होंगे..पर यह दर्शन मौसम साफ़ होने पर दूरबीन से होंगे...लेकिन मानसरोवर झील के दर्शन इस तरह सम्भव नहीं हैं...

5. आदि कैलाश यात्रा, कैलाश मानसरोवर यात्रा दोनों अलग अलग हैं..वैसे lipulekh दर्रा आदि कैलाश से करीब 30km ही दूर हैं...

6. अब जब कभी यात्रा की परमिशन चीन देगा हमें, तब यात्रा उस तरह की नहीं होगी जिस तरह की हमने की थी..हमने 33 दिनों में यात्रा की थी जो अब शायद 10 दिनों में ही हो जाये... पूरी यात्रा आप मेरी पुस्तक में पढ़ सकते हैं...

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‐ऋषभ भरावा