हर यात्रा की अपनी एक अलग कहानी होती है और कभी-कभी ऐसी ही यात्रा के दौरान किसी मंजिल की तलाश में आप किसी दूसरी जगह पहुँच जाते हैं जो कि आपकी यात्रा में एक अनूठा और यादगार अनुभव जोड़ देती है। ऐसा ही कुछ हुआ हमारी ऋषिकेश की यात्रा के दौरान जब हम जाना चाह रहे थे लक्ष्मण झूला के पास बने तेरह मंजिल मंदिर जिसे त्र्यंबकेश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। अब न तो हमें मंदिर का नाम पता था और इसके साथ ही मंदिर की मंजिलों को भी 13 की जगह हम 11 मान कर लोगों से पूछताछ करने लगे। फिर क्या था, पूछते-पूछते हम पहुँच गए ऋषिकेश में एक ऊँची पहाड़ी पर मौजूद 11 मंजिला मंदिर तक जिसे भूतनाथ मंदिर के नाम से जाना जाता है। वहां जाकर जब मंदिर से जुड़ी महादेव की अद्भुत कहानी सुनी और साथ में इतनी ऊंचाई से पुरे ऋषिकेश का खूबसूरत नज़ारा देखा तब समझ आ गया कि यात्रा से जुड़ी सबसे सुन्दर यादें तो तभी बनती हैं जब आप किसी अनजानी जगह बिना प्लान किये पहुँच जाते हैं। तो चलिए बताते हैं आपको इस मंदिर से जुड़ी पूरी जानकारी....
भूतनाथ मंदिर, ऋषिकेश
देवभूमि उत्तराखंड में प्राचीन मंदिरों और उनसे जुड़ी पौराणिक कथाओं के बारे में जितना भी जान लो वो जानकारियां कम ही रहने वाली हैं। ठीक इसी तरह ऋषिकेश में भी अनेक मंदिर हैं और उनसे जुड़ी मान्यताएं और इतिहास भी जिनके बारे में विस्तार से जानना ही काफी रोचक अनुभव होता है। उन्हीं में से एक भगवान् शिव के विवाह से जुड़ी एक रोचक कथा से जुड़ा मंदिर जिसे भूतनाथ मंदिर के नाम से जाना जाता है, ऋषिकेश में राम झूला व स्वर्गाश्रम के पास मणिकूट पर्वत पर स्थित है।
इस मंदिर में कुल 11 मंजिल हैं और यह मंदिर खुद एक पहाड़ी पर मौजूद है। जिस वजह से जब हमने मंदिर की सबसे ऊँची मंजिल पर पहुंचकर ऋषिकेश वो शानदार का नज़ारा देखा तो यकीन मानिये ऋषिकेश का इतना खूबसूरत रूप हमने खुद की आँखों से तो क्या बल्कि कभी किसी फोटो में भी नहीं देखा था। निरंतर बहती माँ गंगा और साथ में राम झूला, लक्ष्मण झूला और जानकी झूला को एक साथ देखने का वो अद्भुत दृश्य हमेशा के लिए हमारे मन में सेव हो गया। फिर 11वीं मंजिल पर बने मंदिर में महादेव के भूतनाथ स्वरुप के दर्शन करके और इस मणिकूट पर्वत से जुड़ी कथा सुनकर सच में मन आनंदित हो गया।
भूतनाथ मंदिर से जुड़ी पौराणिक कथा
जैसा कि हमने आपको बताया कि यह मंदिर ऋषिकेश में मणिकूट पर्वत पर स्थित है और भगवान् शिव के विवाह से जुड़ी एक रोचक कथा इस मंदिर के संक्षिप्त महात्म में बताई जाती है कि जब महादेव शंकर कैलाश से बारात लेकर दक्ष प्रजापति की पुत्री सती से विवाह रचाने राजा दक्ष के निवास स्थान कनखल जा रहे थे तभी महादेव को विचार आया कि उनकी भूतों की बारात को देखकर ससुराल में सभी लोग भयभीत हो जायेंगे। और इसी विचार के बाद भगवान् शंकर ने अपनी भूतों की बारात को मणिकूट पर्वत पर इसी मंदिर के स्थान पर ठहराया था। इस मंदिर में सबसे ऊँची मंजिल पर बने भूतनाथ मंदिर में मणिकूट पर्वत पर भोले बाबा का भूतनाथ होकर, बैल पर सवार होकर विवाह के लिए जाने के पल को बेहद खूबसूरती से एक चित्र में दिखाया गया है।
भूतनाथ मंदिर से जुड़ा रहस्य
मंदिर से जुड़ी पौराणिक कथा तो आपने पढ़ ही ली लेकिन मंदिर से जुड़े एक रहस्य के बारे में भी जान लीजिये। मंदिर में सबसे नीचे वाली मंजिल पर जो शिवलिंग है वहां शिवलिंग के चारों ओर अलग-अलग दिशाओं में कुल 10 घंटियां हैं और इन घंटियों को चाहे आप एक साथ बजा लें या फिर अलग-अलग समय में, हर एक घंटी की ध्वनि दूसरी घंटी से एकदम अलग निकलती है जो की इस मंदिर से जुड़ा वर्तमान समय का एक अनोखा रहस्य है। बताया जाता है कि कई लोगों ने इस बात को समझने कि कोशिश की है लेकिन आज तक इसका कारण कोई समझ नहीं पाया।
भूतनाथ मंदिर कैसे पहुंचे?
ऋषिकेश में पहुँचने के बाद आप सबसे पहले राम झूला पहुँच जाएँ और वहां से घनी हरियाली वाले मणिकूट पर्वत पर बना यह 11 मंजिला मंदिर आपको दूर से ही दिख जायेगा। उसी की ओर लोगों से पूछते हुए रामझूला के पास बने गीता भवन से करीब 1 किलोमीटर चलकर आप इस मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार तक आसानी से पहुँच जायेंगे। वहां से मंदिर तक के लिए एक चढ़ाई वाला रास्ता बना है जिसे पूरा करने में करीब 10 मिनट का समय लगेगा और फिर मंदिर की पहली मंजिल तक पहुँचने के लिए आपको सीढ़ियां और साथ में एक अन्य चढ़ाई वाला रास्ता दिखेगा। आप अपनी सुविधानुसार सीढ़ियों या फिर उस रास्ते से मंदिर की पहली मंजिल तक पहुँच सकते हैं। फिर वहां से सीढ़ियों की सहायता से आप सभी 11 मंजिलों पर जा सकते हैं। यकीन मानिये आप मंदिर की जितनी ऊपर वाली मंजिल पर जायेंगे ऋषिकेश का उतना ही खूबसूरत नज़ारा और साथ में चलने वाली ताज़ी और तेज़ हवा आपके मन को उतना ही अधिक सुकून देंगे।
आपको बता दें कि ऋषिकेश में स्थित स्वर्गाश्रम से यह मंदिर करीब 800 मीटर की दूरी पर है और वहीं परमार्थ निकेतन आश्रम से मंदिर का मुख्य प्रवेश द्वार करीब 700 मीटर की दूरी पर है।
तो ऋषिकेश में प्रकृति के बीचों-बीच भीड़ से एकदम दूर एक बेहद पवित्र स्थान जहाँ आपको भगवान् के दर्शनों के साथ ही ऋषिकेश के बेहद अद्भुत नज़ारे देखने को मिलेंगे, वो स्थान है- भूतनाथ मंदिर। आप अपनी ऋषिकेश की यात्रा में इस मंदिर को जरूर शामिल करें इसीलिए हमारे पास इससे जुड़ी जितनी भी जानकारियां थी उन्हें हमने इस लेख के माध्यम से आपसे साझा करने का प्रयास किया है। अगर आपको ये जानकारियां अच्छी लगी तो प्लीज इस आर्टिकल को लाइक जरूर करें और ऐसी ही और जानकारियों के लिए आप हमें फॉलो भी कर सकते हैं।
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