रोड ट्रिप पर जा रहे हैं? तो ये गाने आपकी प्लेलिस्ट में जरूर होने चाहिए

Tripoto
Photo of रोड ट्रिप पर जा रहे हैं? तो ये गाने आपकी प्लेलिस्ट में जरूर होने चाहिए by Adarsh Sharma

पहाड़ों में सफ़र हमेशा ही मंजिल से ज्यादा खुबसूरत होता है. कदम कदम पर घुमावदार रास्ते, हल्की ठण्ड, धुआं धुआं सा समां, कभी धुप तो कभी बारिश, आपकी बगल की सीट पर आपका साथी और धीमे वॉल्यूम के साथ बजते गाने आपको सुहाने सफर पर लिए जा रहे. मूड तो गाने ही बनाते हैं और कुछ गाने तो ऐसे होते हैं जिन्हें सुनने के बाद दिल करता है काश ये कभी ख़त्म ही न होता. तो आइये एक प्लेलिस्ट बनाते हैं जो आपके रोड ट्रिप को कभी न भूलने वाला सफ़र बना देगा.

1. सुहाना सफर और ये मौसम हसीं, हमें डर हैं हम खो न जाएं कहीं (मधुमती, 1958)

अगर बात गानों की करें तो पुराने जमाने के गानों का अब भी कोई तोड़ नहीं. शैलेंद्र के लिए जादू भरे लिरिक्स और मुकेश की दिलकश आवाज... आप चाहेंगे कि न ये गाना कभी ख़त्म हो और न ये सुहाना सफ़र

2. पुकारता चला हूँ मैं, गली गली बहार की (मेरे सनम, 1965)

मजरूह सुलतानपुरी के लिखे इस रूहानी गाने को आवाज दी है मोहम्मद रफ़ी ने. पहाड़ी घुमावदार रास्तों पर ये गाना आपको एक दूसरी ही दुनिया में ले जाएगा. इस गाने के साथ साथ जब आप भी गुनगुनायेंगे 'सुनी मेरी सदा तो किस यक़ीन से, घटा उतर के आ गयी ज़मीन पे... रही यही लगन तो ऐ दिल-ए-जवाँ, असर भी हो रहेगा इक हसीन पे...' तो आपके बगल में बैठा हमसफ़र आपकी इस अदा पर जरूर मुस्कुराएगा. आप चाहेंगे ये गाना भी चलता रहे और ये सफ़र भी.

3. हम जो चलने लगे हैं (जब वी मेट, 2007)

शाहिद कपूर और करीना कपूर की फिल्म जब वी मेट का शान की आवाज में ये गाना आपके सफर को यादगार बना देगा. बस आप मीलों चलते रहे इस गाने के साथ जैसे करीना और शाहिद चलते रहे थे रतलाम से भटिंडा तक.

4. पटाखा गुड्डी (हाइवे, 2014)

कार के शीशे खोलिए, वॉल्यूम को थोड़ा बढ़ाइए और फिर देखिये हाइवे पर कैसे आप पटाखा गुड्डी की तरह बहते चले जा रहे हैं. ये सिर्फ गाना नहीं बल्कि एक एनर्जी ड्रिंक की तरह है जो सफर का सारा थकान उतार को आपको रिफ्रेश कर देता है कुछ और मील बिना थके चलने के लिए.

5. जो तुमको हो पसंद वही बात करेंगे (सफ़र, 1970)

आपने कभी इस गाने का वीडियो देखा है? फिरोज खान शर्मीला टैगोर के लिए ये गाना एक रोड ट्रिप पर ही गाते हैं. तुम दिन को अगर रात कहो, रात कहेंगे. मुकेश की आवाज में एक अलग ही जादू है.

6. यूँ ही चला चल राही (स्वदेश, 2014)

ये गाना तो आपके प्लेलिस्ट में होना ही होना चाहिए. ये गाना सिर्फ गाना नही बल्कि एक मलंग बाबा है जो आपको आगे बढ़ने के मोटिवेट करते रहता है.

7. मुसाफिर हूँ यारों (परिचय, 1972)

न घर है न ठिकाना... मुझे चलते जाना है... इस गाने को सुनकर ऐसा लगता है मानों आपकी आत्मा सफ़र पर हो. 70 के दशक को यूँ ही म्यूजिक का गोल्डन एरा नहीं कहते. किशोर कुमार, आरडी बर्मन और गुलज़ार के इस परफेक्ट कॉम्बिनेशन के बिना आपकी प्लेलिस्ट अधूरी है.

8. क्यों, न हम तुम (बर्फी, 2012)

क्यूँ, न हम तुम.. चले ज़िन्दगी के नशे में ही धुत सरफिरे... चल, भटक ले ना बावरे. अपने हमसफ़र के साथ टेढ़े मेढ़े रास्तों पर भटकने का मज़ा क्या है ये इस गाने को सुनकर पता चलता है. ड्राइव करते करते खो जाइए रास्तों पर

9. जर्नी सॉंग (पीकू, 2015)

पीकू का ये गाना अपने आप में एक सफ़र है. अनुपम रॉय की आवाज में इस गाने के बीच बीच में श्रेया घोषाल की आवाज में बंगाली लाइन्स आपको एक अलग ही रूहानी दुनिया में ले जाती है.

10. आज फिर जीने की तमन्ना है (गाइड, 1965)

अपने ही बस में नहीं मैं, दिल है कहीं तो हूँ कहीं मैं

हो जाने क्या पाया के मेरी ज़िंदगी ने

हँस कर कहा... आज फिर जीने की तमन्ना है ..

ऑफिस के 10-6 का मशीनी रूटीन और व्यस्त जीवन के नियम कायदों को तोड़ कर जब मन उन्मुक्त हो कर सफ़र पर निकलता है तो लब यही गुनगुनाते है.. आज फिर जीने की तमन्ना है. लता मंगेशकर की आवाज में ये गाना आपकी प्लेलिस्ट में है या नहीं? अगर नहीं तो इसे अभी एड कीजिये.