यूपी के वे टॉप 10 पर्यटन स्थल, जहां गए बिना आपकी यात्रा नहीं होगी पूरी

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Photo of यूपी के वे टॉप 10 पर्यटन स्थल, जहां गए बिना आपकी यात्रा नहीं होगी पूरी by Hitendra Gupta

उत्तर प्रदेश देश का ऐसा राज्य है जहां सालों भर पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है। उत्तर प्रदेश काफी खूबसूरत राज्य है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता लोगों को बरबस ही अपनी ओर आकर्षित कर लेती है। भगवान राम की नगरी अयोध्या, भगवान कृष्ण की नगरी मथुरा-वृंदावन से लेकर भगवान बुद्ध से संबंधित सारनाथ और कुशीनगर जैसे धार्मिक स्थलों पर हर दिन श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। महादेव की नगरी काशी, कुंभनगरी प्रयागराज से लेकर प्रेम प्रतीक की नगरी आगरा जैसे पर्यटक स्थल घुमक्कड़ों के लिए पसंदीदा डेस्टिनेशन बने हुए हैं। नजाकत, नफासत और तहजीब के शहर लखनऊ गए बिना तो जैसे आपकी यात्रा पूरी ही नहीं होगी।

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नए साल में लोग फिर से घर से बाहर निकला शुरू कर दिए हैं। वे नई-नई जगहों पर जा रहे हैं तो ऐसे में आइए जानते हैं उत्तर प्रदेश के उन टॉप 10 पर्यटन स्थलों के बारे में जहां आप देश के किसी भी कोने से आसानी से पहुंच सकते हैं।

1. वाराणसी

बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणसी को बनारस या काशी के नाम से भी जानते हैं। काशी दुनिया की सबसे प्राचीन जीवंत नगरी के रूप में विख्यात है। पवित्र गंगा नदी के किनारे बसे काशी को देवों के देव महादेव की नगरी भी कहते हैं। यहां 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक काशी विश्वनाथ मंदिर है। हाल ही में श्रीकाशी विश्वनाथ कॉरिडोर श्रद्धालुओं के लिए खोला गया है। इस कॉरिडोर के खोलने के बाद से यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या में पांच गुना वृद्धि हुई है। आपको हैरानी होगी कि नए साल पर गोवा से ज्यादा देशी पर्यटक काशी आए हुए थे। मान्यता है कि घाटों के इस शहर में गंगा स्नान के बाद बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने से सारे पाप मिट जाते हैं। वाराणसी हिंदु धर्म के साथ बौद्ध और जैन धर्म के अनुयायिसों के लिए भी आस्था का एक प्रमुख केंद्र है। यहां के प्रसिद्ध मंदिरों में काल भैरव मंदिर, संकट मोचन मंदिर, शीतला मंदिर, चौसठ योगिनी मंदिर, तुलसी मानस मंदिर, भारत माता मंदिर, दुर्गा मंदिर, केदारेश्वर मंदिर शामिल हैं। वाराणसी में गंगा घाट के किनारे शाम में होने वाली गंगा आरती को देखना एक दिव्य अनुभव है। यहां आने पर गंगा आरती को मिस नहीं कीजिएगा। वाराणसी खाने-पीने की चीजों के लिए भी मशहूर है। यहां कि गलियों में मिलने वाले चाट, पकौड़े, कचौड़ी-सब्जी, रबड़ी, लस्सी, जलेबी चखना मत भूलिएगा।

कैसे पहुंचे-

वाराणसी देश के सभी इलाकों से रेल, सड़क और वायुमार्ग से जुड़ा हुआ है। आप देश के किसी भी कोने से आसानी से वाराणसी पहुंच सकते हैं। वाराणसी घूमने के लिए ऑटो या टैक्सी सही रहता है। अगर जल्दी में नहीं हैं तो गलियों के इस शहर में आप घाट के किनारे पैदल घूम सकते हैं।

2. सारनाथ

वाराणसी से सिर्फ 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है बौद्ध धर्म का एक प्रमुख तीर्थ स्थल सारनाथ। मान्यता है कि भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त होने के बाद अपना पहला उपदेश इसी जगह दिया था। तभी से यहां हर साल लाखों बौद्ध धर्मावलंबी यहां आते हैं। सारनाथ में आप चौखंडी स्तूप, धमेख स्तूप के साथ म्यूजियम भी देख सकते हैं। यहां अशोक स्तंभ के शीर्ष को भी देख सकते हैं। सारनाथ में कई दूसरे देशों के भी मंदिर हैं। 11वें तीर्थंकर की जन्मस्थली होने के कारण सारनाथ जैन धर्म को श्रद्धालुओं के लिए भी एक पवित्र तीर्थस्थल है।

कैसे पहुंचे-

सारनाथ वाराणसी के पास है और वाराणसी देश के सभी इलाकों से रेल, सड़क और वायुमार्ग से जुड़ा हुआ है। ऐसे में आप देश के किसी भी कोने से आसानी से वाराणसी पहुंच सारनाथ आ सकते हैं।

3. प्रयागराज

संगम नगरी प्रयागराज। इसे पहले इलाहाबाद के नाम से भी जाना जाता था। तीर्थराज के नाम से मशहूर प्रयागराज गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर स्थित है। यहां हर बारह साल पर कुंभ मेला और छह साल पर अर्द्धकुंभ लगता है। यहां संगम स्थल पर स्नान करना हिंदू धर्म के श्रद्धालुओं के लिए सौभाग्य की बात है। प्रयागराज में कई प्रसिद्ध मंदिर है, जिसमें संगम के पास हनुमान मंदिर, बड़े हनुमानजी मंदिर, पातालपुरी मंदिर, शिवकोटी महादेव मंदिर, सोमेश्वर महादेव मंदिर, कल्याणी देवी मंदिर, मनकामेश्वर मंदिर, नागवासुकी मंदिर, बेनीमहादेव मंदिर शामिल हैं। इसके अलावा आप यहां इलाहाबाद का किला, अक्षय वट, आनंद भवन, स्वराज भवन, जवाहर प्लानिटेरियम, अल्फ्रेड पार्क, मिंटो पार्क, इलाहाबाद संग्रहालय, कंपनी गार्डन और खुसरो बाग घूम सकते हैं।

कैसे पहुंचे-

प्रयागराज पहुंचना काफी आसान है। संगम स्थल होने कारण यह देश के सभी इलाकों से जुड़ा हुआ है। आप किसी भी जगह से यहां आसानी से पहुंच सकते हैं। वाराणसी से यह जगह सिर्फ सवा सौ किलोमीटर दूर है। आप काशी-विश्वनाथ का दर्शन कर यहां भी आ सकते हैं। या यहां से वहां जा सकते हैं।

4. अयोध्या

भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या हिंदुओं के लिए आस्था का एक प्रमुख केंद्र है। सरयू नदी के किनारे बसे अयोध्या में अब नया राम मंदिर बन रहा हैं। अयोध्या के विकास के लिए काफी कुछ किया जा रहा है। पर्यटकों या तीर्थयात्रितों की सुविधा के लिए अयोध्या को सजाया-संवारा जा रहा है। यहां आप राममंदिर के साथ रामकोट, हनुमानगढ़ी, कनक भवन मंदिर, राम का पैड़ी, सूरज कुंड, नागेश्वरनाथ मंदिर, पुराना चरण पादुका मंदिर, नरसिंह मंदिर, मोती महल और गुप्तार घाट जा सकते हैं। मान्यता है कि यहां हनुमान गढ़ी मंदिर में हनुमान जी का दर्शन करने के बाद ही राममंदिर में भगवान राम का दर्शन करना चाहिए।

कैसे पहुंचे-

भगवान राम की नगरी पहुंचना काफी आसान है। आप किसी भी साधन से आसानी से पहुंच सकते हैं। सड़क और रेल मार्ग से यह बेहतर ढंग से जुड़ा हुआ है। अयोध्या में एक भव्य इंटरनेशनल एयरपोर्ट की निर्माण किया जा रहा है। फिलहाल हवाई मार्ग के लिए आप लखनऊ आकर यहां पहुंच सकते हैं। अयोध्या राज्य की राजधानी लखनऊ से करीब 135 किलोमीटर की दूरी पर है।

5. मथुरा-वृंदावन

हिंदू धर्म के श्रद्धालुओं के लिए मथुरा-वृंदावन पवित्र तीर्थस्थली है। मथुरा में भगवान कृष्ण का अवतार हुआ था। कृष्ण जन्मभूमि होने के कारण मथुरा में प्रतिदिन हजारों भक्त भगवान के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। यहां राधारानी और भगवान कृष्ण के कई मंदिर हैं। यहां आप कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के साथ बरसाना, द्वारिकाधीश मंदिर, कुसुम सरोवर, कंश किला,राधा कुण्ड, गोवर्धन हिल,मथुरा संग्रहालय और विश्राम घाट जा सकते हैं। मथुरा के पास ही है वृंदावन। यहां भी भगवान कृष्णा और राधा रानी के कई भव्य मंदिर हैं। यहां आप बांके बिहारी मंदिर, श्री राधा रमण मंदिर, प्रेम मंदिर, गोविन्द देव मंदिर, शाहजी मंदिर, रंगनाथ जी मंदिर, राधा दामोदर मंदिर, मदन मोहन मंदिर और इस्कॉन मंदिर में दिव्य दर्शन कर सकते हैं। इन मंदिरों में निधिवन जा सकते हैं और गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा भी कर सकते हैं।

कैसे पहुंचे-

मथुरा सड़क और रेल मार्ग से अच्छी तरह से कनेक्टेड है। आप बस या ट्रेन से यहां आसानी से आ-जा सकते हैं। हवाई मार्ग के लिए आपको आगरा या दिल्ली से आना-जाना होगा। दिल्ली से आगरा एक्सप्रेसवे के जरिए आप आराम से यहां पहुंच सकते हैं।

6. कुशीनगर

कुशीनगर बौद्ध धर्म के सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक है। भगवान बुद्ध के महापरिनिर्वाण के कारण यह बौद्ध धर्म के श्रद्धालुओं के लिए पवित्र स्थल है। यहां के महापरिनिर्वाण मंदिर में भगवान बुद्ध की 6.1 मीटर लंबी लेटी हुई निर्वाण प्रतिमा है। यहां भगवान बुद्ध के अवशेष यहां रखे गए हैं। यहां बौद्ध धर्म के कई मन्दिर हैं, जिनमें जापानी मंदिर, बर्मा मंदिर, चीनी मंदिर, थाई मंदिर, कोरियाई मंदिर, श्रीलंकाई मंदिर, तिब्बती मंदिर शामिल हैं। यहां हर साल देश- दुनिया से लाखों पर्यटक आते हैं।

कैसे पहुंचे-

कुशीनगर रेल, सड़क और हवाई मार्ग से बढ़िया से कनेक्टेड है। अब यहां एक अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डा भी बन यहा है। आपको यहां आने में कोई दिक्कत नहीं होगी।

7. लखनऊ

लखनऊ उत्तर प्रदेश की राजधानी है। इसे नवाबों का शहर कहा जाता है। यह शहर अदब के साथ अपने नजाकत और नफासत के लिए दुनिया भर में मशहूर है। लखनऊ में घूमने और देखने के लिए काफी कुछ है। यहां आप नवाबों के बनाए गए खूबसूरत इमारतों के देख सकते हैं। इन इमारतों बड़ा इमामबाड़ा, छोटा इमामबाड़ा, रूमी दरवाजा, मोती महल और रेजिडेंसी शामिल हैं। यहां के अंबेडकर पार्क को तो देखने दुनिया भर के लोग आते हैं। यहां कई फिल्मों की शूटिंग भी हो चुकी है। यहां आप हजरतगंज, बेगम हजरत महल पार्क, शाही बावली, क्लॉक टॉवर के साथ चिड़ियाघर भी देखने जा सकते हैं। लखनऊ अपने खान-पान और कपड़ों के लिए दुनियाभर में मशहूर है। इसलिए यहां खरीदारी करना भी ना मिस करें।

कैसे पहुंचे-

लखनऊ देश के सभी प्रमुख शहरों से रेल, सड़क और हवाई मार्ग से जुड़ा हुआ है। देश के किसी भी कोने से आप यहां आसानी से पहुंच सकते हैं।

8. आगरा

आगरा दुनिया के सात आश्चर्य में से एक ताजमहल के लिए प्रसिद्ध है। सफेद संगमरमर से बने प्रेम-मोहब्बत की निशानी ताजमहल को देखने के लिए दुनिया भर से पर्यटक आते हैं। ताजमहल को शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज की याद में बनवाया था। यहां आप ताजमहल के साथ आगरा का किला, स्वामी जी महाराज की समाधि, राम बाग, महताब बाग, इत्माद-उद-दौला का मकबरा, जामा मस्जिद, श्री वेदमाता गायत्री ट्रस्ट को भी देख सकते हैं। आगरा अपने चमड़े के सामान और पेठे के लिए भी प्रसिद्ध है।

कैसे पहुंचे-

आप देश के किसी भी शहर से यहां आसानी से पहुंच सकते हैं। आगरा रेल, सड़क और हवाई मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। दिल्ली और लखनऊ से भी यहां आसानी से पहुंच सकते हैं।

9. फतेहपुर सीकरी

फतेहपुर सीकरी उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख पर्यटक स्थल है। यह आगरा से 37 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। कहा जाता है कि इस शहर को बादशाह अकबर ने बनाया-बसाया था। यहां कई भव्य महल हैं, जो अपनी वास्तुकला और नक्काशी के लिए मशहूर है। यहां आप फतेहपुर सीकरी बुलंद दरवाजा के साथ शेख सलीम चिश्ती दरगाह, दीवान-ए-आम, दीवान-ए-खास, पंच महल, जोधाबाई महल और जामा मस्जिद देख सकते हैं।

कैसे पहुंचे-

आगरा के पास होने के कारण आप यहां आसानी से पहुंच सकते हैं। आगरा से आप यहां बस, ऑटो या टैक्सी लेकर पहुंच सकते हैं।

10. दुधवा नेशनल पार्क

अगर ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों से आपका मन भर गया हो तो प्रकृति के करीब हो आइए। लखनऊ से करीब 230 किलोमीटर की दूरी पर स्थित दुधवा नेशनल पार्क। लखीमपुर खीरी जिला में नेपाल की सीमा के पास स्थित दुधवा नेशनल पार्क में कई तरह के वनस्पति और वन्य जीव पाए जाते हैं। यहां आर हरियाली का आनंद लेते हुए बाघ, तेंदुआ, बारहसिंघा, हाथी, सियार, लकड़बग्घा के साथ हिरनों की कई जानवरों को देख सकते हैं। यहां के हरे-भरे माहौल में आप असीम शांति का अनुभव करेंगे।

कैसे पहुंचे-

दुधवा नेशनल पार्क लखनऊ और नैनीताल से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। यहां आप लखीमपुर खीरी, पलिया या लखनऊ से सरकारी या प्राइवेट बस के साथ टैक्सी से आ सकते हैं। रेल से आने के लिए दुधवा रेलवे स्टेशन आना होगा। हवाई मार्ग के लिए आपको पहले लखनऊ आना होगा, फिर वहां से रेल या सड़क मार्ग से यहां पहुंचना होगा।

इस आर्टिकल को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। अपना विचार जरूर रखिएगा।

- हितेंद्र गुप्ता

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