शहीदेआजम भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव का समाधि स्थल-हुसैनीवाला बार्डर

Tripoto
3rd Apr 2022
Day 1


#शहीद_भगत_सिंह_राजगुरु_सुखदेव_समाधि
#हुसैनीवाला_बार्डर_फिरोजपुर
#पंजाब_टूरिज्म
शहीद  ए आजम सरदार भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 को पाकिस्तान में हुआ,
दोस्तों जिस आजादी को हम आज मान रहे हैं, वह आजादी के लिए शहीद होने वाले सरदार भगत सिंह , राजगुरु, सुखदेवजैसे परवानों की वजह से ही मिली हैं।
मेरे जज्बातों से इस कदर वाकिफ हैं मेरी कलम कि , मैं इश्क भी लिखना चाहूँ तो इंकलाब लिखा जाता है- शहीदे आजम सरदार भगत सिंह
यह लाईनें भगत सिंह की लिखी हुई हैं, इस हद तक उनको भारत माता से पयार था, दोस्तों आज मैं बात करुंगा, शहीद भगतसिंह, राजगुरु और सुखदेव के शहीदी सथान जो पंजाब के शहर फिरोजपुर से मात्र 10 किमी दूर हुसैनीवाला में हैं, इन तीनों महान सपूतों को लाहौर सेटरल जेल में एक दिन पहले ही 23 मार्च 1931 को शाम के 7 बजे फांसी देकर, लाशों के टुकड़े टुकड़े करके बोरी में डाल कर जेल की पिछली दीवार को तोड़ कर बेर्शम अंग्रेजी हकूमत लाहौर से हुसैनीवाला सतलुज नदी के किनारे लेकर उनको बिना किसी रसम रिवाज के अधजली हुई लाशों को सतलुज नदी में फेंक दिया। यह थी अंग्रेजी हकूमत के कानून जो अपने आप को बहुत सभयक मानते हैं, हम आज भी कुछ लोग अंग्रेजी और  अंग्रेजो को बहुत बढिय़ा समझते हैं और अपने वतन को बुरा कहते है
बालीवुड वाले तो नकली हीरो हैं, यह हैं हमारे वतन के शहीद, असली हीरो जिन्होंने देश के लिए अपनी जान तक दे दी।
एक बात और हुसैनीवाला में इन शहीदों की समाधि पाकिस्तान में चली गई थी जो भारत सरकार ने फाजिल्का के 12 गांव पाकिस्तान को देकर यह सथान लिया था, जब भी आप पंजाब आओ तो हुसैनीवाला बारडर की परेड़ के साथ इन महान सपूतों की यादगार पर भी माथा जरूर टेकना।
इनकलाब जिंदाबाद
जय हिंद
शहीद भगत सिंह
समाथी सथल
हुसैनीवाला बारडर
फिरोजपुर
पंजाब

सुखदेव, भगत सिंह और राजगुरु के बुत

Photo of The National Martyrs Memorial by Dr. Yadwinder Singh

तीनों महान सपूतों के बुत

Photo of The National Martyrs Memorial by Dr. Yadwinder Singh

प्रेरणा सथल

Photo of The National Martyrs Memorial by Dr. Yadwinder Singh

शहीदी जयोति

Photo of The National Martyrs Memorial by Dr. Yadwinder Singh