पंजाब के इंडस्ट्रीयल शहर लुधियाना में बना है शानदार महाराजा रणजीत सिंह वार मयुजियिम

Tripoto
16th Feb 2022
Day 1

#महाराजा_रणजीत_सिंह_वार_मयूजियम_लुधियाना
#पंजाब_टूरिज्म

नमस्कार दोस्तों 🙏🙏
आज हम बात करेंगे पंजाब के सबसे बड़े और इंडस्ट्रीयल शहर लुधियाना में बने हुए महाराजा रणजीत सिंह वार मयूजियम की जालंधर जीटी रोड़ पर लुधियाना रेलवे स्टेशन से 6 किलोमीटर और लुधियाना बस स्टैंड से 10 किलोमीटर दूर बना हुआ हैं। आप जब भी लुधियाना आए तो इस मयूजियम को जरूर देखना। इसके साथ ही टाईगर सफारी लुधियाना चिडियाघर बना हुआ हैं। इस मयूजियम की टिकट 40 रुपये हैं, सोमवार को बंद रहता हैं। यह मयूजियम चार ऐकड़ में बना हुआ है। इस मयूजियम को पंजाब सरकार ने 1999 ईसवीं में शेरे पंजाब महाराजा रणजीत सिंह के नाम पर बनाया हैं। जब आप टिकट लेकर  अंदर जाते हो तो आपको आंगन में सबसे पहले शेरे पंजाब महाराजा रणजीत सिंह का कुर्सी पर बैठे हुए शानदार बुत दिखाई देता हैं जो बहुत ही जीवंत लगता हैं। फिर आप कुछ सीढियों को चढ़कर मयूजियम के बड़े हाल में प्रवेश करते है, जहां सामने महाराजा रणजीत सिंह के राज दरबार की बहुत खूबसूरत तसवीर लगी हुई हैं, जिसमें सबसे पहले कुंवर शेर सिंह बैठे हुए हैं, फिर महाराजा रणजीत सिंह, साथ में महान जरनैल हरी सिंह नलवा, अकाली फूला सिंह और भाई संत सिंह जी बैठे हुए हैं। शेरे पंजाब महाराजा रणजीत सिंह की तसवीर देखकर मन गदगद हो जाता हैं। इस मयूजियम में कुल 12 गैलरी बनी हुई हैं जिसमि प्राचीन भारत के ईतिहास, युद्ध  जिसमें महाभारत युद्ध,  सिकंदर और पोरस की तसवीर, पानीपत की लड़ाई , बाबा बंदा सिंह बहादुर, नवाब कपूर सिंह, सरदार बघेल सिंह, ऐगलों सिख वार  और अन्य सिख योद्धाओं के बारे में बताया गया हैं। यहां जंग में इसतेमाल होने वाले शस्त्रों को भी रखा गया हैं।
इसके ईलावा भारतीरय नेवी गैलरी, कारगिल युद्ध गैलरी, पंजाब के महान फौजियों की तसवीरें, भारतीरय आरमी में मिले सैन्य पुरस्कारों दिखाया गया हैं। भारतीरय फौज की badges, dresses  को भी प्रदर्शित किया हुआ है। मयूजियम के आंगन को भारतीरय सैना  की तोपों, जहाज और टैकों से सजाया गया हैं। कुल मिलाकर आपको पंजाब के शानदार ईतिहास जानने, देखने और पढ़ने का मौका मिलेगा। अगर आपको ईतिहास पसंद हैं, युद्ध कला देखना अच्छा लगता हैं तो आप महाराजा रणजीत सिंह वार मयूजियम में दो घंटे आराम से देख सकते हो। महाराजा रणजीत सिंह पंजाब के सबसे हरमन पियारे राजा थे, जिन्होंने मुगलों की सदियों तक रही राजधानी लाहौर को जीत कर सिख राज की सथापना की थी। जिस अफगानिस्तान को अमरीका आजतक नहीं जीत पाया वह भी महाराजा के राज्य का हिस्सा था। महाराजा रणजीत सिंह का राज अफगानिस्तान से लेकर पेशावर, लाहौर, मुलतान,  पंजाब हरियाणा, लद्दाख और तिब्बत के कुछ हिस्सों तक फैला हुआ था। सवर्ण मंंदिर अमृतसर में सोना चढ़ाने की सेवा भी महाराजा रणजीत सिंह ने ही की हैं। ऐसे महान महाराजा को नमन हैं, जब तक महाराजा रणजीत सिंह जीवत रहे तब तक अंग्रेजी हकूमत पंजाब पर कब्जा नहीं कर सके, उनकी मृत्यु 1839 ईसवीं में हुई। पंजाब की विरासत और ईतिहास को जानने के लिए जरूर आईए ।
कैसे पहुंचे- लुधियाना पंजाब का सबसे बड़ा शहर हैं जो रेल मार्ग और सड़क मार्ग से पंजाब के सारे शहरों और चंडीगढ़ , दिल्ली आदि से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आप आराम से लुधियाना आ सकते है।

महाराजा रणजीत सिंह वार मयुजियिम लुधियाना

Photo of Maharaja Ranjit Singh War Museum by Dr. Yadwinder Singh

मयुजियिम के आंगन में लगा हुआ महाराजा रणजीत सिंह का शानदार बुत

Photo of Maharaja Ranjit Singh War Museum by Dr. Yadwinder Singh

इस तसवीर में left से Right बिल्कुल left में कुंवर शेर सिंह, साथ में महाराजा रणजीत सिंह, फिर हरी सिंह नलवा, साथ में अकाली फूला सिंह और बिल्कुल लास्ट में बाबा संत सिंह बैठे हुए हैं।

Photo of Maharaja Ranjit Singh War Museum by Dr. Yadwinder Singh

मैं मयुजियिम में और पीछे हथियार दिखाई दे रहे है।

Photo of Maharaja Ranjit Singh War Museum by Dr. Yadwinder Singh