10 मार्च 2023 की शाम को अमृतसर से लगभग 28 किलोमीटर और पाकिस्तान के लाहौर से 22 किलोमीटर दूर अटारी भारत पाकिस्तान बॉर्डर पर रिट्रीट समारोह देखने का अवसर मिला।
1.पहले जानते है यह रिट्रीट समारोह होता क्या है?
2.क्यों दूर दूर से लोग देखने आते है?
3. कौन सी बातों का ध्यान रखना चाहिए?
4. कहां है अटारी वाघा बार्डर?
5. कैसे जा सकते है रिट्रीट समारोह देखने?
इन सब सवालों के जवाब आप को यह आर्टिकल पढ़ने के बाद मिल जाएंगे।
चलिए पहले जानते है रिट्रीट समारोह के बारे में।
रिट्रीट इंग्लिश शबद है जिसका हिंदी में मतलब होता है वापसी और अपनी जगह वापिस आना।
इस समारोह में भारत एवं पाकिस्तान के हवा में झूलते ध्वजों को एक रस्म के तहत अपनी जगह सम्मान के साथ रखा जाता है।
लगभग 45 मिनट का यह समारोह बहुत ही शानदार होता है।
रिट्रीट समारोह में अंतरराष्ट्रीय फाटकों को बंद करना भी शामिल होता है। राष्ट्रीय ध्वज को नीचे उतारना एक रस्म जैसा होता है।
बीटिंग रिट्रीट समारोह एक ऐसा समारोह है जिसे देखने के लिए हर किसी को एक बार जरुर जाना चाहिए।
इस समारोह को देखने के बाद हर भारतीय का दिल गर्व और उत्साह से भर जाता है।
इस रिट्रीट समारोह अथवा झंडा समारोह की शुरुआत साल 1959 से भारतीय सीमा सुरक्षा बल और पाकिस्तान रेंजर्स द्वारा को गई थी।
क्यों है खास रिट्रीट समारोह?
कुछ खास बातें:
1.इसे 1959 में शुरू किया गया था।
2.अटारी बॉर्डर समारोह दोनों राष्ट्रों के बीच सहयोग और भाईचारे का प्रतीक है।
3.जुलाई 2011 से BSF की महिला गार्ड भी इस समारोह का हिस्सा बनी हुई है।
4.भारतीय सीमा सुरक्षा बल और पाकिस्तान रेंजर्स द्वारा शुरू किया एक सैन्य अभ्यास है।
5.दोनों देशों भारत और पाकिस्तान के सैनिक इस समारोह को बहुत ही गंभीरता के साथ मानते हैं।
6. इस समारोह को भारत और पाकिस्तान देशों की सेना द्वारा परेड के साथ शुरू किया जाता है।
7. इस समारोह के दौरान दोनों राष्ट्रों के झंडो को निचले स्तर पर लाया जाता है।
8.जैसे ही सूरज डूबता है, लोहे का गेट खोला जाता है, दोनों देशों का एक एक सैनिक हाथ मिलाते है।
9. इसके बाद भारत और पाकिस्तान के झंडों को एक साथ उतारा जाता है और फिर फोल्ड कर दिया जाता है।
10. अंत में भारत पाकिस्तान के बीच गेट को बंद किया जाता है।
पूरा स्टेडियम "बंदे मातरम" , " हिंदुस्तान जिंदाबाद" और "भारत माता की जै " जैसे नारों से गूंजने लगता है। कुछ लोग तिरंगा फहराते है, कुछ तो अपने मूंह पर तिरंगे का टैटू तक बनवा लेते है।
जगह जगह पर LED लगी हुई है जिस से आप परेड को बहुत करीब से भी देख सकते हो।
अटारी वाघा बॉर्डर जाने से पहले इन बातों का ध्यान रखें:
1.अटारी बॉर्डर के आसपास के इलाकों में कोई भी मोबाइल फोन सेवाएं उपलब्ध नहीं हैं।
2. परेड देखने के लिए कोई टिकट फीस नहीं है। लेकिन कार पार्किंग के लिए आप को 100/- देने पड़ सकते है।
3. कार पार्क अटारी बार्डर के पर्वेश द्वार से कुछ दूरी पहले करने पड़ती है। कार पार्क करके आप पैदल और ऑटो से भी जा सकते हो।
4.अटारी बॉर्डर के प्रवेश द्वार पर काफी भीड़ रहती है । इस लिए अगर आप परेड शुरू होने से एक घंटा पहले आ जाते है और अपनी जगह ले लेते हैं तो कोई दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ता।
5.प्रवेश द्वार पर महिलाओं के लिए अलग और पुरुषों के लिए अलग लाइन है। अपनी अपनी लाइन में लगे और चेक करवाए।
6.यहां पर दर्शकों के बैठने के लिए उचित व्यवस्था की जाती है। यहां पर कुछ सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं, जबकि पुरुषों के बैठने के लिए जनरल सीट है।
7..यहां पर पूरी जगह स्टेडियम की तरह बनाई गई है, जिसकी वजह से आप किसी भी जगह पर बैठकर समारोह को देख सकते हैं।
8.यहां पर विदेशी पर्यटकों के लिए अलग-अलग स्टैंड हैं। यदि आप एक विदेशी नागरिक हैं, तो वीआईपी सीट से दूसरी सबसे अच्छी सीट का दावा कर सकते हो इस के लिए अपना पासपोर्ट जरुर लेकर जाना पड़ेगा।
9.यहां पर कैमरा ले जाने की अनुमति है।
10. सबसे खास बात आपको बैग ले जाने की अनुमति नहीं है। यहां पर 50 रूपये की कीमत में लॉकर उपलब्ध हैं जो प्रवेश द्वार के पास हैं।
11.यहां पर प्रवेश द्वार के पास फूड स्टॉल भी हैं जहां पर बोतल वाला पानी और कुछ स्नैक्स उपलब्ध हैं।
12. वाशरूम भी पर्वेश द्वार से पहले उपलब्ध है।
घूमने के लिए बहुत सुंदर पार्क है। एक प्लेन और एक टैंक भी है जिस के आगे बहुत सारे लोग पिक्चर करवाते है। बहुत सारे सुंदर फूल भी थे। एक गेट भी दिखाई देता है जिस पर भारत और India लिखा हुआ होता है।
बाहर निकलते समय आप को एक चट्टान दिखाई देती है। उससे आगे दो हैंड्स शेक करते हुए कलाकृति दिखाई देती है।
कहां पर है अटारी वाघा बार्डर ?
वाघा बॉर्डर भारत और पाकिस्तान के बीच की सीमाओं को चिन्ह करता है।
वाघा बॉर्डर पंजाब के अमृतसर (भारत) और पंजाब के लाहौर (पाकिस्तान) के बीच ग्रैंड ट्रंक रोड(Grand Trunk Road) जिसे जीटी रोड भी कहा जाता है, पर स्थित है।लाहौर से 22 किमी और अमृतसर से 28 किमी की दूरी पर स्थित वाघा बॉर्डर को “अटारी बॉर्डर” के नाम से भी जाना जाता है।
यहां पर हर दिन सूर्यास्त से पहले आयोजित होने वाले बीटिंग रिट्रीट समारोह(Beating Retreat Ceremony) को देखने के लिए देश भर से लोग आते है।
यहां आते समय आप को मित्र का ढाबा दिखेगा जो भारत का आखरी ढाबा है, यहां पर चाय पी सकते है।
आगे चल कर आप को भारत पाकिस्तान के बीच की लाइन दिखे गी। पाकिस्तान के हरे भरे खेत दिखेंगे। SBI की चेक पोस्ट दिखाई देती है।
कैसे जाएं:
अमृतसर देश के विभिन्न जगहों से रेल, हवाई और सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। यहां पर इंटरनेशनल एयरपोर्ट राजा सांसी है।
चंडीगढ़ से अमृतसर की दूरी 223 किलोमीटर है।
अमृतसर से बस और टैक्सी लेकर आप अटारी बार्डर देखने आ सकते हो।
आप भी आए अटारी बार्डर का रिट्रीट समारोह देखने।
धन्यवाद।