महारष्ट्र के यूनेस्को विश्व विरासत धरोहर स्थल

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Photo of महारष्ट्र के यूनेस्को विश्व विरासत धरोहर स्थल by Dr. Yadwinder Singh

महाराष्ट्र भारत का बड़ा राज्य है| महाराष्ट्र में देखने के लिए बहुत सारी ईतिहासिक जगहें है| आज इस पोस्ट में हम महाराष्ट्र के यूनेस्को विश्व विरासत धरोहर स्थलों के बारे में बात करेंगे| महाराष्ट्र में कुल पांच यूनेस्को विश्व विरासत धरोहर स्थल है जो निम्नलिखित अनुसार है|

1. अजंता गुफाएं

2. ऐलोरा गुफाएं

3. ऐलीफेंटा गुफाएं

4. छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनल

5.विक्टोरियन और आर्ट डेको एनसेंबल

ऐलोरा गुफाएं

Photo of महाराष्ट्र by Dr. Yadwinder Singh

अजंता की गुफाएं भारतीय कला के शानदार नमूने हैं| अजंता में बड़े बड़े पहाड़ो को काटकर बनाया गया है| अजंता की गुफाओं में बहुत सारे चित्र बनाए गए हैं| अजंता में आपको दो तरह की गुफाओं को देखने का मौका मिलेगा| एक तो स्तूप गुफा और दूसरी विहार गुफा | स्तूप गुफा में प्राथना की जाती थी और विहार गुफा में भिक्षु रहते थे| अजंता की गुफाओं में इनकी छत, दीवार पर अनेक चित्र बनाए गए हैं| इन चित्रों में महल, किसान, सम्राट, भिखारी आदि दिखाई देगें| इन चित्रों में पेड़, पौधे, जानवर आदि भी बने हुए हैं| 16 नंबर गुफा में दीवार पर मरती हुई राजकुमारी का चित्र है| गुफा नंबर 17 में भी शानदार चित्र बने हुए हैं| अजंता के चित्र हमें उस समय की जीवन शैली को दिखाते है| अजंता के चित्रों की रंग योजना बहुत सुंदर है| इस चित्र कला का महत्व इतना है कि इस चित्र शैली का नाम ही अजंता शैली पड़ गया है| पूरे एशिया महाद्वीप पर अजंता की कला का प्रभाव पड़ा| पंजाब के प्रसिद्ध घुमक्कड़ मनमोहन बावा जी जिनकी बहुत सारी किताबें भी लिखी हुई है घुमक्कड़ी के ऊपर | मनमोहन बावा जी ने अजंता, एलोरा और एलीफेंटा के बारे में कहा है अगर आप भारत में रहते हुए इन तीनों जगह पर नहीं जाते तो आप बदकिस्मत हो| तो दोस्तों आप भी भारतीय कला की इस शानदार कला को देखने जरूर जाना अजंता गुफाओं को देखने के लिए| मैं अजंता की गुफाओं को देखने के बाद औरंगाबाद के लिए रवाना हो गया|

कैसे पहुंचे- अजंता की गुफाएं महाराष्ट्र के जलगांव से 60 किमी और औरंगाबाद से 100 किमी दूर है| आप इन दोनों शहरों से अजंता गुफाओं को देखने के लिए जा सकते हो|

अजंता गुफाएं

Photo of अजंता केव्स by Dr. Yadwinder Singh

महात्मा बुद्ध की प्रतिमा

Photo of अजंता केव्स by Dr. Yadwinder Singh

एलोरा महाराष्ट्र में औरंगाबाद से 20-22 किलोमीटर दूर अपनी गुफाओं के लिए प्रसिद्ध है| एलोरा का नाम यूनैसको की विश्व विरासत सथल की सूची में शामिल हैं| यह खूबसूरत गुफाएं दक्षिण के राष्ट्रकूट शासकों के काल में बनी थी | एलोरा में पत्थर को काट काटकर गुफाएं बनाई गई थी| हर गुफा के सामने थोड़ा सा समतल मैदान बना हुआ है| एलोरा की गुफाएं हिन्दू, जैन और बौद्ध धर्म से संबंधित है| एलोरा इन तीनों धर्मों का सांझा सथल है| एलोरा में कुल 34 गुफाएं है जिनमें से 17 हिन्दू गुफाएं, 12 बौद्ध गुफाएं और 5 जैन धर्म की गुफाएं है|

मैं जब होमियोपैथी डाक्टरी की मासटर डिग्री करने के लिए महाराष्ट्र के परभणी शहर गया था तब मुझे कालेज से एक दो छुट्टी होने की वजह से इन खूबसूरत गुफाओं को देखने का अवसर मिला था | परभणी से ट्रेन लेकर मैं औरंगाबाद पहुँच गया| फिर औरंगाबाद से एलोरा की गुफाओं को देखने के लिए गया था| आप चाहे तो एलोरा गुफाओं को घूमने के लिए औरंगाबाद से कंडक्टड टूर भी ले सकते हो| जो आपको औरंगाबाद से एलोरा और उसके आसपास भी जगहों को दिखा सकता है| एलोरा भी गुफाओं की कलात्मकता का कोई जवाब नहीं | एलोरा की मूर्ति कला लाजवाब है| मैं भी एलोरा पहुँच कर टिकट घर से टिकट लेकर एलोरा की गुफाओं को घूमने के लिए निकल पड़ा|

Photo of Ellora Caves Parking by Dr. Yadwinder Singh

वैसे तो एलोरा की गुफाएं देखने लायक है लेकिन गुफा नंबर 16 जिसमें कैलाश मंदिर बना हुआ है सबसे महत्वपूर्ण है| राष्ट्रकूट राजा कृष्ण ने राज्य काल बना कैलाश मंदिर अपनी विशालता और कारीगरी का अद्भुत उदाहरण है| यह मंदिर एक ही पत्थर से बना हुआ है| इस मंदिर का निर्माण ऊपर से पर्वत को काट कर किया गया है| यह मंदिर बिना किसी जोड़ के बना है| दर्शक इस अजब कलाकारी को देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं| इसमें कलाकारों ने नरसिंह, शिव पार्वती विवाह, कैलाश को उठाते हुए रावण का दृश्य आदि बनाए गए है जो देखने लायक है| चित्रों में बैल, सिंह, हाथी आदि पशुओं के चित्र देखने लायक है| कैलाश मंदिर के अधिकांश चित्र सुरक्षित है| बौद्ध धर्म की गुफाओं में बौद्ध धर्म से संबंधित अनेक चित्र है| एलोरा में आपको बौद्ध, हिन्दू और जैन धर्म से संबंधित मूर्तियां भी देखने के लिए मिलेगी| बौद्ध गुफाओं में भगवान बुद्ध की विशाल मूर्ति बनी हुई है| एलोरा में आपको भगवान शिव के भी दो रुप देखने के लिए मिलेगें| शिव जी का भयानक और दयालु रुप | असुरों का वध करते हुए शिव का रुप और भक्तों को वरदान देते हुए शिव का रुप| कैलाश मंदिर में शिवलिंग स्थापित है| इस मंदिर का निर्माण पूरे पहाड़ को छेनियों से काट कर बनाया गया| इस मंदिर को हर भारतीय को जीवन में एक बार तो जरूर देखना चाहिए|

कैसे पहुंचे- एलोरा गुफाओं को देखने के लिए आपको महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर पहुंचना होगा जो एलोरा के लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है| औरंगाबाद से आप बस या कैब करके एलोरा गुफाओं को देखने जा सकते हैं| रहने के लिए औरंगाबाद में बहुत सारे होटल मिल जाऐगें|

ऐलोरा गुफाएं

Photo of एलोरा by Dr. Yadwinder Singh

एलीफेंटा की गुफाएं ( मुंबई)

एलिफेंटा की गुफ़ाएँ महाराष्ट्र के मुंबई से करीब 11 किलोमीटर दूर मुम्बई टापू में स्थित हैं। एलिफेंटा की 7 गुफ़ाएँ हैं, जिनमें पांच गुफाएं हिंदुयों की है तो दो बौद्ध गुफा है। इन गुफायों का निर्माण सिल्हारा राजा द्वारा किया गया था।

मुख्य गुफा में 26 स्तंभ हैं, जिसमें शिव को कई रूपों में उकेरा गया हैं। पहाड़ियों को काटकर बनाई गई ये मूर्तियाँ दक्षिण भारतीय मूर्तिकला से प्रेरित है। इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि, चालुक्य राजवंश राजकुमार ने जंग जीतने के बाद यहां भगवान शिव के विशाल मंदिर का निर्माण कराया था। लेकिन बाद में जब यहां पुर्तगाली आये और उन्होंने पुरानी गुफायों को छिन्न भिन्न करके हाथियों की मूर्तियाँ बनवाई तो इस गुफा को घारापुरी गुफा से बदलकर एलिफेंटा नाम दे दिया गया।

1987 में यूनेस्को द्वारा एलीफेंटा गुफ़ाओं को विश्व धरोहर घोषित किया गया है।

कोलाबा स्थित गेटवे ऑफ इंडिया टर्मिनल से इस द्वीप पर नौका द्वारा पहुंचा जा सकता है। यहां जाने का किराया बहुत सस्ता है और ये सेवा व्यक्ति को हर एक घंटे में दो बार उपलब्ध होती है। टूरिस्ट नौका के माध्यम से यहां एक घंटे के अंतराल में पहुंचते हैं।

ऐलीफेंटा गुफाएं

Photo of एलीफेंटा गुफाएं by Dr. Yadwinder Singh

ऐलीफेंटा गुफाएं में घुमक्कड़

Photo of एलीफेंटा गुफाएं by Dr. Yadwinder Singh

छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनल

यह मुंबई का यूनेस्को विश्व विरासत धरोहर स्थल है| यह एक रेलवे टर्मिनल है| इसको पहले विकटोरिया टर्मिनल और बोरी टर्मिनस के नाम से जाना जाता था| इसका निर्माण 1878 ईसवीं में शुरू हुआ था और 1888 में पूरा हुआ था| उस समय इस ईमारत के निर्माण के ऊपर 16 लाख 14 हजार रुपये खर्च हुए थे| इसको बनाने वाले इंजीनियर का नाम विलसन बैल था| मुंबई में घूमने के लिए यह जगह भी लिस्ट में रहती है|

छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनल

Photo of छत्रपती शिवाजी महाराज टर्मिनस (रेल्वे पोलीस बल) पोलिस स्टेशन by Dr. Yadwinder Singh

मुंबई का विक्टोरियन और आर्ट डेको एनसेंबल 21वीं सदी के विक्टोरियन नियो गोथिक सार्वजनिक भवनों और 20 वीं सदी के आर्ट डेको भवनों का एक संग्रह है जो भारत के महाराष्ट्र में मुंबई के फोर्ट इलाके में है। इमारतों का यह समूह ३० जून २०१८ को मनामा, बहरीन में विश्व धरोहर समिति के ४२वें सत्र के दौरान विश्व धरोहर स्थलों की सूची में जोड़ा गया था।

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इसमें मुंबई हाईकोर्ट, मुंबई विश्वविद्यालय और कलाक टावर जैसी ईतिहासिक जगहें शामिल हैं|

Photo of महारष्ट्र के यूनेस्को विश्व विरासत धरोहर स्थल by Dr. Yadwinder Singh

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