कंबोडिया सफरनामा- घर से कंबोडिया तक का सफर

Tripoto
Photo of कंबोडिया सफरनामा- घर से कंबोडिया तक का सफर by Dr. Yadwinder Singh

आज 26 जून 2024 को सुबह 4 बजे का अलार्म बजा वैसे कंबोडिया जाने की खुशी में रात को एक दो बार नींद भी खुल गई थी| टाइम देखकर फिर सो गया था मैं| सुबह चार बजने से पहले ही मेरी नींद खुल गई थी| सुबह उठकर फ्रैश होकर नहा धोकर मैं पांच बजे मैं तैयार था| मम्मी ने मेरे लिए दो परांठे बना दिए जिसको मैंने पैक कर लिया| चाय पीकर मैं 5.50 बजे अपने शहर बाघा पुराना के बस स्टैंड पर पहुँच गया| बाघा पुराना में कोटकपूरा जाने के लिए पहली बस सुबह 6 बजे आती है| यह बस मोगा से चलती है गंगानगर (राजस्थान) के लिए| पंजाब रोड़वेज की यह बस मोगा से चलकर बाघा पुराना, कोटकपूरा, मुक्तसर साहिब, मलोट और अबोहर होकर गंगानगर पहुंचती है| 6.05 बजे सुबह बस आई जिसमें बैठकर मैं 6.45 बजे कोटकपूरा बस स्टैंड पहुँच गया| कोटकपूरा से मुझे बठिंडा की बस मिल गई जिसने मुझे 8 बजे सुबह बठिंडा पहुंचा दिया| बठिंडा रेलवे स्टेशन से 8.30 बजे सुबह मुझे गंगानगर- पुरानी दिल्ली इंटरसिटी ट्रेन पकड़नी थी| बठिंडा रेलवे स्टेशन पर मैंने घर से लाए हुए परांठे खा लिए और साथ में चाय पी ली| इंटरसिटी ट्रेन सही समय पर आ गई जिसने मुझे दोपहर के दो बजे ओल्ड दिल्ली रेलवे स्टेशन पर पहुंचा दिया| कंबोडिया यात्रा पर मेरे साथ जाने वाले मेरे साथी हरजीत सिंह नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर पहुँच गए थे| मैं भी मैट्रो पकड़ कर नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुँच गया| यहाँ हम दोनों घुमक्कड़ मैं और हरजीत सिंह एयरपोर्ट पकड़ कर नई दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट की ओर रवाना हो गए|

दिल्ली एयरपोर्ट पर घुमक्कड़

Photo of Terminal 3 by Dr. Yadwinder Singh

दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर घुमक्कड़ अपने साथी हरजीत सिंह के साथ

Photo of Terminal 3 by Dr. Yadwinder Singh

मैं अक्सर जब भी दिल्ली एयरपोर्ट पर जाता हूँ फलाईट पकड़ने के लिए तो एयरपोर्ट लाईन वाली मैट्रो से जाता हूँ| दिल्ली मैट्रो का कार्ड मेरे पर्स में रखा हुआ है| नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास बने हुए मैट्रो स्टेशन से हम मैट्रो पकड़ कर एयरपोर्ट की ओर चल पड़े| आधे घंटे बाद दिल्ली एयरपोर्ट पर थे| हमारी फलाईट टर्मिनल-3 से थी| हमारी फलाईट कंबोडिया की  Angkor Air  की  K6-761 नंबर फलाईट थी| इस जहाज़ ने 26 जून 2024 रात को 20.50 पर उड़ान भरनी थी और 27 जून 2024 को सुबह 2.50 बजे कंबोडिया की राजधानी फनोम पेन्ह पर लैंडिंग करनी थी| पहले आपको कंबोडिया जाने के लिए थाईलैंड या मलेशिया से फलाईट बदलनी पड़ती थी लेकिन इस साल 16 जून 2024 को कंबोडिया की एयरलाइंस ने नई फलाईट शुरू की है दिल्ली एयरपोर्ट से फनोम पेन्ह और वापसी| मैंने इस फलाईट को दिल्ली से फनोम पेन्ह और वहाँ से दिल्ली की रिटर्न फलाईट 23,000 में बुक कर लिया था| जैसे हमारी फलाईट शाम को 20.50 बजे  थी तो लगभग तीन घंटे पहले 17.50 बजे दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचना था | हम लगभग साढ़े चार बजे शाम को दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुँच गए थे| इस फलाईट में हम 20 किलो तक का सामान चैंक इन बैग में और 7 किलो सामान केबिन बैग में लेकर जा सकते थे| दिल्ली एयरपोर्ट में प्रवेश करने के लिए अलग अलग गेट बने हुए हैं डोमेस्टिक यात्रियों के लिए और अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों के लिए| हम भी एक लाईन में लगकर अपना पासपोर्ट और फलाईट टिकट दिखाकर दिल्ली एयरपोर्ट के अंदर प्रवेश कर गए| तीन घंटे पहले हमारी एयरलाइंस का काऊंटर खुल गया| हमें बोर्डिंग पास मिल गया और मेरा चैक इन बैग भेज दिया गया जिसका स्टिकर मेरे बोर्डिंग पास के पीछे लगा दिया गया| यह बैग मुझे अब फनोम पेन्ह में जाकर मिलना था| वहाँ पर खड़े हुए अधिकारियों ने हमारे डाकूमैंट देखें और कहा आपके पास पासपोर्ट, रिटर्न फलाईट, होटल बुकिंग और कम से कम 500 अमेरिकी डॉलर होने चाहिए| मैं घर से लगभग 600 अमेरिकी डॉलर लेकर गया था लेकिन हरजीत सिंह के पास 300 अमेरिकी डॉलर थे तो उन्होंने दिल्ली एयरपोर्ट पर ही अमेरिकी डॉलर ले लिए| वैसे अपने शहर से ही आप अमेरिकी डॉलर लेकर जाए जब भी विदेश यात्रा पर निकलो कयोंकि एयरपोर्ट पर रेट काफी जयादा लगाते हैं| दूसरी बात विदेश यात्रा में अमेरिकी डॉलर साथ लेकर जाए और वहाँ पर आप अमेरिकी डॉलर को आसानी से उस देश की करंसी में चेंज कर सकते हो| बोर्डिंग पास लेकर हम सिक्योरिटी चेकिंग के लिए गए| मोबाइल फोन, चार्जर आदि कोई भी इलक्ट्रोनिक सामान हो आपको केबिन बैग में रखना चाहिए| हमने भी सिक्योरिटी चेकिंग करवाई | फिर एमिग्रेशन हुई | मुझसे पूछा गया कहा जा रहे हो मैंने बोला कंबोडिया| फिर पूछा गया कयूँ जा रहे हो? मैंने बोला घूमने जा रहा हूँ | विश्व प्रसिद्ध अंगकोर वाट मंदिर देखने के लिए जा रहा हूँ| फिर बोले वीज़ा नहीं लिया आपने? मैंने बोला कंबोडिया में भारतीय पासपोर्ट होलडर के लिए वीज़ा आन अराईवल है| बोले ठीक है ओके मेरे पासपोर्ट पर मोहर लगा दी  Departed. अब हम उन गेट के पास आ गए थे जहाँ से हमने जहाज़ पकड़ना था | अंतर्राष्ट्रीय फलाईट लेना रेलवे की यात्रा जैसा आसान नहीं होता आपको तीन घंटे पहले पहुंचना पड़ता है एयरपोर्ट पर| अभी भी हमारी फलाईट में टाईम था|

कंबोडिया की फलाईट

Photo of इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (DEL) by Dr. Yadwinder Singh

मेरे पास  ICICI बैंक और  Make My Trip  का क्रेडिट कार्ड था जिसके साथ मुझे  Dream Folks की मेंबरशिप और क्रेडिट कार्ड मिला था| Dream Folks की एप को मैंने  Install कर लिया था| इस एप से मैंने पहले ही दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर लाऊंज एक्सेस पर बुकिंग कर ली थी वह भी मात्र 2 रुपये के भुगतान से| अलग अलग क्रेडिट कार्ड से आपको एयरपोर्ट लाऊंज एक्सेस की सुविधा मिलती है| डोमेस्टिक और अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर आप अपने क्रेडिट कार्ड के अनुसार इस सुविधा का लाभ ले सकते हो| मैंने भी दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर Encalm Lounge  में टर्मिनल-3 पर अपनी बुकिंग दिखाई जिससे मुझे इस शानदार लाऊंज में प्रवेश मिल गया| इस लाऊंज में आपको लजीज खाना मिलेगा वह भी 3 स्टार होटल की शादी जैसा| मैंने भी आराम से शानदार सोफे पर बैठ कर अपनी पलेट में चिकन, सबजी, चपाती और बादामों  वाली खीर का मज़ा लिया| इस लाऊंज में आपको खाना खाने के साथ चाय, कौफी, कोल्ड ड्रिंक के साथ दारू पीने की सुविधा भी मिलेगी| मैं भी सुबह छह बजे घर से निकलकर शाम तक यहाँ आते थक गया था तो ड्रिंक के काउंटर पर जाकर  Bacardi मे lemon, ice  और सोडा डालकर दो पैग बनवा कर अपनी सीट पर बैठकर आराम से दो पैग लगाए तो थोड़ा स्कून मिला| दस मिनट में सारी थकान उतर गई | कुछ देर लाऊंज में बैठकर मैं वहाँ से बाहर आ गया|

कंबोडिया की फलाईट में भारतीय खाना

Photo of Encalm Lounge- T3 International Departures by Dr. Yadwinder Singh

रात के आठ बजने वाले थे| हम अपने गेट नंबर 14 के पास पहुंच गए| आठ बजे बोर्डिंग शुरू हो गई| हम आराम से बैठे थे| फिर लाईन में लगकर पासपोर्ट और बोर्डिंग पास चैक करवाने के बाद हम अपने जहाज़ में बैठने के लिए चल पड़े| हमें विंडो सीट मिली थी| कुछ ही देर में हम जहाज़ में अपनी सीट पर बैठ गए| वैसे यह पहला मौका नहीं था जब मैं किसी विदेश यात्रा पर जा रहा था लेकिन हर देश, हर टूर अपने आप में नया होता है खास होता है आखिर घुमक्कड़ घूमने के लिए ही तो जीते हैं| घूमना ही उनके लिए जिंदगी है| बस उसी जिंदगी को जीने के लिए एक नये देश कंबोडिया जा रहा था| जहाज़ उड़ान भरने के लिए तैयार था| जहाज़ के क्रू मैंबर दिशा निर्देश दे रहे थे सीट बैलट लगाने के लिए और जहाज़ अगर दुर्घटना ग्रस्त हो गया तो या जहाज़ को अगर पानी के ऊपर लैंड करना पड़ जाए तो हमें किन चीजों का ध्यान रखना है| अब जहाज़ धीरे धीरे चलने लगा कुछ ही देर में रनवे पर बहुत तेज़ी से दौड़ने लगा| कुछ ही पलों में जहाज़ हवा में उड़ने लगा| दिल्ली में रात के नौ बजने वाले थे| मैंने अपनी विंडो सीट से दिल्ली शहर का नजारा देखा| सारा शहर जगमग कर रहा था| रात में भी दूर दूर तक लाईटें चमक रही थी| अद्भुत नजारा था और मैं अपना देश छोड़ कर कुछ दिनों के लिए विदेश जा रहा था घूमने | मन में खूबसूरत खयाल आ रहे थे नये देश कंबोडिया की घुमक्कड़ी के बारे में| खैर अब जहाज़ काफी ऊंचा उड़ रहा था विंडो सीट से नीचे कुछ भी दिखाई दे रहा था| एक घंटे बाद फलाईट में स्नेकस देने शुरू हो गए| कंबोडिया की फलाईट में आपको भारतीय वेजिटेरियन खाना परोसा गया| साथ में पीने के लिए कोल्ड ड्रिंक, चाय कौफी और अमुल की लस्सी थी| हमने अमुल की लस्सी पी| फलाईट में अमुल की ठंडी लस्सी पीकर मजा आ गया| खा पीकर हमें नींद आ गई| फलाईट साढ़े चार घंटे की थी| घड़ी पर टाईम 10.30 हो रहा था | कंबोडिया की फलाईट में ही हमें एक फार्म भरने के लिए दिया गया जिसमें हमे अपना नाम ,पासपोर्ट नंबर, फलाईट नंबर कंबोडिया से वापसी की तारीख होटल का नाम आदि भरना था| इस फार्म को भरने के बाद मैंने अपने पासपोर्ट में ही इस फार्म को संभाल दिया| फिर मै सो गया| अगले दिन सुबह 2.50 बजे के आसपास जहाज़ कंबोडिया की राजधानी फनोम पेन्ह में लैंडिंग कर गया| फनोम पेन्ह का एयरपोर्ट दिल्ली एयरपोर्ट की तरह बड़ा नहीं था और न ही वहाँ पर दिल्ली एयरपोर्ट की तरह भीड़भाड़ थी| फनोम पेन्ह का एयरपोर्ट बिलकुल खाली लग रहा था शायद यहाँ फलाईट कम आती जाती है| हम कंबोडिया की राजधानी फनोम पेन्ह के एयरपोर्ट पर उतर कर वीज़ा आन अराईवल वाले काऊंटर के सामने चले गए| दो तीन लोग हमारे आगे लाईन में लगे हुए थे| जब हमारी बारी आई तो हमने उनको तीस अमेरिकी डॉलर, अपना पासपोर्ट और फलाईट में भरा हुआ फार्म दे दिया| उन्होंने हमें दूसरे काऊंटर के पास इंतजार करने के लिए कहा | पांच मिनट के बाद हमें हमारा पासपोर्ट वापस दे दिया| मेरे पासपोर्ट पर हरे रंग का खूबसूरत स्टिकर लग चुका था किंगडम आफ कंबोडिया का जो मेरा वीज़ा था कंबोडिया में तीस दिन के लिए| फिर हमारी एमिग्रेशन हुई हमारे पासपोर्ट को चैक किया और हमारी कंबोडिया में एंट्री हो गई| फिर मैंने अपना चैक इन बैग लिया| फनोम पेन्ह के एयरपोर्ट से हम बाहर आ गए| सुबह के साढ़े तीन बज रहे थे| एयरपोर्ट बिलकुल खाली था| हम यहाँ से थोड़ी करंसी एक्सचेंज करवाना चाहते थे लेकिन कोई भी दुकान या काऊंटर खुला नहीं था एयरपोर्ट पर| एयरपोर्ट से बाहर निकल कर हमने 6 अमेरिकी डॉलर में फनोम पेन्ह शहर जाने के लिए टुकटुक बुक कर ली| आधे घंटे बाद हम फनोम पेन्ह शहर में पहुंच गए|

फलाईट से दिखाई देता दिल्ली शहर का खूबसूरत दृश्य

Photo of Phnom Penh International Airport by Dr. Yadwinder Singh

फनोम पेन्ह शहर का रात में खूबसूरत दृश्य

Photo of Phnom Penh International Airport by Dr. Yadwinder Singh