पुल कंजरी, जिसे कभी-कभी "पुल कंजरी वार मेमोरियल" के नाम से भी जाना जाता है, पंजाब में एक ऐतिहासिक स्थान है। यह अमृतसर जिले में स्थित है और इसका इतिहास महाराजा रणजीत सिंह के समय से जुड़ा है। जिसे पुल मोरन के नाम से भी जाना जाता है। अमृतसर पहुंचने वाले हजारों की संख्या में सैलानी रोजाना ज्वाइंट चेक पोस्ट अटारी पर रिट्रीट सेरेमनी देखने पहुंचते हैं। मगर यहां से मात्र 4 से 5 किलोमीटर दूर स्थित इस एतिहासिक स्थल को देखने शायद ही कोई सैलानी पहुंचता होगा। अभी भी इस खूबसूरत जगह से पर्यटक अनभिज्ञ हैं।
इतिहास
इसका बहुत ऐतिहासिक महत्व है क्योंकि मुगल काल के दौरान यह एक समृद्ध व्यापार और पारगमन बिंदु था।कहानियों के अनुसार, महाराजा रणजीत सिंह की एक नर्तकी, जिसका नाम मोरां सासी था, इस क्षेत्र में रहती थी। महाराजा उससे मिलने अक्सर यहां आया करते थे। कहा जाता हैं कि एक बार मोर्न घोड़े पर सवार होकर नहर पार कर रही थी और उसकी चांदी की मोटरसाइकिलें नहर में खो गईं। वह परेशान हो गए और उन्होंने तब तक प्रदर्शन करने से मना कर दिया जब तक महाराजा ने नहर पुल बनाने का वादा नहीं किया। पूर्व महाराजा रणजीत सिंह ने पुल बनाने का ऑर्डर दिया था। यह पुल एक नर्तकी के सम्मान में बनाया गया था जिसे पंजाबी में 'कंजरी' कहा जाता है। इस प्रकार इसका नाम पुल कन्जरी पीडी है।
पुल कंजरी का इतिहास इसके वार मेमोरियल तक भी फैला है, जो 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान इस क्षेत्र में हुए महत्वपूर्ण युद्धों की याद में बनाया गया है। यह स्थान इतिहास और सैन्य विरासत के अनेक पहलुओं को दर्शाता है।
यदि आप पुल कंजरी की यात्रा करना चाहते हैं, तो आपको इसके ऐतिहासिक महत्व, संग्रहालय और वार मेमोरियल को देखने का मौका मिलेगा। यह स्थान इतिहास प्रेमियों और उन लोगों के लिए जो भारतीय सैन्य इतिहास में रुचि रखते हैं, के लिए एक आकर्षण का केंद्र है।
पुंज कंजरी में घूमने की जगह
शिव मंदिर: महाराजा रंजीत ¨सह की ओर से बनवाई गई बारादरी के पास ही सैंकड़ों साल पुराना शिव मंदिर है। जहां आ के आस पास के गांव वाले पूजा अर्चना करते हैं।
पुल कंजरी वार मेमोरियल: यहाँ आप इस वार मेमोरियल को देख सकते हैं, जो 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में हुए युद्धों की याद में बनाया गया है।
संग्रहालय: क्षेत्र में स्थित संग्रहालय में आपको ऐतिहासिक और सैन्य आइटम्स, प्रदर्शन और जानकारी प्राप्त हो सकती है।
श्रद्धालु स्थल: महाराजा रणजीत सिंह के श्रद्धालु स्थलों को भी देखा जा सकता है, जैसे कि उनकी नर्तकी मोरां सासी के स्थल।
स्थलीय बाजार: क्षेत्र में वाणिज्यिक गतिविधियों के लिए स्थलीय बाजार भी हो सकता है, जहाँ आप लोकल वस्त्र, कला और क्राफ्ट्स खरीद सकते हैं।
ये कुछ प्रमुख स्थल हैं, जिन्हें आप पुल कंजरी क्षेत्र में देख सकते हैं। आपको वहाँ जाने से पहले स्थानीय पर्यटन विभाग या इंटरनेट पर अधिक जानकारी प्राप्त करनी चाहिए।
पुल कंजरी जाने का सबसे अच्छा समय
अमृतसर में पुल कंजरी की यात्रा का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक है जब मौसम सुहावना होता है और कई बाहरी गतिविधियों का पता लगाने के लिए बढ़िया होता है।
कैसे पहुंचें?
अमृतसर जिले तक पहुंचने के लिए आप रेल, हवाई जहाज या बस का इस्तेमाल कर सकते हैं। इनके बाद, आप पुल कंजरी क्षेत्र तक टैक्सी, ऑटोरिक्शा या खुद की गाड़ी ले सकते हैं। अमृतसर जिले के पास स्थानीय बस सेवाएं भी हैं, जो आपको पुल कंजरी के निकट स्थानों तक ले जायेगी। जब आप पुल कंजरी क्षेत्र पहुंच जाते हैं, तो आप वहां पर स्थानीय पर्यटन विभाग या स्थानीय निवासियों से मदद ले सकते हैं जो आपको स्थानीय यात्रा के बारे में अधिक जानकारी और दिशा मार्ग प्रदान कर सकते हैं।
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