अब यूपी में घुमक्कड़ी होगी और भी शानदार! जानिए पर्यटन क्षेत्र में किए जा रहे विकास के बारे में सबकुछ

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उत्तर प्रदेश को भारत का सूक्ष्म कहा जाता है। ये भारत का वो राज्य है जो तमाम संस्कृतियों और परम्पराओं का घर है। इस प्रदेश में प्राकृतिक सुंदरता का भी खजाना है। पहाड़, नदियाँ, जंगल और हरे-भरे बुग्यालों तक शायद ही ऐसा कोई प्राकृतिक करिश्मा होगा जो उत्तर प्रदेश में नहीं होगा। भारत के सबसे बड़े घुमक्कड़ी स्थान के रूप में देखे जाने वाले इस राज्य में लगभग 35 मिलियन घरेलू पर्यटक हैं। यूपी पर्यटन के लिहाज से कितना विशाल है इसका अंदाजा राज्य के पर्यटन बजट को देखकर ही लगाया जा सकता है। बाकी राज्यों की तुलना में यूपी का पर्यटन बजट आधे से भी बड़ा होता है। यूपी सरकार का पर्यटन की तरफ झुकाव केवल बजट पर ही नहीं बल्कि असल में भी साफ दिखाई देता है। अभी हाल में यूपी के कुछ हिस्सों को धार्मिक पर्यटन के तौर पर विकसित किए जाने पर भी विचार किया जा रहा है। अब जब सरकार घुमक्कड़ी को बढ़ावा देने के लिए इतना सबकुछ कर रही तो आपको भी इन सबके बारे में जान लेना चाहिए।

1. अयोध्या प्रोजेक्ट

अगर आपको न्यूज और देश दुनिया की थोड़ी भी खबर है तो आपको अयोध्या प्रोजेक्ट के बारे में जरूर मालूम होगा। इस प्रोजेक्ट को लेकर इतनी चर्चा हो चुकी है कि अब इसको यूपी सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट कहा जा रहा है। सरकार की मानें तो अयोध्या तेजी से धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में उभर रहा है। सालों से अटके पड़े राम मंदिर पर फैसला आने के बाद तो अयोध्या में टूरिस्टों की भी खूब भीड़ आने लगी है। राज्य सरकार भी अयोध्या में पर्यटन को बढ़ावा देने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। इसके लिए अयोध्या में तमाम नई चीजें और कई पुरानी चीजों का सुधार किया जा रहा है। केवल यही नहीं इस शहर को सोलर सिटी बनाने पर भी काम किया जा रहा है। लोगों को अयोध्या आने में आसानी हो इसके लिए एयरपोर्ट बनाने की भी तैयारी की जा रही है। सुविधाओं की बात करें अयोध्या में तो मल्टी लेवल पार्किंग के साथ-साथ पंचकोशी मार्ग, चौदह कोशी और चौरासी कोशी मार्ग के चौड़ीकरण करने की भी बात है। कुल मिलाकर कहा जाए तो जल्द ही आपको अयोध्या का एक नया रूप दिखाई देने वाला है जिसमें विश्वस्तरीय सुविधाओं का होना तय है।

2. काशी विश्वनाथ कॉरिडोर

बनारस को मोक्षस्थली कहा जाता है। ये वो जगह है जहाँ अगर आप एक बार आ गए फिर आपका वापस जाने का मन नहीं करेगा। इस शहर को यदि आप दो या चार दिन में घूमना चाहते हैं तो ऐसा मुमकिन नहीं है। यहाँ केवल इमारतें और मंदिर ही नहीं हैं बल्कि ये शहर अपने आप में किसी खजाने जैसा है। खैर अभी की बात करें तो बनारस में भी यूपी सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर लेना चाहती है। इसके लिए सबसे पहला कदम काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के रूप में लिया गया है। कहा जा रहा है इस कोरिडोर के बनने के बाद पर्यटक विश्वनाथ मंदिर से मणिकर्णिका घाट तक गाड़ी से जा सकेंगे। इसके अलावा इस प्रोजेक्ट में विश्वनाथ मंदिर के विस्तार का भी प्लान है। 1780 के बाद ये पहला मौका होगा जब बनारस में इतने बड़े स्तर पर बदलाव किया जा रहा है। इसके पहले मराठा रानी अहिल्याबाई होलकर ने विश्वनाथ मंदिर में कुछ बदलाव लिए थे। क्योंकि भारतीय कल्चर और विरासत को दर्शाने में बनारस बेहद महत्वपूर्ण रोल निभाता है इसलिए ये प्रोजेक्ट और भी जरूरी है जाता है। इसके तहत विश्वनाथ मंदिर के अलावा उसके आसपास के 63 और छोटे मंदिरों का रेनोवेशन होने की भी बात है। इस प्रोजेक्ट में 24 नई बिल्डिंगें, मंदिर में आने से वाले लोगों के लिए भोगशाला और धर्मशाला, म्यूजियम, हॉल जैसी चीजें शामिल हैं। फिलहाल ये प्रोजेक्ट अपने शुरुआती दौर में है लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि इसके बनकर तैयार हो जाने के बाद बनारस को भी टोक्यो जैसा रूप दिया जा सकेगा।

3. गोरखपुर प्रोजेक्ट्स

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श्रेय: जागरण.कॉम

गोरखपुर के साथ-साथ पूरे पूर्वांचल को घुमक्कड़ों के लिए मोहक बनाने के लिए यूपी में बड़े कदम उठाए जा रहे हैं। इसमें सबसे पहला नाम आता है रामगढ़ ताल का। गोरखपुर को पर्यटन के नक्शे पर पक्का करने के लिए यूपी सरकार ने रामगढ़ ताल के सौंदर्यीकरण के लिए प्लान बनाए हैं। इसके प्लान में रामगढ़ ताल से सीप्लेन लॉन्च करने की बात है। इसके अलावा लोग यहाँ आसानी से आ सकें इसके लिए शहर को सड़कों और फ्लाइट्स से अच्छी तरह जोड़े जाने की भी बात है। रामगढ़ ताल के अलावा यूपी सरकार चिलुआताल को भी इसी तरह विकसित करने में लगी हुई है। कहा जा रहा है इसके बाद राज्य में पर्यटन के स्तर में बढ़ौतरी आएगी। इन दोनों तालों के अलावा गोरखपुर में इंटरनेशनल वेटर्सपोर्ट्स कॉम्प्लेक्स भी बनाया जा रहा है। इसके अलावा चिलुआताल के ऊपर एक 800 मीटर लंबा डैम भी बनाया जाएगा जिसके चारों तरफ लोगों के चलने के लिए 660 मीटर का पक्का रास्ता भी होगा। इस प्रोजेक्ट में कुछ पक्के घाट बनाने की बात भी की जा रही है जिसमें रंग बिरंगे फव्वारे, फुटपाथ, मोटर बोट और पर्यटकों के बैठने के लिए बेंच जैसी सुविधाएं होंगी।

4. चित्रकूट

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श्रेय: पत्रिका

चित्रकूट शुरू से ही हिन्दुओं का महत्वपूर्ण धार्मिक स्थान रहा है। ऐसे में यूपी सरकार चित्रकूट में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर लेना चाहती है। इसके लिए चित्रकूट के लक्ष्मण पहाड़ी तक नया रोपवे बनाया गया है। माना जाता है लक्ष्मण पहाड़ी वो जगह है जहाँ भगवान लक्ष्मण ने आखिरी बार आराम किया था। इस पहाड़ी के ऊपर पहुँचने के लिए लोगों को 156 सीढ़ियाँ चढ़नी होती है जिसमें लगभग 25 से 30 मिनट का समय लगता है। ऐसे में रोपवे के बाद पर्यटकों को कोई दिक्कत नहीं होगी। 2015 में लॉन्च की गई स्वदेश दर्शन योजना के तहत चित्रकूट में 15 तरह के टूर्स का भी प्लान बनाया गया था। चित्रकूट विंध्याचल पर्वतमाला के बीच में स्थित है। लोगों को यहाँ आने में आसानी हो इसके लिए चित्रकूट में एयरपोर्ट बनाए जाने की भी बात है। माना जा रहा है कि एयरपोर्ट बनने के बाद राज्य पर्यटन में और भी इजाफा होगा। चित्रकूट में एयरपोर्ट बनने के बाद बुंदेलखंड पहुँचना और भी आसान हो जाएगा। खास बात ये भी है कि चित्रकूट एयरपोर्ट टेबल टॉप एयरपोर्ट होगा जो शानदार नजारों के साथ-साथ सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा।

5. चौरी चौरा शताब्दी समारोह

यदि आपको इतिहास में थोड़ी भी रुचि है तो आपको चौरी चौरा कांड के बारे में जरूर पता होगा। चौरी चौरा गोरखपुर से 17-18 किलोमीटर आगे स्थित एक छोटा सा कस्बा है। महात्मा गांधी की अगुआई में जब देश में आंदोलन अपने चरम पर था तब अंग्रेजों ने चौरी चौरा हत्याकांड को अंजाम दिया था। 4 फरवरी 2021 को इस हत्याकांड को 100 साल पूरे हो गए हैं। इस मौके पर यूपी सरकार ने चौरी चौरा में मारने वाले शहीदों के सम्मान में एक कार्यक्रम का आयोजन कर रही है जिसका शुभारंभ प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। इस कार्यक्रम के दौरान देश के वीरों को नमन किया जाएगा। इसके अलावा चौरी चौरा में बने सभी स्मारकों का सुंदरीकरण किया जाएगा और उन्हें सलामी दी जाएगी। इस कार्यक्रम का आयोजन 4 फरवरी 2021 से लेकर 4 फरवरी 2022 तक चलने की बात कही जा रही है। इसके अंतर्गत कुछ विश्व रिकॉर्ड भी बनने की संभावनाएँ हैं।

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