Vaishno devi ~ जम्मू (धार्मिक स्थल माँ वैष्णो देवी)

Tripoto
Photo of Vaishno devi ~ जम्मू (धार्मिक स्थल माँ वैष्णो देवी) by भ्रमणिका (The Voyager)

माता वैष्णो देवी मंदिर, जम्मू और कश्मीर राज्य के त्रिकुटा पहाड़ियों में स्थित यह एक प्रमुख हिन्दू तीर्थ स्थलों की श्रेणी में आता है। जो देवी माँ के प्रति अटूट श्रद्धा का केंद्र बना हुआ है | यह मंदिर मां वैष्णो देवी को समर्पित है और यहां हर साल लाखों भक्तों की भीड़ उमड़ी रहती है |

पहाड़ों, हरे-भरे पेड़ों और चारों ओर फैली हरियाली के बीच बना ये मंदिर अपनी खूबसूरती से पर्यटकों को अत्यधिक आकर्षित करता है। यहाँ पर माँ आदिशक्ति के तीन रूप में विराजमान महासरस्वती, महालक्ष्मी और महाकाली माता वैष्णो माता बड़ी ही अद्भुत है |

अगर आप अपने पूरे परिवार के साथ वैष्णो देवी जाने की योजना बना रहे है तो जल्दी जाइए, माता रानी आपकी हर मनोकामना पूर्ण करेंगी

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मां वैष्णो देवी मंदिर को भारत के 52 शक्तिपीठों में से सबसे दिव्या माना जाता है। यह मंदिर जम्मू कश्मीर में स्थित त्रिकूट पर्वत की गुफा में है, जहां तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को 14 किलोमीटर की मुश्किल चढ़ाई करनी पड़ती है। यही वजह है कि वैष्णो देवी यात्रा जाने से पहले श्रद्धालुओं को आवश्यक जानकारी लेनी चाहिए ताकि उनकी यात्रा में कोई भी अडचन न आए।

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मान्यता है कि मां वैष्णो देवी मंदिर का निर्माण पंडित श्रीधर ने करवाया था। इस मंदिर के निर्माण करने के लिए मां वैष्णो देवी एक बच्ची के रूप में स्वयं पंडित श्रीधर के सपने में प्रकट हुई थी और उस गुफा में के बारे में बताया था, जहां पर अभी माता का मंदिर बना हुआ है।

बाणगंगा स्थल _

कटरा से पैदल ही वैष्णो देवी मंदिर की चढ़ाई शुरू होती है। जबकि रास्ते में त्रिकुटा पर्वत के पास बाणगंगा नदी है। ऐसा कहा जाता है कि वैष्णो देवी ने जमीन पर बाण चलाकर हनुमान की प्यास बुझाने के लिए गंगा नदी को बहा दिया। हनुमान के गायब होने के बाद, वैष्णो देवी ने पानी में अपने बाल धोए।आज यह पवित्र जलधारा ‘बाणगंगा’ के नाम से जानी जाती है, जिसके पवित्र जल का पान करने या इससे स्नान करने से भक्तों की सारी व्याधियाँ दूर हो जाती हैं। बाणगंगा नदी को बालगंगा नदी के रूप में भी जाना जाता है। तीर्थयात्रियों को अपनी पवित्रता के लिए बाणगंगा नदी में स्नान करना चाहिए। बाणगंगा के बाद चरण पादुका मंदिर है।

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अर्धकुमारी स्थल _

चरण पादुका के दर्शन करने के बाद, तीर्थयात्री अर्धकुंवारी मंदिर में आते हैं। वैष्णो देवी ने इस गुफा में 9 महीने तक तपस्या की थी | अर्धकुंवारी के दर्शन करने के बाद, तीर्थयात्री भैरव नाथ मंदिर जाते हैं।

ऐसा माना जाता है इस गुफा को गर्भजून गुफा कहा जाता है। ऐसी आस्था है कि इस गुफा में जो भी महिलाएं प्रवेश करती हैं, उन्हें प्रसव के दौरान कोई समस्या नहीं होती है।

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मां वैष्णो देवी के मंदिर में तीन अलग-अलग प्रमुख गुफाएं हैं। सबसे पुरानी गुफा साल के ज्यादातर महीने बंद रहती है। मां वैष्णो देवी ने इसी गुफा में भैरव का वध किया था। उस समय भैरव का शरीर इसी गुफा में रह गया था और सिर घाटी में जा गिरी थी। आज भी इस गुफा में भैरव का शरीर मौजूद है |

ऐसा कहा जाता है कि वैष्णो देवी ने जब भैरवनाथ को मारने की ठानी तो भैरव नाथ को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने क्षमा मांगी। वैष्णो देवी ने उन्हें यह कहकर आशीर्वाद दिया कि यदि मेरे भक्तगण भैरवनाथ के दर्शन नहीं करेंगे तो उनकी तीर्थयात्रा फलदायी नहीं होगी। वैष्णो देवी के मंदिर भवन के साथ तीर्थयात्री भैरवनाथ के सिर के दर्शन करते हैं।

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नवरात्रि मेला _

यहां पर नवरात्रि मेला की तैयारियां बड़े ही जोर - शोर से होती हैं | नवरात्रि के दौरान यहां पर सबसे ज्यादा श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। क्योंकि नवरात्रि के 9 दिन तक मां वैष्णो देवी मंदिर की रौनक बहुत ही देखने लायक होती है। नवरात्रि के दौरान कटरा में बड़े जागरण का आयोजन होता है और माता वैष्णो देवी के भवन को बहुत ही सुंदर तरीके से सजाया जाता है।

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सबसे पहले कटरा पहुंचे _

इस शहर में आने के लिए आप जम्मू एयरपोर्ट से फ्लाइट ले सकते हैं। वहां से, आप कटरा में पर्यटक स्थलों पर जाने के लिए किराए पर टैक्सी ले सकते हैं। आप इस शहर में पहुंचने के लिए हेलीकॉप्टर की सेवा का भी लाभ उठा सकते हैं, क्योंकि इस क्षेत्र में कई हेलीपैड हैं। आप यहां ट्रेन से भी आ सकते हैं। यहां का रेलमार्ग, देश के बाकी हिस्सों से भी जुड़े हुए हैं। इसमें श्री माता वैष्णो देवी कटरा रेलवे स्टेशन शामिल है। यहाँ दिल्ली, जबलपुर, गांधीधाम, कालका और ऋषिकेश जैसे विभिन्न शहरों से प्रतिदिन ट्रेनें आती हैं।

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कटरा जाने का सबसे अच्छा समय _

जैसा कि यहां यात्रा के दौरान काफी चलना पड़ता है, तो सर्दियों का मौसम यहां दर्शन करने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। नवंबर से लेकर मार्च तक का महीना सबसे अच्छा रहता है, जो कटरा घूमने के लिए भी सबसे अच्छा समय है। इस दौरान, कटरा में मौसम ठंडा होता है, जिससे आप हिमालय की ठंडी हवाओं का पूरा आनंद ले सकते हैं और पहाड़ों की चढ़ाई भी आराम से कर सकते हैं।

कटरा में भोजन व्यवस्था _

वैष्णो देवी में भोजन करने के लिए बहुत सारे रेस्तरां हैं, जैसे कि प्रेम वैष्णो ढाबा, पूजा वैष्णो ढाबा और मनोरंजन ढाबा आदि।

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