भारत के 10 विचित्र गाँव जिनके बारे में आपने पहले नहीं सुना होगा

Tripoto
7th Aug 2020
Photo of भारत के 10 विचित्र गाँव जिनके बारे में आपने पहले नहीं सुना होगा by Deeksha

भारत देश विविधता से भरा देश है। यहां कदम कदम पर नए लोग मिलेंगे। नई सभ्यता दिखेगी। यहां की संस्कृति सबसे अलग है। उत्तर दक्षिण पूर्व पश्चिम आप कहीं भी चले जाएं, हर जगह की अपनी अलग परंपरा है जो कि सालों से चली आ रही है। यह ऐसा देश है जहां हर नई जगह के पीछे उसकी अपनी एक अलग कहानी छुपी हुई है। हर जगह की अपनी एक रूमानियत है। तो आज घुमक्कड़ी के इस सफर में आपको लिए चलते हैं भारत के कुछ ऐसे गांव के सफर पर जिनके बारे में जान कर आपकी घुमक्कड़ी की किताब में एक नया चैप्टर जुड़ जाएगा।

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1. हिवरे बाज़ार

श्रेय : इंडिया वॉटर पोर्टल

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महाराष्ट्र के अहमनगर जिले में बसा हिवरे बाज़ार एक समृद्ध गांव की पहचान है। इस गांव को " विलेज ऑफ मिलिनेयर " यानी करोड़पतियों से भरा गांव भी कहा जाता है। इस गांव की कहानी कुछ अलग है। हर गांव कि तरह ये गांव भी शुरू से ही ऐसा नहीं था। यहां भी समय था जब बेरोज़गारी और गरीबी से यहां के लोगों की अटूट मित्रता थी। अब से कुछ 30 साल पहले तक यहां के लग भग हर घर में गरीबी अपने पैर पसार चुकी थी। बस खाने को दो वक़्त की रोटी मिल जाती थी। धीरे धीरे समय बदला और साथ ही गांव के हालात। 1990 के बाद से यहां करिश्मा होना शुरू हुआ। और आज दृश्य यह है कि इस गांव में करीब करीब 60 से ज़्यादा लोग ऐसे हैं जिनकी गिनती करोड़पतियों में की जा सकती है। और ये लोग कोई बहुत बड़े कारोबारी या व्यवसाय वाले लोग नहीं हैं। ये हैं इस गांव के किसान। जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन से आज इस गांव का नक्शा ही बदल दिया है। सच ही कहा गया है एक देश को विकसित उसके किसान ही बनाते हैं।

2. शेतफल,महाराष्ट्र

श्रेय : इंडिया.रैपिड लीक्स. कॉम

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अगर मैं कहूं भारत में एक गांव ऐसा है जहां हर घर में सांप रहते हैं, तो क्या आप मानेंगे? जी हां। महाराष्ट्र के शोलापुर जिले का शेतफल गांव इस बात का जीता जागता उदाहरण है। पुणे शहर से करीब 200 किलोमीटर दूर महाराष्ट्र का यह गांव कोबरा सांप का घर है। यहां हर घर में सांप रहते हैं। इस गांव में लोग सांपों से साथ खुशी खुशी रहते हैं। ना सांप उनका कुछ बिगड़ते हैं और ना ही लोग सांपों से कोई दुश्मनी रखते हैं। यहां सांपों के चलने फिरने में भी कोई पाबंदी नहीं है। उल्टा लोग हर रोज़ सांप की पूजा करते हैं और उनके अच्छे के लिए कामना करते हैं। इस गांव में 2600 से ज़्यादा लोग रहते हैं और हर एक जन का एक ख़ास दोस्त ज़रूर है। और वो है सांप।

3. शनि सिग्नापुर,महाराष्ट्र

श्रेय : दुनिया गजब

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श्रेय : नवभारत टाइम्स

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महाराष्ट्र का सीग्नापुर एक ऐसी जगह है जहां आपको घरों में दरवाज़े नहीं देखने मिलेंगे। हर साल करीब 40000 से ज़्यादा भक्त भगवान शनि के दर्शन के लिए यहां आते हैं। लोगों का मानना है कि भगवान शनि उन्हें हर तरह के बुरे से बचाएंगे और उनकी सुरक्षा करेंगे। इसलिए यहां एक भी घर में आपको दरवाज़ा देखने को नहीं मिलेगा। आज के युग में जहां चोरी का इतना डर लगा रहता है, क्यूं है ना ये चौंका देने वाली बात?

4. कोडिन्ही

श्रेय : हिंदी. कैच न्यूज

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श्रेय : अजब गजब. कॉम

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केरल के मलप्पुरम जिले में स्तिथ कोडिन्ही गाँव को जुड़वों के गाँव के नाम से जाना जाता है। यह गांव सालों से विशेषज्ञों के लिए रहस्य बना हुआ है। कई विशेषज्ञ आए और गए पर इस गांव की गणित का समाधान कोई नहीं दे पाया। हालांकि यहां के लोगों का कहना है कि यहां पर मिलने वाले पानी में कुछ अलग तरह से विशेष मिनरल्स हैं जिसकी वजह से ये घटना हो रही है। यहां कुछ 2000 परिवार रहते हैं जिनमें 400 लोग जुड़वा हैं। आंकड़ों की माने तो हर 1000 लोगों में 45 जोड़े आपको आसानी से मिल जाएंगे। कहानी जो भी हो, असल बात यह है कि कोडिन्ही गांव भारत में मिलने वाले जुड़वा जोड़ियों में सबसे पहले स्थान पर है।

5. पुंसरी

श्रेय : पत्रिका. कॉम

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गुजरात के साबरकांठा जिले का यह गांव विकास का पर्याय है। एक समय ऐसा था कि यहां के लोगों के पास आम जन वाली सुविधाएं तक नहीं थी। और आज यहां क्या कुछ नहीं है। 6000 की आबादी वाले इस गांव के हर एक घर में टॉयलेट है। यहां 2 प्रार्थमिक विद्यालय और प्रार्थमिक चिकित्सा केंद्र भी है। जगह जगह पर स्ट्रीट लाइट्स हैं। और तो और पूरे गांव की जल प्रणाली कुछ ऐसी है कि भारी बारिश में भी यहां कभी पानी नहीं भरता। पूरे गांव में हर जगह वाईफाई की सुविधा है। जिसका लोग पूरे मन से इस्तेमाल करते हैं। ऑनलाइन पैसों का भुगतान और इंटरनेट चलाना यहां हर किसी को आता है। सबके पास मोबाइल फोन भी है। जिनके पास नहीं है उनके लिए जगह जगह पर साइबर कैफे का भी इंतजाम है। पूरे गांव में जगह जगह पर सीसीटीवी कैमरा लगे हुए हैं। इससे गांव प्रशासन पूरे गांव पर अच्छे से नजर रखता है। यहां सामान के सार्वजनिक वितरण के लिए भी उचित केंद्र बनाए गए हैं। पूरे गांव में 140 लाउड स्पीकर लगे हुए हैं। जिसे कोई भी जानकारी आसानी से सब लोगों तक पहुंचाई जा सके। और किसी को किसी तरह की कोई परेशानी ना हो इसका ख़ास ध्यान रखा जाता है।

6. बरवा काला

श्रेय : हिंदी. रैपिड लीक्स. कॉम

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बिहार राज्य का पिछड़ापन किसी से छुपा नहीं है। अविकसित राज्यों में बिहार की गिनती होती रही है। और शायद यही वजह से बिहार का बरवा काला गांव आज भी प्रयाप्त सुविधाओं से दूर खड़ा है। यहां ना तो पक्की सड़क है और ना ही बिजली का कोई तोड़ इलाज। गांव में स्कूलों कि कमी है और लोगों के बीच आर्थिक तंगी है। साथ ही साफ पानी भी यहां नदारद है। बिना किसी तरह की उचित व्यवस्था के कोई पिता अपनी बेटी यहां बियाहना नहीं चाहता। और यही इस गांव में शादी ना हो पाने का मुख्य कारण है। ऐसा माना जाता है यहां एक भी शादी हुए 50 साल से ज़्यादा हो गए हैं और इसलिए इस गांव को " कुंवारों का गांव " घोषित कर दिया गया है।

7. जम्बुर

श्रेय : द क्विंट

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क्या आप जानते हैं गुजरात में गुजारती बोलने वाले अफ्रीकी रहते हैं? यहां बात हो रही है गुजरात की सिद्धि समुदाय की। यह लोग मूल रूप से अफ्रीका के हैं। यह लोग सदियों पहले जूनागढ़ के नवाब द्वारा भारत लाए गए थे। अब चूंकि उस समय इस्लाम धर्म का काफी प्रचलन था इसलिए इन लोगों ने भी अपने आप को समय और स्तिथि के हिसाब से ढाल लिया। वैसे तो सिद्धि समुदाय के लोग अफ्रीका से ताल्लुक रखते हैं, पर ये अपने रहन सहन, बोल चाल से एकदम भारतीय और ठेठ गुजराती हैं। कर्नाटक के भी कुछ हिस्सों में सिद्धि लोग आपको आराम से मिल जाएंगे।

8. मावल्यान्नॉंग

श्रेय : पत्रिका . कॉम

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श्रेय : ट्रैवल ट्रायंगल

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मेघालय की बात आते ही अगर आपके मन में चेरापूंजी का ख्याल आता है तो थोड़ा रुकिए। मेघालय का मावल्यान्नॉंग गांव अपने आप में एक अजूबा है। 2003 में डिस्कवर इंडिया ने इस गांव को "एशिया का सबसे साफ गांव" के खिताब से नवाजा था। वजह से यहां की खूबसूरती और साफ सफाई। ये गांव बेहद हरा भरा और साफ है। आपको सड़कों पर किसी तरह का कचरा नहीं देखने को मिलेगा। जगह जगह पर बांस के कूड़ादान रखे मिलेंगे जिनमें सरा कचरा डाल दिया जाता है। पेड़ के सूखे पत्तों और फूलों को इस कचरे से अलग किया जाता है जिससे बाद में खाद बनाई जाती है और खेती में इस्तेमाल किया जाता है। एक और वजह इस गांव को बेहद खास बनाती है। वह है यहां का साक्षरता दर। यहां 100 प्रतिशत साक्षरता दर है और इसे गॉड्स ओन गार्डन भी कहा जाता है।

9. रोंगदोई

श्रेय : अमेजिंग सर्थ. ब्लॉग्स्पॉट. कॉम

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असम के जोरहाट में एक ऐसी प्रथा है जो कि आपको हैरान कर देने के लिए काफी होगी। यहां रोंगदोइ गांव में मेंढकों की शादी करने का रिवाज़ है। सुनने में ये बहुत अजीब लगता है पर इस गांव के हिन्दुओं का मानना है कि जंगली मेढकों की शादी करवाने से जल देवता खुश होते हैं और साल भर में अच्छी बारिश होती है। यहां के लोग पूरे हर्ष और उल्लास के साथ शादी की सभी रस्में करते हैं और सभी रीति रिवाजों को पूरा किया जाता है।

10. कोरलाई गांव

मुंबई पुणे से आगे बढ़ कर देखें तो पता चलेगा महाराष्ट्र की यह धरती अपने आप में कितने नगीने लिए बैठी है। ऐसा ही एक गांव है कोरलाई। इस गांव को भारत का " पोर्तुगीज गांव " भी कहा जाता है। वजह से यहां के लोग और उनकी संस्कृति। कोरलाई में अधिकतर लोग मूल रूप से पोर्तुगीज समुदाय से है। इनका खाने पीने के तौर तरीके में भी ये साफ झलकता है। इनकी भाषा भी पोर्तुगीज है। यहां सब ही लोग पोर्तुगीज भाषा में ही बात चीत करते हैं। संक्षेप में कहें तो कोरलाई को भारत का ब्राज़ील भी कहा जा सकता है। इसलिए कभी आपका कोरलाई जाना हो, तो पोर्तुगीज तरीके से मेहमान नवाजी के लिए तैयार रहिएगा।

क्या आप भी ऐसे ही किसी गांव की यात्रा पर गए हैं, हमे नीचे दिए गए कमेंट सेक्शन में बताएं।

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