कच्‍छ में मनाया जाता है 38 दिनों तक रण उत्सव

Tripoto
29th May 2021
Photo of कच्‍छ में मनाया जाता है 38 दिनों तक रण उत्सव by Dharmendra Kanu
Day 1

चांद के रोशनी में ऊंट की सवारी का आनंद लेना हो तो चले आइए ऊंटों के देश गुजरात में. हजारों की संख्‍या में प्रतिदिन यहां विदेशी सैलानी रण उत्सव में हिस्‍सा लेने पहुंचते हैं. इस उत्‍सव का आयोजन कच्‍छ के रेगिस्‍तान में 38 दिनों तक किया जाता है.

Photo of कच्‍छ में मनाया जाता है 38 दिनों तक रण उत्सव by Dharmendra Kanu
Day 2

रण उत्सव’ में हजारों सैलानियों के पहुंचने से पूरा क्षेत्र जीवंत हो उठता है. भुज से पांच किलोमीटर दूर रण के विशाल मैदान के बीच धोरडो गांव के पास एक विशाल टूरिस्ट कैंप बस जाता है, जहां पर्यटकों को सभी सुविधाओं से युक्त टैंटों में ठहराया जाता है. यहां के मिट्टी के बने कलात्मक घर इतने सुंदर होते हैं कि सैलानी इन घरों को देखकर खुद को इनकी प्रशंसा करने से नहीं रोक पाता.

Photo of कच्‍छ में मनाया जाता है 38 दिनों तक रण उत्सव by Dharmendra Kanu
Day 3

रण उत्सव में आयोजित होने वाले कार्यक्रम

Photo of कच्‍छ में मनाया जाता है 38 दिनों तक रण उत्सव by Dharmendra Kanu
Day 4

जहां पर्यटकों को सभी सुविधाओं से युक्त टैंटों में ठहराया जाता है.

Photo of कच्‍छ में मनाया जाता है 38 दिनों तक रण उत्सव by Dharmendra Kanu
Day 5

सोचा था हर मोड़ पर याद करेंगे उन को,
पर कमबख्त पूरी सड़क ही सीधी निकली।

Photo of कच्‍छ में मनाया जाता है 38 दिनों तक रण उत्सव by Dharmendra Kanu
Day 6

क्या रखा है शहर की भीड भाड़ में
अरे कुछ दिन तो गुजारो कच्छ  की गोद में
तो एकबार आकार जरूर देखे कच्छ की गोद

Photo of कच्‍छ में मनाया जाता है 38 दिनों तक रण उत्सव by Dharmendra Kanu
Day 7

जनाब कुछ दिन तो गुजारो #गुजरात में...

Photo of कच्‍छ में मनाया जाता है 38 दिनों तक रण उत्सव by Dharmendra Kanu
Day 8

पसन्द तो सारे शहर हैं...
लेकिन कच्छ पर तो हम मरते हैं...

Photo of कच्‍छ में मनाया जाता है 38 दिनों तक रण उत्सव by Dharmendra Kanu
Day 9

इस उत्सव में भाग लेने वाले पर्यटकों को पहले दिन ‘भुज’ के पास हमीरसर लेक के किनारे आयोजित कार्निवाल की सैर कराई जाती है, जो यहां की संस्कृति को समझने एवं जानने का बेहतरीन अवसर प्रदान करता है. दूसरे दिन ‘रण सफारी’ का रोमांच तथा चांदनी रात में चमकते दूधिया रण में आयोजित होने वाले लोक संगीत एवं लोक नृत्यों का आनंद उठाते हैं. इन कार्यक्रमों के अलावा हस्तशिल्प के कलाकारों को अपने घरों में काम करते देखना हर सैलानी को बरबस ही अपनी ओर खींच लेता है.

यहां के दर्शनीय स्थलों में ‘ढोलावीरा’ जहां हड़प्पन सभ्यता को दर्शाता है, वहीं धार्मिक स्थलों में भगवान शिव को समर्पित नारायण सरोवर, कोटेश्वर मंदिर, माता नो मांध, थान मोनेस्ट्री तथा लखपत किला प्रसिद्ध हैं. काला डूंगर से रण का दृश्य देखते ही बनता है तथा पहाड़ी स्थित दत्तात्रेय मंदिर से सायंकाल की आरती के बाद पुजारी की आवाज पर सैकड़ों की संख्या में सियारों का दौड़ कर आना पर्यटकों को अचंभित करता है.

Photo of कच्‍छ में मनाया जाता है 38 दिनों तक रण उत्सव by Dharmendra Kanu
Day 10

कैसे पहुंचे
यहां हवाई सेवा, रेल और सड़क मार्ग से पहुंचा जा सकता है. भुज हवाई सेवा से जुड़ा है तथा देश के प्रमुख शहरों से एयर लाइंस सेवा द्वारा पहुंचा जा सकता है. इसके अलावा भुज देश के प्रमुख रेल नेटवर्क से भी जुडा़ है. जहां तक बात रही सड़क मार्ग से यहां पहुंचने की तो राज्य के प्रमुख शहरों से यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है.