भृगु लेक ट्रेक हिमाचल का एकमात्र ऐसा ट्रेक है जो आपको सिर्फ 2 दिन में 14,000 फीट की ऊँचाई पर ले जाता है। ये चढ़ाई लंबी और कठिन जरूर है लेकिन ऊपर पहुँच कर जब आपके सामने धौलाधार और पीर पंजाल के पहाड़ होंगे तो आप अपनी सारी थकान भूल जाएँगे। अगर आप अपनी रोजाना एक जैसी जिंदगी से परेशान हो चुके हैं और थोड़ा सुकून और शांति चाहते हैं तो आपको इस ट्रेक पर जरूर जाना चाहिए। भृगु लेक ट्रेक खास इसलिए भी है क्योंकि ये हिमाचल की फेमस जगहों में नहीं आता है। बहुत से लोग तो इस ट्रेक के बारे में जानते भी नहीं है। ऐडवेंचर से भरे इस ट्रेक पर बहुत कम लोग जाते हैं इसलिए आप यहाँ प्रकृति के बीच खुद को पा सकते हैं।
कब जाएँ?
वैसे तो ये ट्रेक साल में कभी भी किया जा सकता है लेकिन इसके लिए सबसे अच्छा समय मई से अक्टूबर का होता है। इस समय ये वैली कई तरह के फूलों से भरी रहती है और दूर-दूर तक सिर्फ हरियाली ही हरियाली दिखाई देती है। फिर भी अगर आप इस ट्रेक पर जाने का मन बना रहे हैं तो एक बार मौसम के बारे में जरूर पता कर ले। इस टेक पर बारिश में जाने से बचें क्योंकि उस समय लैंडस्लाइड का खतरा रहता है। पहाड़ों में कब क्या हो जाए? कोई नहीं जानता, इसलिए पहाड़ों को कभी कम नहीं आँकना चाहिए।
कितना मुश्किल है ये ट्रेक?
ये ट्रेक न ही बहुत आसान है और न ही बहुत ज्यादा कठिन। इसलिए अगर आपको इससे पहले ट्रेकिंग का अनुभव नहीं भी है तब भी आप इस ट्रेक को करने जा सकते हैं। इस ट्रेक में सामान्यतः 3 दिन लगते हैं और इस ट्रेक में आपको 14,000 फीट तक की ऊँचाई की चढ़ाई करनी होगी।
क्या है रूट?
पहला दिनः इस दिन मनाली से चल कर गुलाबा तक ड्राइव करके जाइए जो समुद्र तल से 10,350 फीट की ऊँचाई पर है। मनाली से ये जगह 22 किलोमीटर दूर है और यहाँ पहुँचने में लगभग डेढ़ घंटे का समय लगेगा।
गुलाबा आकर आपको यहाँ से रोला खोली तक ट्रेक करना होगा। समुद्र तल से रोला खोला 12, 500 फीट की उंचाई पर है। 8 किलोमीटर लंबे इस ट्रेक में लगभग 4-5 घंटे लगेंगे।
दूसरा दिनः ट्रेक के दूसरे दिन आपको रोला खोली से भृगु लेक तक की चढ़ाई करनी पड़ेगी। भृगु लेक समुद्र तल से 14,000 फीट की ऊँचाई पर स्थित है। 10 किलोमीटर लंबे इस ट्रेक को पूरा करने में लगभग 6 से 7 घंटे लगते हैं। कोशिश कीजिए कि आप सुबह ही इस ट्रेक को शुरू कर दें ताकि उसी दिन भृगु लेक से वापस भी लौटना सकें।
तीसरा दिनः ट्रेकिंग के तीसरे दिन रोला खोली से गुलाबा तक जाइए। पहाड़ पर चढ़ना जितना कठिन होता है उससे भी कठिन होता है उतरना। भृगु लेक से नीचे उतरकर आप गुलाबा तक आ सकते हैं। गुलाब से आप वापस गाड़ी से मनाली जा सकते हैं।
क्या रास्ता लें?
पहला दिनः
सबसे पहले मनाली पहुँच कर माल रोड से गुलाबा के लिए टैक्सी लीजिए। ये इस ट्रेकिंग का पहला पड़ाव है। पहले बेस कैंप तक आने के लिए आपको 12,500 फीट की ऊंचाई तक चढ़ाई करनी होगी। 8 घंटे के ट्रेक के बाद आप रोला खोली पहुँचेंगे जो आपका पहला बेस कैंप होगा। गुलाबा से रोला खोला की दूरी 8 किलोमीटर है।
पहले दिन की ट्रेकिंग में आपको रास्ते में हरे-भरे मैदान और चिनार के जंगल पार करने होंगे। इसके अलावा आपको सेब के बगीचों को भी पार करना होगा। अगर आपको लग रहा है कि ये चढ़ाई बहुत कठिन है तो डरिए मत। मनाली और सोलंग के पहाड़ आपको कभी अकेला महसूस नहीं होने देंगे।
रास्ते में आपको फेमस माउंट हनुमान टिब्बा और सेवन सिस्टर्स पीक भी देखने को मिलेंगे। चलते-चलते जब आपको रंग-बिरंगे टेंट और दुकानें दिखने लगेगी तो समझ जाइए कि यही पहला बेस कैंप है। इस ट्रेक को पूरा करते-करते शाम जाएगी। वहाँ पहुँचकर अपने लिए किसी भी दुकान से गरमागरम खाना ऑर्डर कीजिए और खुले आसमान के नीचे हजारों तारों के साथ बोनफायर का मजा लीजिए।
दूसरा दिनः
इस दिन की शुरुआत जितनी जल्दी हो उतना सही रहेगा। कोशिश कीजिए सुबह 8 बजे तक आप नाश्ता करके बेस कैंप से निकल जाएँ। आगे की चढ़ाई के लिए अपने साथ जितना काम सामान रखें उतना अच्छा रहेगा। मेरे हिसाब से एक छोटा बैग काफी होगा क्योंकि आपके उसी दिन वापस बेस कैंप में ही आना होगा। इसलिए अपने सामान को यही रहने देना चाहिए। छोटे बैग में सभी जरूर का सामान जैसे पानी की बोतल, धूप से बचने के लिए किट, एनर्जी के लिए चॉकलेट और ड्राई फ्रूट्स, कैमरा, पोंचू आदि रख लेना चाहिए।
रोला खोली से भृगु लेक तक का रास्ता ऊबड़-खाबड़ पत्थरों और चट्टानों से भरा है। इसलिए ये रास्ता तय करने में मेहनत तो लगेगी ही। बस एक बार लेक तक पहुँच गए उसके बाद आप धौलाधार और पीर पंजाल पहाड़ों के बीच होंगे। ये नजारा इतना सुन्दर हैं कि आपकी सारी थकान छूमंतर हो जाएगी और खुद को रिलैक्स फील करेंगे। मजे की बात ये है कि साल भर में लेक आधे से ज्यादा समय जमी रहती है। जब ये जमी नहीं होती है तब पानी पर सामने के पहाड़ों का शानदार रिफ्लेक्शन देखने को मिलता है।
भृगु लेक पर कुछ समय ठहरने और निहारने के बाद आपको अपनी वापस उतरना शुरू कर देना चाहिए और कोशिश कीजिए कि शाम तक आप बेस कैंप पहुँच जाएँ। अंधेरे में इस मुश्किल रास्ते पर चलना किसी खतरे से कम नहीं है। कैंप पहुँचकर रात में आराम कीजिए और अगले दिन की तैयारी कीजिए।
तीसरा दिनः
ट्रेकिंग का आखिरी दिन इस सफर का सबसे सबसे अच्छा दिन होगा। पहले तो ये रास्ता आसान होगा और दूसरा इस दिन आप आप 12,500 फीट की ऊँचाई से सीधे 6,700 फीट पर आ पहुँचेंगे।
8 किलोमीटर के इस रास्ते को पूरा करने में लगभग 4 घंटे लगेंगे। इसमें ध्यान देने वाली बात ये है कि गुलाबा पहुँचने से एक घंटे पहले ही अपनी टैक्सी या कार का इंतजाम कर लेना चाहिए जिससे आपको ज्यादा देर तक इंतजार ना करना पड़े।
शाम 5 बजे तक मनाली पहुँच जाइए और फिर वहाँ से वोल्वो लेकर अपनी मंजिल की ओर जा सकते हैं।
क्या आपने कभी भृगु लेक ट्रेक किया है? अपने सफर का अनुभव यहाँ लिखें।
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