जुलाई और अगस्त का महीना आते ही भयंकर गर्मी छू मंतर हो जाती है और आसमान में काले मेघ दिखाई देते हैं और उनसे बरसती हैं मोती जैसी बारिश की बूंदे। अगर बारिश का असली मज़ा लेना ही है तो पहाड़ों से बेहतर कोई जगह नहीं हो सकती जहाँ बारिश पहाड़ों का वातावरण ही बदल देती है और हवा को और स्वच्छ बना देती है।
ये बात बिलकुल सच है कि बरसात के मौसम में ट्रेकिंग करने के रस्ते मिट जाते हैं पर ऐसी कई जगह है जहाँ पर बरसात में ट्रेकिंग करना सुरक्षित भी है और रोमांचक भी। ये हैं कुछ बेहतरीन ट्रेकिंग करने की जगह जिसका आनंद बरसात के मौसम में और बढ़ जायेगा।
हिमालय में मॉनसून ट्रेकिंग करने की कुछ जगह:
1. फूलों की घटी, उत्तराखंड
वैली ऑफ़ फ्लावर्स ट्रेक या फूलों के घाटी की ट्रेकिंग बरसात की सबसे बेहतरीन ट्रेकिंग मानी जाती है। ट्रेकिंग का रास्ता नंदा देवी बायोस्फियर रिज़र्व से होकर जाता है और आप वहाँ से बर्फ से ढके पहाड़ और फूलों की घाटी की अद्वितीय खूबसूरती देख सकते हैं।
वैली ऑफ़ फ्लावर्स ट्रेक या फूलों के घाटी की ट्रेकिंग बरसात की सबसे बेहतरीन ट्रेकिंग मानी जाती है। ट्रेकिंग का रास्ता नंदा देवी बायोस्फियर रिज़र्व से होकर जाता है और आप वहाँ से बर्फ से ढके पहाड़ और फूलों की घाटी की अद्वितीय खूबसूरती देख सकते हैं।
यहाँ आपको 300 प्रकार के अल्पाइन फूल देखने को मिलेंगे और कुछ अलग तरह के जेरेनियम, पोटेनटिल्ला, और नीला हिमलायन पॉपी भी देखने को मिलेगा। माना जाता है कि यहाँ एक सप्ताह लाल फूल खिलते हैं और उसके अगले सप्ताह गुलाबी और फिर पीले फूल और ऐसा ही चलता जाता है।
क्षेत्र: उत्तराखंड| ऊँचाई: 14,400 फीट| लेवल: आसान से थोड़ा कठिन| समय: 6 दिन
2. तरसर झील
अगर कश्मीर भारत की सबसे खूबसूरत जगह है तो तरसर मरसर ट्रेकिंग को नि:संदेह सबसे मनमोहक यात्रा कहा जा सकता है। इस ट्रेकिंग में आपको दो जुड़वा झीलें तरसर और मरसर मिलेंगी जो कि कोलाही पर्वत की चोटियों से घिरी हैं।
तरसर मरसर यात्रा में सबसे सुखद अनुभव होता है अलग अलग खूबसूरत नज़ारों का। कभी आपको झरने से बहता पानी मिलेगा तो कभी आखों को सूकून देता नज़ारों के अंत तक हरी घास का मैदान।
जगह: जम्मू- कश्मीर| ऊँचाई: 13,201 फीट| लेवल: आसान से थोड़ा कम| समय: 7 दिन
3. कृष्णसर झील
जरा सोचिए किसी ट्रेकिंग में आपको ऊँचाई पर स्थित एक या दो झीलें मिलेंगी लेकिन अगर सात विशाल झीलें आपको देखने को मिलें तो क्या कहेंगे। क्या आप अपने आपको इस खूबसूरती को देखे बिना रोक पाएँगे?
अगर आप कभी ना खत्म होने वाले हरी घास के मैदानों से होते हुए नीले रंगों की झीलों तक का सफर तय करना चाहते हैं तो आपको बिना देर किए ग्रेट लेक ट्रेकिंग पर निकल जाना चाहिए।
जगह: कश्मीर| ऊँचाई: 13,800 फीट| लेवल: थोड़ा कठिन| समय: 7 दिन
4. कनामो पीक
अगर आप स्टॉक कांगरी जाना चाहते हैं और नहीं जा पा रहे तो कनामो की पहाड़ियाँ आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प होगा। 19,600 फीट की ऊँचाई पर स्थित कनामो की चोटी अपने आस पास की 35 चोटियों को बौना बना देती है।
कनामो जाने से पहले ये बातें जान लें
1. कनामो की पहाड़ी चढ़ने से पहले ये सुनिश्चित कर लें की आप वहाँ के वातावरण के हिसाब से पूरी तरह फिट हैं।
2. कनामो की चढ़ाई करने से पहले आपको ऊँचाई पर चढ़ने का अनुभव ज़रूर होना चाहिए।
जगह: हिमाचल प्रदेश| ऊँचाई: 19,600 फीट| लेवल: कठिन| समय: 8 दिन
5. हम्पता पास ट्रेक
वनस्पति और जीव जंतुओं की विविधताओं से भरा हम्पता पास बेहद खास है क्योंकि यहाँ से आप लाहौल वैली का मनोरम दृश्य देख सकते हैं। इस सफर में आपको हरे भरे जंगलों से लेकर घास के मैदान और बंजर खेत सब एक साथ देखने को मिलेगा जो किसी और आम यात्राओं में मिलना मुश्किल है।
जगह- हिमाचल प्रदेश, ऊँचाई 14,035 फीट, लेवल- आसान से थोड़ा कठिन, समय- 6 दिन
6. पिन वैली नेशनल पार्क
हिमाचल की सबसे खास जगहों में से एक पिन भाबा पास की शुरुआत किन्नौर के खूबसूरत घास के मैदानों से होती है और स्पिति के वीरान घाटी पर खत्म होती है। रोमांच के शौकीन लोगों के लिए सबसे बेहतर इस सफर में मनमोहक ऊँची पहाड़ की चोटियों से लेकर खूबसूरत नदी की घाटियाँ भी मिलेंगी।
जगह- हिमाचल प्रदेश| ऊँचाई: 16,105 फीट| लेवल: आसान से थोड़ा कठिन| समय- 7 दिन
7. भृगु लेक ट्रेक
भृगु झील भृगु महर्षि के नाम पर जुड़ी है। भृगु झील इतनी फेमस है कि आम तौर पर लोग यहाँ ज़रूर आना चाहते हैं। इस बात में कोई संदेह नहीं है कि भृगु झील जाना आपके लिए पैसा वसूल है लेकिन यहाँ की असली खूबसूरती छिपी है यहाँ के खूबसूरत घास के मैदानों में। इन विशाल मैदानों में घास चरती भेड़ और सरपट दौड़ते घोड़े आपका मन मोह लेंगे।
जगह: हिमाचल प्रदेश| ऊँचाई: 14,009 फीट| लेवल: सामान्य| समय: 4 दिन
अगर आप फिट हैं और मॉनसून में कुछ रोमांचक करना चाहते हैं तो इन ट्रेक पर निकलने की तैयारी कर लें।