धर्मशाला से बस 2 घंटे दूर बसी ये जगह किसी जन्नत से कम नहीं है!

Tripoto

श्रेय - फ्रेडी बाक

Photo of गुनेहर वैली, Gunehr, Himachal Pradesh, India by Saransh Ramavat

हिमाचल प्रदेश के धौलाधार श्रेणी के केंद्र में, एक थोड़ा विचित्र, शांत कस्बा है जिसे गुनेहर कहा जाता है। हरे-हरे चाय के बागानों और कल-कल करती छोटी नदियों से गुज़रते हुए आपकी कार पर्यटकों की भीड़ से दूर, इस गाँव तक पहुँच जाएगी। यहाँ का ज्यादातर भाग हिमालय के गद्दी और बड़ा भंगाल जाती के लोगों का घर है। आपको यहाँ हर दूसरी पहाड़ी बस्ती की तरह पत्थर से बने घर, मवेशियों के झुंड और छोटी-छोटी खाने की दुकाने मिल जाएँगी ।

लेकिन रुकिए ! गुनेहर के बारे में कुछ अनोखी बात है जो इसे दूसरे गाँवो से अलग बनाती है , जैसे की आप गुनहर को मानचित्र मे नहीं ढूँढ पाएँगे और जब एक भारतप्रेमी जर्मन, जिनका की नाम फ्रैंक श्लिक्टमैन ने गुनेहर को हिमाचल के पर्यटन स्थलों मे दर्ज करवाने का जिम्मा उठाया तो उन्होने पूरे गाँव को अपने कैनवास में व यहाँ के लोगों को उस कैनवास को सुंदर बनाने वाले प्रतिभागियों में बदल दिया। आइए उनकी इस अनोखी पहल से उपजी इस जादुई दुनिया को थोड़ा गौर से जानते है ।

गुनेहर की यात्रा क्यों करे ?

श्रेय - सोनालिका देबनाथ

Photo of धर्मशाला से बस 2 घंटे दूर बसी ये जगह किसी जन्नत से कम नहीं है! by Saransh Ramavat

हर जगह पर दिखेगी महारथ

फ्रैंक का जन्म हैम्बर्ग में हुआ, उनकी माँ बंगाली व पिता एक जर्मन थे। वो जब चार साल के थे तब वो पहली बार भारत आए। फ्रैंक की फॉरटेबल्स परियोजना, लगभग आठ साल पहले शुरू हुई थी, जिसका लक्ष्य वैकल्पिक और सार्थक जीवन के लिए जगह बनाना था। और इस पहल के एक हिस्से के रूप में, उन्होंने एक सुंदर गैलरी, एक कैफे, एक इकोलॉजिकल बुटीक होटल बनाया, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार तो मिला ही है, साथ ही गाँव को सजाने व परंपराओं के पुनर्जीविन मे भी सहयोग मिला है । सभी आधुनिकता के बावजूद भी फ्रैंक ने यह सुनिश्चित किया है कि गाँव की परंपराओ व यहाँ के ग्रामीण जीवन को किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुँचे।

कला का अनोखा नमूना है गुनेहर

श्रेय - सोनालिका देबनाथ

Photo of धर्मशाला से बस 2 घंटे दूर बसी ये जगह किसी जन्नत से कम नहीं है! by Saransh Ramavat

कला के किसी भी काम की सुंदरता और गहनता उसके मूल तत्वों को देखकर ही पता चलती है। और यहाँ के वास्तविक माहौल जैसे की दूधिया घने जंगलों व खुशबूदार बागों का पूरा असर यहाँ की कला मे भी दिखाई देता है । और यहाँ पर कला का प्रभाव वास्तव में तब शुरू हुआ जब “शॉपआर्ट आर्टशॉप” नामक एक तरह का आर्ट रेजिडेंसी प्रोग्राम हर तीन साल में गुनेहर में होना शुरू हुआ । सभी संभावित नियमों और प्रतिबंधों से अलग, फ्रैंक ने 2013 में 13 उभरते हुए कलाकारों को एक महीने के लिए गाँव में रहने व खाली पड़ी दुकानों पर पेंटिंग करने के लिए आमंत्रित किया और इसके लिए उन्होंने उन्हे प्रकृती व गाँव के स्थानीय लोगों से प्रेरणा लेने के लिए कहा ।

शॉपआर्ट मूल रूप से कंटेम्पररी आर्ट के साथ सुनसान दुकानों पर चित्रकारी करने की एक पहल थी, जिसमें भाग लेने वाले कलाकारों ने अपनी कृतियों में गुनहर के देहाती जीवन को शामिल किया। रचनाकारों ने ग्रामीणों की ग्रामीण संवेदनाओं को अपने काम में शामिल करने का लक्ष्य रखा और इस तरह से उनके इस काम में अपने आप सभी गाँव वालों ने उत्साह से उनका साथ दिया व इसे एक रचनात्मक मेले के रूप में विकसित किया ।

एक रुपए का सिनेमा और ऐसी ही अनोखी चिज़े

श्रेय - सोनालिका देबनाथ

Photo of धर्मशाला से बस 2 घंटे दूर बसी ये जगह किसी जन्नत से कम नहीं है! by Saransh Ramavat

गुनेहर का सबसे शोर भरा इलाका सेट केएम लो का 'एक रुपए का सिनेमा' नामक जगह है। केएम लो एक मशहूर सिंगापुर निर्देशक है जिन्होंने कंबोडिया, चीन, फिलीपींस, थाईलैंड और लाओस में सिनेमा पर कई वर्कशॉप आयोजित की हैं। गुनेहर में, उनकी ये जगह बच्चों का पसंदीदा अड्डा है। वह बच्चों और जिज्ञासु स्थानीय लोगों को सिखाते है कि बेहतरीन कैमरावर्क और अन्य अलग-अलग तकनीकों का उपयोग करते हुए, कैसे कम से कम पैसों मे सिनेमा बनाया जा सकता है ।

इंदौर की रहने वाली प्रसिद्ध सिरेमिक कलाकार मुदिता भंडारी ने वास्तुशिल्प टेराकोटा रूपों, कंकोक्टिंग पत्थर, स्लेट और स्थानीय घरों में इस्तेमाल होने वाली दूसरी चीज़ों के साथ कई दीवारों को बदल दिया है। मुदिता भण्डारी इसकी कार्यव भी आयोजित करती है जिसमे आमतौर पर गाँव की ज़्यादातर लड़कियों उनके साथ सीखना व वॉलंटियर करने की इच्छा रखती है ।

आप जैसे ही गुनहर में एंट्री लेते हैं तो रैना कुमार की गुनेहर फैशन शॉप्स आपका स्वागत करती हैं । यह एक चाय की दुकान तो है ही, आप यहाँ से बाहर निकलेंगे तो लोक गीत की धुनें आपके कानों में पड़ेंगी और गेनेहर की महिलाएँ लुआंचिरी, यानी गद्दी जनजाति की पारंपरिक वेशभूषा को एक नया रूप देती दिखाई देंगी

गाँव के बीच से गुज़रती नदी

श्रेय - सोनालिका देबनाथ

Photo of धर्मशाला से बस 2 घंटे दूर बसी ये जगह किसी जन्नत से कम नहीं है! by Saransh Ramavat

गुनेहर की कला से सजी दीवारों को देखने के बाद आप गाँव से होते हुए कई रंभाती हुए गायों व एक तालाब को पार करते हुए चमचमाती गुनेहर नदी तक पहुँच सकते है , जिसे की गाँव वालों ने बड़ी चतुराई से, हर प्रकार के प्रदूषण से दूर रखा हुआ है। यह नदी हरे पहाड़ों से घिरी हुई है और हर सुबह इसे सूरज के नीचे चमकते हुए देखा जा सकता है।

जो भी इस गाँव को देखना जा रहा है, उससे एक प्रार्थना है कि खाने के रैपर, बिसलेरी की बोतलें और जो कुछ भी गुनेहर के जंगल से संबंधित नहीं है उसे यहाँ से वापस ले जाएँ ताकि यह जगह प्रदूषण मुक्त रह सके ।

खाने में आपको यहाँ क्या मिलेगा ?

फोरटेब्लस कैफ़े (गुनेहर का इकलौता कैफे) आपको सबसे स्वादिष्ट, घर का बना खाना परोसता है। आप जब यहाँ जड़ी-बूटियों से पका हुआ चिकन, जिसे आलू और पालक की चटनी के साथ परोसा जाता है, को चखेंगे तो आपको वाकई लगेगा की यह डिश आपको सीधे स्वर्ग की रसोई से ही परोसी गयी है। कैफे के नाश्ते में कई तरह के पनीर, फलों, ताज़े पके हुए बन्स और अंडा पसंद करने वाले लोगों के लिए खाने के लिए बहुत कुछ मिलता है ।

जाने के लिए सही समय

मार्च से मध्य जुलाई इस शानदार गाँव का दौरा करने का सबसे अच्छा समय है । यहाँ तापमान 22 डिग्री सेल्सियस और 35 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है जिससे दिन सुखद और रातें थोड़ी ठंडी होंगी।

यहाँ कैसे पहुँचें

श्रेय- फ्रेडी बाक

Photo of धर्मशाला से बस 2 घंटे दूर बसी ये जगह किसी जन्नत से कम नहीं है! by Saransh Ramavat

गुनेहर धर्मशाला से दो घंटे की ड्राइव पर है। निकटतम रेलवे स्टेशन पठानकोट में है, जो धर्मशाला से लगभग 85 कि.मी. दूर है। गुनेहर तक पैदल ही जाया जा सकता है। यहाँ कोई अन्य स्थानीय परिवहन नहीं है।

कहाँ ठेहरें?

द 4रूम्स होटल

फोरटेब्ल्स प्रोजेक्ट के लिए 4रूम्स होटल एक नया भाग है। पहले की लकड़ी की जर्जर छत पूरी तरह से बदल दी गयी है । मिट्टी से बनी दीवारों व निचली छत व एक बड़े बरामदे के साथ निर्मित 4 रूम्स होटल अपनी बेहतरीन रंगो की दीवारों और साज-सज्जा से आपको आकर्षित करने में कोई कमी नहीं छोड़ेगा ।

श्रेय - एयर बी एन बी

Photo of धर्मशाला से बस 2 घंटे दूर बसी ये जगह किसी जन्नत से कम नहीं है! by Saransh Ramavat

हाल ही में हिमाचल प्रदेश की यात्रा की है? Tripoto पर अपनी यात्रा का अनुभव साझा करें और लाखों लोगों को यात्रा करने के लिए प्रेरित करें!

रोज़ाना वॉट्सऐप पर यात्रा की प्रेरणा के लिए 9319591229 पर HI लिखकर भेजें या यहाँ क्लिक करें।

ये आर्टिकल अनुवादित है। ओरिजनल आर्टिकल पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।