लद्दाख को भारत की सबसे अनोखी और सबसे सुंदर जगह कहा जा सकता है। लद्दाख के पहाड़ हरे-भरे नहीं हैं बंजर हैं। हरियाली ना होने के बावजूद यहाँ के पहाड़ों में अलग ही जादू है। वैसे तो लद्दाख को घूमने के लिए मोटरसाइकिल सबसे बेस्ट मानी जाती है लेकिन आप पूरे लद्दाख को बस से घूम सकते हैं। तो आइए आज आपको लद्दाख की पर्यटन वाली जगहों पर जाने के लिए बसों की पूरी जानकारी दे देते हैं।
लद्दाख में वैसे तो ज़्यादातर बसें हैं लेकिन अलग-अलग जगहों के लिए अलग-अलग दिन पर बसें चलती हैं। इसके अलावा लद्दाख में कई प्रकार की बसें चलती हैं।
1. सरकारी बस
2. प्राइवेट बस
3. इलेक्ट्रिक बस
4. लोकल बस
इन जगहों पर जाएँ:
1. पैंगोंग लेक
पैंगोंग लेक लद्दाख की सबसे लोकप्रिय जगहों में से एक है। पैगोंग दुनिया की सबसे ऊँचाई पर स्थित सॉल्ट वाटर लेक है। 160 किमी. लंबी पैंगोंग का एक तिहाई हिस्सा भारत में है और दो तिहाई हिस्सा चीन में आता है। पैगोंग लेक के लिए लेह शहर से हर बुधवार और हर शुक्रवार को सुबह 7 बस निकलती है। टिकट एक दिन पहले ही बस स्टैंड से ले लेना चाहिए। JKSRTC की ये बस कारू, चांगला पास और डुरबुक होते हुए पैंगोंग के स्पांगमिक गाँव तक जाती है। बस से पैंगोंग पहुँचने में 6-7 घंटे का समय लगता है। अगले दिन सुबह-सुबह वही बस पैंगोंग से लेह के लिए निकलती है।
दिन: बुधवार और शुक्रवार।
2. नुब्रा वैली
नुब्रा वैली में बस के बारे में जानने से पहले ये जान लीजिए कि नुब्रा वैली दो इलाक़ों में फैला हुआ है। एक तरफ़ डिस्किट, हुंडर और तुरतुत और दूसरा सुमूर और पनामिक की तरफ़। दोनों की जगहों के लिए अलग-अलग बस चलती है।
अ. हुंडर
अगर आप लेह शहर से डिस्किट और हुंडर की तरफ़ जाना चाहते हैं लेह के प्राइवेट बस स्टैंड से हर रोज़ सुबह 8 बजे बस चलती है। इस बस में सीट के लिए आपको एक दिन पहले टिकट बनवानी होगी। खारदुंग ला पास होते हुए ये बस अपने गंतव्य तक जाती है। इस बस से हुंडर पहुँचने में 5-6 घंटे का समय लगता है।
दिन: हर रोज़
ब. पनामिक
यदि आप नुब्रा वैली में पनामिक और सुमूर गाँव जाना चाहते हैं लेह बस स्टैंड से हर रोज सुबह 8 JKSRTC की सरकारी बस चलती है। इस बस में सीट के लिए एक दिन पहले ही टिकट ले लें तो अच्छा रहेगा। ये बस भी खारदुंग ला होते हुए सुमुर और पनामिक जाती है।
दिन: हर रोज़
3. हानले
हानले लद्दाख की सबसे लोकप्रिय और दूरस्थ जगहों में से एक है। लेह शहर से हानले लगभग 250 किमी. की दूरी पर है। शे, थिकसे और हेमिस होते हुए बस हानले जाती है। हानले के लिए हर बुधवार और शनिवार लेह से बस चलती है। सुबह 8 बजे बस लेह से चलती है और हानले 3-4 बजे पहुँचा देती है।
दिन: बुधवार और शनिवार
4. लामायुरू
लामायुरू लद्दाख की एक लोकप्रिय जगह है। यहाँ पर एक बेहद पुरानी और शानदार बौद्ध मोनेस्ट्री है। इसके अलावा ये जगह अपने मून लैंड के लिए जानी जाती है। लामायुरू लेह-श्रीनगर हाइवे पर स्थित है। इस जगह के लिए वैसे तो आप कारगिल और श्रीनगर वाली बस से पहुँच सकते हैं। इसके अलावा एक सीधी बस हर रोज़ शाम 3 बजे लामायुरू के लिए चलती है।
दिन: हर रोज़।
5. कारगिल
कारगिल को लद्दाख की संयुक्त राजधानी कहा जाता है। लेह से कारगिल की दूरी लगभग 215 किमी. है। लेह से कारगिल जाने के लिए पोलो ग्राउंड से हर रोज सुबह 6 बजे एक प्राइवेट बस चलती है। सीट के लिए एक दिन पहले पोलो ग्राउंड जाकर आपको टिकट लेनी पड़ेगी। लेह से कारगिल की रोड एकदम शानदार है। लेह से कारगिल पहुँचने में 6-7 घंटे का समय लगता है।
दिन: हर रोज।
6. श्रीनगर
लेह से श्रीनगर की दूरी 418 किमी. है। अगर आप लेह से श्रीनगर बस से जाना चाहते हैं तो हर रोज़ दोपहर 2 बजे लेह से श्रीनगर के लिए JKSRTC की बस चलती है। लेह से श्रीनगर पहुँचने का निर्धारित समय 18 घंटे है लेकिन ये समय मौसम पर भी निर्धारित करता है। आपको इस बस में सीट के लिए एक दिन पहले टिकट बनवानी पड़ेगी। रास्ते में जॉजिला पास समेत तीन हिमालयी दर्रे पड़ते हैं। इसके अलावा रास्ते में लामायुरू, कारगिल, द्रास और सोनमर्ग जैसी जगहें पड़ती हैं।
दिन: हर रोज़
7. लेह से दिल्ली
लेह से दिल्ली के लिए बस साल में कुछ महीने के लिए चलाई जाती है। इस रोमांचक यात्रा को बड़ी संख्या में लोग करते हैं। लद्दाख से शुरू होने वाली ये हिमाचल और हरियाणा से होते हुए दिल्ली पहुँचती है। इस बस की यात्रा में 30 घंटे का समय लगता है और बस एक रात केलांग में रूकती है। ये बस लगभग 1026 किमी. का सफ़र तय करती है। गर्मियों के महीनों में चलनी वाली ये बस भारत के सबसे ख़तरनाक रास्ते से होकर गुजरती है।
दिन: हर रोज़
इलेक्ट्रिक बस
लेह शहर से कुछ जगहों के लिए हर रोज़ इलेक्ट्रिक बसें चलती हैं। लेह से माथो के लिए, अलची के लिए और कारू के लिए हर रोज़ इलैक्ट्रिक बसें चलती हैं। यदि आप पत्थर साहिब गुरुद्वारा, मैग्नेटिक हिल और संगम जाना चाहते हैं तो अलची जाने वाली इलेक्ट्रिक बस से जा सकते हैं। इसके अलावा यदि आप हेमिस, शे पैलेस, थिकसे मोनेस्ट्री और स्टकना मोनेस्ट्री जाना चाहते हैं तो कारू जाने वाली इलेक्ट्रिक बस से जा सकते हैं।
इन जगहों के लिए बस नहीं:
1. तुरतुक
तुरतुक लद्दाख में भारत-पाक बार्डर पर स्थित है। तुरतुक वो जगह है जो 1971 से पहले पाकिस्तान में थी और अब भारत का हिस्सा है। तुरतुक के लिए लेह से कोई सीधी बस नहीं चलती है। लेह से तुरतुक जाने के दो विकल्प हैं। पहला तो लेह से तुरतुक के लिए शेयरिंग टैक्सी से जा सकते हैं। इसके अलावा आप बस से हुंडर तक जा सकते हैं। हुंडर से तुरतुक लगभग 100 किमी. की दूरी पर है। वहाँ से आप लिफ़्ट लेकर या शेयरिंग टैक्सी मिल जाए तो उससे जा सकते हैं।
2. त्सो मोरिरी
त्सो मोरिरी लद्दाख की सबसे दूरस्थ जगहों में से एक है। समुद्र तल से 4,522 मीटर की ऊँचाई पर स्थित त्सो मोरिरी लेक भारत की सबसे सुंदर झीलों में से एक है। लेह से त्सो मोरिरी लगभग 216 किमी. की दूरी पर है। इस जगह के लिए लेह से कोई बस नहीं चलती है। यहाँ जाने के लिए आपको टैक्सी बुक करनी पड़ेगी। इन जगहों के अलावा लद्दाख की और भी जगहें है जहां बसें नहीं चलती हैं।
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