ये हैं लद्दाख के जन्नत सरीखे गाँव, यहाँ मिलेगी शांति और सुकून

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Photo of ये हैं लद्दाख के जन्नत सरीखे गाँव, यहाँ मिलेगी शांति और सुकून by Rishabh Dev

मशहूर घुमक्कड़ राहुल सांकृत्यान ने कहा है कि घुमक्कड़ ही इस दुनिया को आगे बढ़ाते हैं। वे नई-नई जगहों की खोज करते हैं। लद्दाख भारत की सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है। हर घूमने वाले की बकेट लिस्ट में लद्दाख का नाम ज़रूर आता है। कभी जन्नत के नज़ारे देखने का मन करे तो लद्दाख से बेहतर और कुछ नहीं है। लद्दाख में कुछ पल सुकून के गुज़ारने का मन सभी को होता है। लद्दाख में कई सारी जगहें हैं जो काफ़ी लोकप्रिय हैं। इसके अलावा लद्दाख में कई सारे गाँव हैं जो बेहद शांत और खूबसूरत हैं। अगर आप लद्दाख में शांति और सुंदरता का मिश्रण वाली जगह खोज रहे हैं तो आपको इन गाँवों में ज़रूर आना चाहिए।

लद्दाख के बेहद सुंदर गाँव:

1. तुरतुक गाँव

तुरतुक लद्दाख का एक बेहद खूबसूरत गाँव है। तुरतुक नुब्रा घाटी में श्योक नदी के किनारे स्थित एक शानदार गाँव है। तुरतुक समेत इस इलाक़े के चार गाँव 1971 से पहले पाकिस्तान के नियंत्रण में थे। 1971 के युद्ध के बाद तुरतुक गाँव भारत के हिस्से में आ गया। 2012 से पहले इस जगह पर बाहरी लोगों का प्रवेश प्रतिबंध था। पर्यटन को देखते हुए इस जगह को 2012 में भारतीय लोगों के लिए खोल दिया गया। लेह शहर से तुरतुक लगभग 205 किमी. की दूरी पर है। तुरतुक गाँव से भारत-पाकिस्तान सीमा 6 किमी. की दूरी पर है। पहाड़ों से घिरा ये गाँव लद्दाख के सबसे सुंदर जगहों में से एक है।

2. अलची गाँव

अलची लद्दाख के सबसे पुराने गाँव में से एक है। इस गाँव में लद्दाख की सबसे पुरानी मोनेस्ट्री है। सिंधु नदी के किनारे स्थित अलची गाँव लेह शहर से लगभग 70 किमी. की दूरी पर है। अगर आप लद्दाख की किसी शांत और सुकून वाली जगह पर जाना चाहते हैं अलची गाँव एकदम परफ़ेक्ट है। यहाँ आप मोनेस्ट्री देखने के अलावा एपरिकोट का जूस पी सकते हैं, गाँव भ्रमण कर सकते हैं और नदी किनारे जा सकते हैं। लेह से अलची के लिए हर रोज़ दो इलेक्ट्रिक बसें भी चलती हैं। लद्दाख की यात्रा में अलची गांव आपकी बकेट लिस्ट में ज़रूर होना चाहिए।

3. बासगो

बासगो लद्दाख का एक और शानदार गाँव है। ये गाँव अपने शानदार इतिहास और कल्चर के लिए जाना जाता है। लेह-श्रीनगर नेशनल हाइवे पर स्थित बासगो गांव लेह शहर से लगभग 36 किमी. की दूरी पर है। किसी ज़माने में ये गाँव लद्दाख का समृद्ध गांव हुआ करता था लेकिन आज बासगो अपने कुछ पैलेस, मंदिर और गोम्पा के लिए जाना जाता है। सिंधु नदी के किनारे स्थित बासगो गाँव में लगभग 150 घर हैं। लद्दाख का बासगो शहर एक बेहद ही महत्वपूर्ण सांस्कृतिक शहर है। इस किले के अंदर तीन मंदिर भी है और इस किले से पूरे बासगो को अच्छे से निहारा जा सकता है। आपको एक बार बासगो गाँव की यात्रा ज़रूर करनी चाहिए।

4. सुमुर

सुमुर गाँव लद्दाख की नुब्रा वैली में स्थित है। सुमुर गाँव सियाचिन बार्डर और पनामिक के पास में स्थित है। लेह से सुमुर गांव लगभग 120 किमी. की दूरी पर है। समुद्र तल से 3,100 मीटर की ऊँचाई पर स्थित सुमुर गांव अपने शानदार मठ के लिए जाना जाता है। सुमुर गाँव में समस्तांलिंग नाम की एक बेहद शानदार मोनेस्ट्री है। इस मोनेस्ट्री से आपको सुमुर गाँव बेहद सुंदर नजारा देखने को मिलेगा। इसके अलावा सुमुर गाँव में भी सैंड ड्यूंस हैं, जहां आप शाम को जा सकते हैं।

5. चुमथांग

अगर ख़राब मौसम के चलते आपकी तबियत ख़राब हो रही है तो आप गर्म कुंड में डुबकी लगा सकते हैं। चुमथांग लद्दाख का एक और बेहद खूबसूरत गांव है। समुद्र तल से 3,950 मीटर की ऊँचाई पर स्थित चुमथांग लेह से 138 किमी. और नयोमा से 41 किमी. की दूरी पर है। सिंधु नदी के किनारे स्थित चुमथांग हॉट स्प्रिंग के लिए जाना जाता है। गर्म पानी में डुबकी लगाने से आपकी थकान मिट जाएगी। आप इस गाँव में ट्रेकिंग और कैंपिंग कर सकते हैं। पहाड़ों और बर्फ़ से घिरा चुमथांग अपनी मनमोहक सुंदरता के लिए जाना जाता है।

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