अब हिमाचल उत्तराखंड छोड़ो! क्या आप महाराष्ट्र के इस ट्राइबल हिल स्टेशन के बारे में जानते हैं?

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हर घुमक्कड़ की चाहत होती है कि वो कभी ना कभी किसी खूबसूरत हिल स्टेशन की यात्रा पर जाए। लेकिन समय की कमी की वजह से बहुत दूर किसी हिल स्टेशन पर जा पाना मुश्किल हो जाता है। क्योंकि हम सभी अपने जिंदगी में व्यस्त रहते हैं इसलिए छुट्टियों के लिए हम किसी शांत जगह की तलाश करते हैं। कोई ऐसी जगह जहाँ पहुँचने के लिए हमें बहुत ज्यादा मेहनत भी ना करनी पड़े और हमें पहाड़ियों का मजा भी मिल जाए। हिल स्टेशन का जिक्र आते ही अक्सर हम हिमाचल और उत्तराखंड की ओर खींचें चले जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं महाराष्ट्र में भी एक हिल स्टेशन ऐसा है जहाँ आपको हिल स्टेशन का पूरा मजा मिलेगा? जव्हार असल में आदिवासी हिल स्टेशन हैं। जो प्राकृतिक सौंदर्य से भरा पड़ा है।

जव्हार

14वीं शताब्दी में आदिवासी राजा जयाबा मुखने द्वारा स्थापित किया गया महाराष्ट्र का ये हिल स्टेशन आपके वीकेंड को खास बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा। जव्हार को कुदरती सुंदरता का इतना खूबसूरत तोहफा मिला हुआ है कि आप यहाँ कुछ ना करके भी पूरा मजा ले सकते हैं। अपनी ट्रिप को खास बनाने के लिए आपको चाहिए एक छोटी पिकनिक बास्केट और जव्हार जैसा सुंदर हिल स्टेशन। बता दें जव्हार एक समय पर वर्ली साम्राज्य का राजधानी शहर हुआ करता था। जो इस हिल स्टेशन के सौंदर्य को देखते हुए सही भी है। जव्हार के प्राकृतिक करिश्मों के बीच धीमी और सुस्त पड़ चुकी जिंदगी का मजा लेना आपको जरूर पसंद आएगा। जव्हार आम हिल स्टेशनों की तरह बिल्कुल नहीं है। क्योंकि इसके बारे में ज्यादा लोगों को नहीं मालूम है इसलिए यहाँ आपको भीड़ मिलने का भी कोई चांस नहीं है।

क्या देखें?

हर हिल स्टेशन प्राकृतिक सौंदर्य से सजा होता है। फिर वो कौन सी चीजें हैं जो जव्हार को बाकी सभी से अलग और खास बनाती हैं? जव्हार में आपको प्राकृतिक के साथ साथ ऐतिहासिक और आदिवासी समाज से जुड़ी चीजें भी देखने के लिए मिलेंगी जो इस हिल स्टेशन को बाकी सबसे अलग बनाती हैं।

1. जय विलास पैलेस

ये विशाल राजमहल आदिवासी देवताओं का घर जैसा है। जय विलास पैलेस अंदर से देखने में जितना रोचक है इसके आसपास के नजारे भी उतने ही खूबसूरत हैं। जय विलास पैलेस के आसपास काजू के बागान हैं जो इस जगह की प्राकृतिक छटा देखने लायक बना देते हैं। पैलेस के अंदर की ऊपरी मंजिल पर छोटे बच्चों के कमरे और बैठने के लिए ड्रॉइंग रूम है। इसी मंजिल पर बेडरूम और अनगिनत गलियारे भी हैं। कमरों के बाहर और अंदर दोनों जगहों पर नक्काशीदार फर्नीचर रखा गया है। जो इस पैलेस की राजसी शान बरकरार रखता है। मेहमानों के रहने के लिए बनाए गए कमरे आम जनता के लिए नहीं खोले गए हैं। लेकिन खास मौकों पर इन हिस्सों में कई बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग भी की जाती है।

2. हनुमान प्वॉइंट

जय विलास पैलेस के पास और जव्हार के मुख्य बस अड्डे के बगल में हनुमान प्वॉइंट है। हनुमान प्वॉइंट का नाम यहाँ बने हनुमान मंदिर के ऊपर रखा गया है। वैसे बता दें ये जगह केवल इस मंदिर की वजह से ही फेमस नहीं है। हनुमान प्वॉइंट से नीचे बसी घाटी के भी बेहद खूबसूरत नजारे दिखाई देते हैं जो हर घुमक्कड़ का दिल खुश करने के लिए काफी है। हनुमान प्वॉइंट की एक तय जगह से जय विलास पैलेस का गुंबद भी दिखाई देता है जो आसमान में तैरते हुए बादलों के बीच बेहद प्यारा लगता है। ढेर सारे दिलकश नजारों से भरी ये जगह किसी भी नेचर लवर को बहुत पसंद आएगी।

3. शिरपामाल

महाराष्ट्र में शायद ही कोई जगह ऐसी होगी जहाँ शिवाजी ने अपनी छाप नहीं छोड़ी होगी। शिर्पामाल जव्हार के बाहरी इलाकों में नासिक रोड पर पड़ता है जहाँ छत्रपति शिवाजी ने सूरत जाते समय कुछ देर ठहरकर आराम किया था। इस जगह की पहचान यहाँ बने लाल दरवाजे से की जाती है जो शिवाजी के कैंप वाली जगह पर बनाया गया है। ये जगह ऐतिहासिक नजरिए से तो महत्वपूर्ण है ही लेकिन इसका मतलब ये बिल्कुल नहीं है कि ये जगह खूबसूरत नहीं है। शिरपामाल को भी कुदरती सुंदरता का भर भरकर प्यार मिला हुआ है। इस जगह का शांत माहौल और ठंडी हवा आपका दिल जीत लेगी। शिरपामाल में आपको धूल मिट्टी नहीं मिलेगी। इसलिए आप आराम से यहाँ के साफ सुथरे वातावरण का मजा ले सकते हैं।

4. सनसेट प्वाइंट

हर हिल स्टेशन का अपना खुदका एक सनसेट प्वाइंट जरूर होता है। ये वो जगह होती है जहाँ से ढलते सूरज का सबसे खूबसूरत नजारा दिखाई देता है। आमतौर पर इस जगह पर सभी घुमक्कड़ आना पसंद करते हैं। जिसकी वजह से भीड़ होना तय है। जव्हार का सनसेट प्वाइंट थोड़ा अलग है। इस सनसेट प्वाइंट से आपको ढलता सूरज तो दिखाई देता ही है बल्कि यहाँ से आप झरना भी देख सकते हैं। झमाझम गिरते झरने के साथ सनसेट देखने बहुत हसीन एहसास होता है। ढलते सूरज की किरणें पानी को चमकीला बना देती हैं। यदि आप जव्हार का सबसे सुंदर सनसेट देखना चाहते हैं तो आपको इस प्वाइंट पर जरूर आना चाहिए।

कब जाएँ?

महाराष्ट्र के इस हिल स्टेशन की खास बात है कि यहाँ जाने के लिए आपको किसी खास मौके का इंतेज़ार नहीं करना पड़ता है। आपका जब मन करे आप बिना ज्यादा सोचे जव्हार जाने का प्लान बना सकते हैं। बाकी हिल स्टेशनों की तुलना में यहाँ आने में आपको समय भी कम लगता है। क्योंकि यहाँ का मौसम सालभर घूमने लायक रहता है इसलिए आप साल के किसी भी समय जव्हार आ सकते हैं। लेकिन फिर भी यदि आप सबसे सटीक मौसम में आना चाहते हैं तो आपको अक्टूबर से फरवरी के बीच आना चाहिए। इस समय जव्हार का मौसम ना ज्यादा ठंडा रहता है और ना ही बहुत ज्यादा गर्मी रहती है। इसलिए आप आर से अपनी ट्रिप का भरपूर मजा उठा सकते हैं।

कैसे पहुँचें?

जव्हार मुंबई से केवल 165 किमी. की दूरी पर स्थित है। जिसके कारण यहाँ पहुँचना और भी आसान हो जाता है। हालांकि जव्हार में कोई एयरपोर्ट नहीं है लेकिन इसके बावजूद ये हिल स्टेशन लोगों को खूब पसंद आता है।

फ्लाइट से: फ्लाइट से जव्हार आने के लिए आपको सबसे पहले मुंबई आना होगा। मुंबई का अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा सबसे नजदीकी एयरपोर्ट है जो पन्हाला से 165 किमी. दूर है। यदि आप आगे का रास्ता भी फ्लाइट से तय करना चाहते हैं तो आप मुंबई से नासिक के लिए फ्लाइट ले सकते हैं। नाशिक से पन्हाला की दूरी केवल 80 किमी. है।

ट्रेन से: जव्हार से सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन इगतपुरी है। जो केवल 60 किमी. की दूरी पर है। इगतपुरी देश के अन्य हिस्सों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है इसलिए आपको यहाँ आने के लिए आसानी से ट्रेनें मिल जाएंगी। इगतपुरी से आप टैक्सी या बस लेकर जव्हार आ सकते हैं।

वाया रोड: यदि आप सड़क के रास्ते जव्हार आना चाहते हैं तो उसमें भी आपको कोई परेशानी नहीं होगी। महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन की बसें आपको सीधे जव्हार पहुँचा देंगी।

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