खज्जियार हिमाचल प्रदेश ____
खज्जियार, हिमाचल प्रदेश के चम्बा जिले में स्थित एक अद्भुत पहाड़ी स्थल है। यहां की खूबसूरती और मनमोहक वातावरण ने इसे दुनियाभर में मशहूर किया है। खज्जियार को “हिमाचल प्रदेश का मिनी स्विट्ज़रलैंड” के नाम से भी जाना जाता है।
खज्जियार की लोकप्रियता _________
यह पर्यटन स्थल छोटा बेशक है, लेकिन लोकप्रियता मे बड़े-बड़े हिल स्टेशनों से कम नहीं है। यहाँ के ऊँची शाखाओं वाले पेड़ों को पाँच पांडवों और छठी द्रौपदी के प्रतीकों के रूप में माना जाता है।
यहाँ पशु-पक्षी प्रेमी सैलानियों को कई दुर्लभ जंगली जानवर और पक्षियों के दर्शन हो जाते हैं।
खज्जियार हिमाचल प्रदेश के चम्बा जिले में स्थित एक गाँव है जो अपनी खूबसूरती और मनमोहक वातावरण के लिए दुनिया भर में मशहूर है| इसे “हिमाचल का मिनी स्विट्ज़रलैंड” के नाम से भी जाना जाता है| खज्जियार अपने खूबसूरत हरे मैदान के लिए भी प्रसिद्ध है| इसके अलावा, यह एक लंबे समय से ट्रेकिंग के लिए भी लोकप्रिय है| खज्जियार एक अद्भुत हिल स्टेशन है जो दुनिया भर में अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है|
गंजी पहाड़ी ट्रेकिंग: यहां की गंजी पहाड़ी ट्रेकिंग के लिए प्रसिद्ध है।
झील: खज्जियार में एक सुंदर झील है।
खूबसूरत हरे मैदान: यहां का खूबसूरत हरे मैदान भी प्रसिद्ध है।
खज्जियार आपको सच में एक मिनी स्विट्ज़रलैंड का अनुभव कराता है। यहां की तस्वीरें आपको असल स्विट्ज़रलैंड की याद दिलाएंगी। खज्जियार के मौसम में भी एक अलग ही मस्ती है, नजारों में अलग ही सौंदर्य है। यहां के घास के मैदान की खूबसूरती का अनुभव करने के लिए लोग यहां दूर-दूर से आते हैं। खज्जियार एक प्रकृति प्रेमी के लिए खास है और यह भारत के किसी भी हिल स्टेशन से कम नहीं है।
जब हम अपने ही देश में विदेश की सैर कर लें तो विदेश जाने की क्या जरूरत है | ऐसी ही एक जगह है खज्जियार एक बेहद ही खूबसूरत जगह है | यहाँ पर जाकर बहुत ही आनंद की अनुभूति होती है | इस जगह का मौसम बहुत ही सुहावन रहता है | वहाँ जाकर मन के सारे तार खुल जाते हैं | जोकि हमारे जीवन के लिये अति आवश्यक है | अगर आप भी अपने मन के बंद तारों को हिमाचल जाकर खोलना चाहते है तो खज्जियार जरूर जाएँ |
यहाँ आकर ऐसा लगता है मानो प्रकृति ने झील के चारों ओर हरी-भरी मुलायम और आकर्षक घास की चादर बिछा रखी हो।
जिला चंबा की खूबसूरत वादियों के बीच स्थित पोहलानी माता का मंदिर लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र है। माता काली के रूप माता पोहलानी को पहलवानों की देवी कहा जाता है। इस जगह की सुंदरता अद्भुत है | पर्यटन की दृष्टि से भी महत्त्वपूर्ण- यह पर्यटन स्थल जिला चंबा के डलहौजी से 12 किमी. की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर माता काली जी को समर्पित है। यहां से चारों ओर का नजारा दिखाई देता है। मंदिर से काफी लोगों की आस्था जुड़ी हुई है। कहा जाता है कि हजारों वर्ष पहले इस डैनकुंड की पहाड़ी के उस मार्ग से कोई भी नहीं आ-जा सकता था, क्योंकि इस पहाड़ी पर राक्षसों का वास था। माता काली ने पहलवानों की तरह उन राक्षसों का संहार किया, तब से इस मंदिर का नाम पोहलाडी पड़ा। यहां हर साल माता को समर्पित छिंज मेला होता है, जिसमें नामी पहलवान अपने दांव खेलते हैं।
राक्षसों से किया मल्ल युद्ध, कहलाई पोहलानी माता_________
डलहौजी में डैनकुंड की खुबसूरत वादियों में बसा पोहलानी माता का मंदिर यहां के लोगों के लिए श्रद्धा और आस्था का केंद्र है। पौराणिक कथाओं के अनुसार लोगों पर हो रहे अत्याचार को देखकर माता महाकाली से रहा नहीं गया और वह डैनकुंड की इन्हीं पहाडि़यों पर एक बड़े से पत्थर से बाहर प्रकट हुईं |
पत्थर के फटने की आवाज दूर-दूर तक लोगों को सुनाई दी, कन्या रूपी माता के हाथ में त्रिशूल था और यहीं पर माता ने राक्षसों से लड़ कर उनका वध किया। तभी से वहाँ के लोगों की श्रद्धा और आस्था उस मंदिर के लिये अत्यधिक है |
उपर्युक्त चित्र में डी गई पहाड़ी पर जाने से माना किया जाता है |
माँ काली के मल्लयुद्ध के प्रदर्शन होने के बाद से यहां पर माता को पोहलाडी माता के नाम से पुकारा जाने लगा। होवार के एक किसान को माता ने सपने में आकर, यहां पर मंदिर स्थापित करने का आदेश दिया और माता के आदेशानुसार ही यहां पर मंदिर की स्थापना की गई। नवरात्रों में कुछ लोग अपनी मन्नतों को लेकर माता के दरबार में आते हैं और अपनी मन्नतों के पूरा होने पर माता का धन्यवाद करने के लिए मंदिर में हजारी लगाते हैंवहाँ के स्थानीय लोगों की कमेटी मंदिर की देखरेख करती है।
मंदिर की ऊंचाई
यह मंदिर हिमाचल प्रदेश के उत्तर पश्चिम भाग में 2200 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। गर्मियों में पर्यटक यहां की ठंडी हवाओं का लुतफ उठाते हैं, तो वहीं सर्दी के मौसम में बर्फ से ढके पहाड़ों का नजारा देखते ही बनता है। यहाँ के अविश्वसनीय ट्रेक भी इसके सभी पर्यटकों का मुख्य आकर्षण है।
यह एक फूल वैली है यहां फूल वैली बहुत प्रसिद्ध है। कुदरत की इस मनमोहक छटा को देखकर हर कोई मंत्रमुग्ध हो जाता है। रंग- बिरंगे फूलों से लदी यह पहाड़ी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। इस पहाड़ी से हिमाचल प्रदेश की नदियों रावी, व्यास, चिनाब का विहंगम दृश्य दिखाई देता है। यहां का शांत वातावरण यात्रा करने वाले पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
इस वैली में काली माता का मंदिर स्थित है। यह मंदिर भगवानी काली को समर्पित है और यहाँ के प्राकृतिक सौंदर्य के बीच स्थित है। यहाँ के आस-पास के पर्यावरण में ध्यान और शांति का अनुभव करने के लिए यह एक अच्छा स्थल है। इस वैली की सुंदरता प्रशंसनीय है जहां हमें भ्रमण का हर एक पल सुखद आनंद का अहसास करता है |
यह एक बहुत सुंदर फूलों की वैली है जहां पर देवदार के पेड़ों से भरी और सफेद फ़ॉलों से ढकी यह वैली बहुत सुंदर है यहाँ पर काभी भी बारिश हो जाती है मौसम बहुत सुहावन हो जाता है | मुझे इस वैली पर मानो ऐसा अनुभव हो रहा था मानो यहाँ आकार जीवन सफल हो गया | अगर आप हिमाचल जाएँ तो वहाँ जाने की योजना जरूर बनाएं |
खज्जियार में आप जैसे ही प्रवेश करते हैं आपको सबसे पहले खज्जियार का सबसे प्रसिद्ध घास का मैदान दिखाई देगा। यह घास का मैदान आपको असल स्विट्जरलैंड की याद जरूर दिलायेगा।