मेरे पसंदीदा लेखक की एक खूबसूरत पंक्ति है कि एक अच्छे यात्री के पास इसके अलावा कोई रास्ता नहीं है कि वह अपनी हर मुश्किल में कोई अच्छाई ढूंढ़ ले। घूमते ही मुसाफिरों को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। यही अनुभव टूरिस्ट और घुमक्कड़ में अंतर पैदा करता है। ये अनुभव मिलते हैं खूबसूरत और नई जगहों पर जाने से। कुछ अलग देखने की ललक घूमने वाले के मन में बनी ही रहती है। अगर आप भी कुछ अलग देखना चाहते हैं तो सिक्किम की त्सोंगमा झील की सैर करनी चाहिए। ये झील हर मौसम में अपना रंग बदलती है।
झील और नदियां किसी भी जगह को खूबसूरत बना देती हैं। अगर लेक पहाड़ों के बीच हो तो वो जगह और भी सुंदर हो जाती है। गंगटोक से 40 किमी. की दूरी पर स्थित त्सोंगमो झील को चांगू लेक के नाम से जाना जाता है। नाथुला दर्रा के रास्ते में पड़ने वाली ये झील समुद्र तल से 12,303 फीट की ऊँचाई पर स्थित है। ग्लेशियर से बनी इस झील पर भारतीय डाक सेवा ने 2006 में डाक टिकट जारी किया था। बेपनाह खूबसूरती वाली सिक्किम की इस लेक को देखने का प्लान आपको जल्द बना लेना चाहिए।
कैसे जाएं?
त्सोंगमा लेक गंगटोक से 40 किमी. की दूरी पर है। सबसे पहले आपको गंगटोक पहुँचना होगा। गंगटोक से झील जाने के दो तरीके हैं पहला, सूमो बुक कीजिए और दूसरा शेयर्ड टैक्सी से जा सकते हैं।
सूमो सेः
अगर आप गंगटोक से सूमो बुक करके जाना चाहते हैं तो सूमो में त्सोंगमो लेक और बाबा मंदिर को देखने के बाद वापस गंगटोक आने का खर्चा लगभग 4 हजार पड़ जाएगा। इसके अलावा आप नाथुला दर्रा तक जाते हैं तो ये खर्चा 6 हजार हो जाएगा। अगर आप सुबह-सुबह निकलते हैं तो शाम तक आराम से वापस आ जाएंगे।
शेयर्ड टैक्सीः
अगर आप गंगटोक से शेयर्ड टैक्सी में जाते हैं तो लेक तक जाने का किराया लगभग 450 रुपए पड़ेगा। वहीं नाथुला दर्रा तक जाते हैं 900 से 1000 रुपए खर्च होगा। अगर आप अकेले जा रहे हैं तो शेयर्ड टैक्सी ही बेस्ट है।
त्सोंगमो लेक
त्सोंगमो झील सिक्किम की सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है। जब आप इस झील को देखेंगे तो इसकी सुंदर आपको दीवाना बना देगी। शायद ही आपने इससे खूबसूरत कोई जगह देखी होगी। गर्मियों में जाते हैं तो झील के चारों तरफ फैले फूल इस जगह को और भी खास बना देते हैं। चारों तरफ बर्फ से ढंके पहाड़ और धुंध से ढंका माहौल इस जगह को और भी खास बना देता है।
आपको त्सोंगमो लेक के पास सजे हुए याक भी देखने को मिलेंगे। जिसे यहाँ की लोकल भाषा में सुरागाय भी कहते हैं। आपके इसकी सवारी का आनंद भी ले सकते हैं। झील के किनारे पर एक शिव मंदिर भी है जिसे आप देख सकते हैं। ये झील सिक्किम के स्थानीय लोगों के लिए पवित्र जगहों में से एक है। कहा जाता है कि इस झील में औषधि गुण हैं जिससे कई बीमारी ठीक हो जाती हैं। आप यहाँ आएं तो कुछ घंटे इस झील के आसपास जरूर बिताएं। सिर्फ फोटो ही न खींचे, इस जगह की खूबसूरती को अनुभव करें।
आसपास की जगहें?
त्सोंगमो लेक गंगटोक से 40 किमी. की दूरी पर है। झील के आसपास कई सारी जगहें हैं जिनको आप देख सकते हैं।
1. नाथुला दर्रा
त्सोंगमो लेक जाते हुए नाथुला दर्रा की सैर भी कर सकते हैं। लेक से नाथुला पास सिर्फ 17 किमी. की दूरी पर है। नाथुला दर्रा आंखों को सुकून देने वाले दृश्यों को दिखाता है। दरअसल, नाथुला पास एक रोड है जिसके चारों तरफ खूबसूरत पहाड़ हैं। समुद्र तल से 14,410 फीट की ऊँचाई पर स्थित नाथुला दर्रा सुंदरता का पर्याय है। त्सोंगमो लेक जाएं तो नाथुला पास भी जरूर देखें।
2. बाबा हरभजन सिंह मंदिर
नाथुला पास के रास्ते में ही बाबा हरभजन सिंह मंदिर है। बाबा हरभजन सिंह मंदिर भारत के एक सैनिक की याद में बनवाया गया है। सैनिक हरभजन सिंह की जान इन्हीं पहाड़ों में ड्यूटी के दौरान गई थी। कहा जाता है कि वे अपने दोस्त के सपने में आए और मंदिर बनवाने की बात कही। जिसके बाद भारतीय सेना ने इस मंदिर को बनवाया। दूर-दूर से लोग इस मंदिर को देखने आते हैं।
3. क्योंगनोसला अल्पाइन सैंक्चुरी
त्सोंगमो लेक के चारों तरफ खूबसूरत जंगल है। गर्मियों में दिखाई देने वाली हरियाली क्योंगनोसला अल्पाइन सैंक्चुरी में आती है। 31 वर्ग किमी. में फैली क्योंगनोसला अल्पाइन सैंक्चुरी गंगटोक से लगभग 30 किमी. की दूरी पर है। ये सैंक्चुरी रेड पांडा और हिमालयन ब्लैक भालू जैसे जानवरों का घर है। अगर आप नेचर लवर हैं तो आपको ये जगह जरूर पसंद आएगी। सिक्किम की यात्रा में आपको क्योंगनोसला अल्पाइन सैंक्चुरी की सैर का प्लान जरूर बनाना चाहिए।
4. क्योंगनोसला वाटरफॉल
कई बार घूमते हुए ऐसी जगह दिख जाती है जिसका हमें अंदाजा नहीं होता है। ऐसी ही सुंदरता से रूबरू होने का मौका देता है क्योंगनोसला वाटरफॉल। क्योंगनोसला वाटरफॉल सिक्किम के रिमोट इलाके में स्थित है। ये झरना क्योंगनोसला अल्पाइन सैंक्चुरी में आता है। यहाँ पर आपको सुकून मिलेगा। झरने में एक अलग जादू होता है। आप घंटों इस वाटरफॉल के पास बैठकर इसे निहार सकते हैं।
कब जाएं?
पूर्वी सिक्किम में स्थित त्सोंगमो झील हर मौसम में रंग बदलती है। इसलिए इसे जितनी बार देखोगे कुछ अलग ही पाओगे। सर्दियों में ये झील जम जाती है इसलिए सर्दियों में झील को देखने का प्लान न बनाएं। इस लेक को देखने का सबसे सही समय अप्रैल से मई और अक्टूबर से दिसंबर का है। उस समय लेक के चारों तरफ का नजारा बेहद खूबसूरत होता है।
परमिट
सिक्किम की ये झील इंडो-चाइना बॉर्डर से बहुत नजदीक है इसलिए यहाँ जाने के लिए आपको परमिट की जरूरत पड़ेगी। अगर आपके पास परमिट होगा तभी त्सोंगमो लेक तक जा पाएंगे। इसके लिए आपको सिक्किम सरकार के टूर ऑपरेटर से परमिट बनवाना होगा। आप ऑनलाइन और ऑफलाइन किसी भी तरह से परमिट ले सकते हैं। परमिट के लिए आपको फोटो आईडी कार्ड और दो फोटो देनी होगी। लेक जाने के दिन से पहले ही परमिट ले लेना चाहिए।
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