रोड ट्रिप के शौकीनों के लिए Tripoto के नए कैंपेन #RoadToExplore से जुड़ें।
खुली सड़कें, चेहरे को स्पर्श करती ठंडी हवा और चारों तरफ खूबसूरत नजारे। घूमने के लिए रोड ट्रिप से बढ़िया तरीका कोई नहीं है। रोड ट्रिप एक जगह से दूसरी जगह तक जाने का सफर तो होता है लेकिन उस सफर में भी कई सफर होते हैं। रोड ट्रिप करने के लिए उत्तराखंड का कुमाऊँ शानदार जगह है। रोड ट्रिप के दौरान जो सबसे बड़ी समस्या होती है कि खाने के लिए कहाँ रूका जाए? दिल्ली से रानीखेत की रोड ट्रिप में लजीज और पारंपरिक जायका लेने के लिए कहाँ रूकें? दिल्ली से रानीखेत की रोड ट्रिप और स्वादिष्ट खाने की पूरी जानकारी हम आपको दे देते हैं।
रूट
दिल्ली-रामनगर-नैनीताल-अल्मोड़ा-बिनसर-चौकोरी-कौसानी-रानीखेत
कुमाऊँ की रोड ट्रिप दिल्ली से शुरू होकर रानीखेत तक होगी। दिल्ली से रानीखेत की दूरी 376 किमी. है। इस यात्रा में आप कुमाऊँ के नैनीताल, अल्मोड़ा, बिनसर, चौकोरी और कौसानी से गुजरते हुए रानीखेत पहुँचेंगे। इस शानदार सफर में खूबसूरत नजारों के साथ-साथ इन जगहों के लजीज जायके का भी आनंद ले सकते हैं।
रामनगर- गढ़वाल का फन्नाह
दिल्ली से रामनगर की दूरी लगभग 250 किमी. है। रामनगर उत्तराखंड का एक छोटा-सा शहर है। इसे एक प्रकार का गेटवे कहा जा सकता है। यहीं पर जिम कार्बेट नेशनल पार्क। दिल्ली से रामनगर का रास्ता बिल्कुल मैदानी इलाकों वाला है। ये शहर छोटा तो है लेकिन काफी विकसित भी है। आप रामनगर जाएं तो लजीज गढ़वाल का फन्नाह का स्वाद जरूर लें। उत्तराखंड का बेहद स्वादिष्ट व्यंजन है, गढ़वाल का फन्नाह। इसे आप रोटी के साथ बड़े चाव के साथ खा सकते हैं।
नैनीताल में थुपका
अगले दिन आप रामनगर से नैनीताल के लिए निकलिए। रामनगर से नैनीताल की दूरी 63 किमी. की दूरी पर है। कालाढूंगी के बाद पूरा पहाड़ी रास्ता शुरू हो जाता है। घुमावदार रास्ते आपके सफर को शानदार बना देंगे। लगभग 2 घंटे में आप नैनीताल पहुँच जाएंगे। आप नैनीताल लेक और आसपास की झीलों को भी देख सकते हैं। नैनीताल तो स्वाद का खजाना है। आपको हर प्रकार का खाना मिल जाएगा। आपको यहाँ का स्वादिष्ट थुपका का स्वाद लेना चाहिए। इसके अलावा मॉल रोड पर मोमोस भी खा सकते हैं। मोमोस और थुपका आपको आगे की यात्रा के लिए तरोताजा कर देंगे। आप एक दिन नैनीताल में ठहर सकते हैं या फिर आगे के सफर पर चल सकते हैं।
अल्मोड़ा- बाल मिठाई
नैनीताल से अल्मोड़ा 65 किमी. की दूरी पर है। नैनीताल से अल्मोड़ा का रास्ता बेहद सुंदर है। पहाड़ों के नजारों को देखते हुए कब आप अल्मोड़ा पहुँच जाएंगे, आपको पता भी नहीं चलेगा। नैनीताल की तरह अल्मोड़ा भी उत्तराखंड की एक फेमस जगह है। यहाँ पर आप अल्मोड़ा की प्रसिद्ध बाल मिठाई का स्वाद लेना चाहिए। इस मिठाई और यहाँ के नजारे देखकर आप मन भी मीठा हो जाएगा। आपको बाल मिठाई उत्तराखंड के कई शहरों में मिल जाएगी लेकिन अल्मोड़ा जैसी स्वादिष्ट बाल मिठाई आपको और कहीं नहीं मिलेगी।
बिनसर में कुमाऊँनी थाली
अल्मोड़ा में बाल मिठाई का स्वाद लेने के बाद अपने सफर पर चल पड़िए। जैसे-जैसे आप आगे बढ़ेंगे कुमाऊँ और भी खूबसूरत होता जाएगा। अल्मोड़ा से बिनसर सिर्फ 24 किमी. की दूरी पर है। अल्मोड़ा से बिनसर पहुँचने में 1 घंटे का समय लग जाएगा। बिनसर की खूबसूरती आपका मन मोह लेगी। यहाँ के नजारे आपके जेहन में लंबे समय तक रहेंगे। बिनसर में आपको कुमाऊँनी थाली का स्वाद चखना चाहिए। कुमाऊँनी थाली में मड़वा की रोटी, भट की दाल, भांग की चटनी, आलू के गुटके, झोली और कुमाऊँना रायता भी होता है। इस थाली को खत्म करने के बाद आपको कुमाऊँ से और भी प्यार हो जाएगा।
चौकोरी में पीली दाल
बिनसर के यात्रा के बाद अगला पड़ाव चौकोरी होगा। चौकोरी पिथौरागढ़ जिले में आता है। चौकोरी बेहद शांत और खूबसूरत जगह है। चौकोरी के रास्ते में मुन्सयारी पड़ता है। बिनसर से चौकोरी 105 किमी. की दूरी पर है। आप बिनसर में कुमाऊँ की पीली दाल का जायका ले सकते हैं। कुमाऊँ की पीली दाल अलग प्रकार से बनती है। इसे बासमती चावल के साथ परोसा जाता है। यकीन मानिए आपकी रोड ट्रिप को ये पीली दाल शानदार बना देगी।
कौसानी- बड़ी की सब्जी
कौसानी हिमालय की एक बेहद शांत और सुंदर जगह है। यहाँ की खूबसूरती देखकर आप दंग रह जाएंगे। यहाँ पर चाय के बागान कई सारे हैं। आपको यहाँ चाय जरूर पीनी चाहिए। इसके अलावा आपको यहाँ बड़ी की सब्जी का स्वाद लेना चाहिए। बड़ी की सब्जी उड़द की दाल और लौकी को मिक्स करके बनाया जाता है। इसे आप यहाँ की मड़वा की रोटी के साथ खा सकते हैं।
रानीखेत- गहत के परांठे
कौसोनी के बाद कुमाऊँ की रोड ट्रिप का अंतिम पड़ाव रानीखेत होगा। देवदार के जंगलों से घिरा रानीखेत भी अच्छी जगह है। प्रकृति से प्यार करने वालों के लिए रानीखेत अच्छी जगह है। कौसानी से रानीखेत की दूरी लगभग 60 किमी. है। कौसानी से रानीखेत पहुँचने में लगभग 2 घंटे का समय लगेगा। रानीखेत में आपको लाजवाब कुमाऊँनी व्यंजन मिलेंगे। यहाँ आप गहत के परांठे खा सकते हैं। ये परांठे आप भांग की चटनी के साथ खा सकते हैं। गहत की दाल से बनने वाले ये परांठे आपकी कुमाऊँ की यात्रा को शानदार बना देंगे।
क्या आपने उत्तराखंड की इन जगहों की यात्रा की है? अपने अनुभव को शेयर करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
बांग्ला और गुजराती में सफ़रनामे पढ़ने और साझा करने के लिए Tripoto বাংলা और Tripoto ગુજરાતી फॉलो करें।
रोज़ाना टेलीग्राम पर यात्रा की प्रेरणा के लिए यहाँ क्लिक करें।