उत्तराखंड का कुमाऊँ इलाके में कई सारे खूबसूरत नगीने हैं। इनमें से कुछ जगहें तो ऐसी हैं जिनके बारे में कम लोगों को ही पता है। कुमाऊँ की पूरी यात्रा करने के लिए आपको रोड ट्रिप करनी चाहिए। खूबसूरत पहाड़ और देवदार के जंगलों से घिरा कुमाऊँ आपकी सबसे शानदार जगहों में से एक होगा। हमने कुमाऊँ की एक रोड ट्रिप का प्लान किया है। इस यात्रा में आप कुमाऊँ की लगभग सारी जगहों को देख पाएंगे। अगर आपको पहाड़ा की खूबसूरती पसंद है तो अगली बार इस कुमाऊँ की रोड ट्रिप पर जरूर जाएं।
रूट
दिल्ली – अल्मोड़ा – शीतलाखेत – रानीखेत - मजखली – कौसानी – बिनसर – जागेश्वर – मुन्सयारी – बेरिनाग – चौकोरी – बागेश्वर – ग्वालदम – बैजनाथ – ऋषिकेश
दिल्ली से अल्मोड़ा
देश की राजधानी दिल्ली से अल्मोड़ा की दूरी लगभग 377 किमी. है। अल्मोड़ा पहुँचने में आपको कम से कम 9-10 घंटे का समय लगेगा। अल्मोड़ा कुमाऊँ के सबसे लोकप्रिय हिल स्टेशन में से एक है। चीड़ और देवदार के पेड़ से घिरा ये पहाड़ी शहर वाकई में खूबसूरत है। आपको इस शहर को अच्छे से घूमना चाहिए। अल्मोड़ा की बाल मिठाई का स्वाद भी आपको जरूर लेना चाहिए।
दिल्ली से अल्मोड़ा: 377 किमी.।
शीतलाखेत
अल्मोड़ा से शीतलाखेत की दूरी लगभग 35 किमी. है। शीतलाखेत पहुँचने में आपको ज्यादा से ज्यादा 1 घंटे का समय लगेगा। शीतलाखेत कुमाऊँ का एक छोटा-सा हिल स्टेशन है जिसके बारे में कम लोगों की ही पता है। इस छोटी-सी जगह को आप अच्छे-से एक्सप्लोर कर सकते हैं। यहाँ पर एक ट्रेक भी जिसे आपको जरूर करना चाहिए। यहाँ से हिमालय की खूबसूरत वादियाँ आपको देखने को मिलेंगी।
अल्मोड़ा से शीतलाखेत: 35 किमी.।
मजखली
शीतलाखेत को एक्सप्लोर करने के बाद आप उसी दिन मजखली के लिए निकल सकते हैं। शीतलाखेत से मजखली सिर्फ 18 किमी. की दूरी पर है। मजखली पहुँचने में आपको ज्यादा समय नहीं लगेगा। मजखली कुमाऊँ की एक हरी-भरी छोटी-सी जगह है। यहाँ पर कई पिकनिक स्पॉट हैं। इसके अलावा काली देवी का एक मंदिर भी है। मजखली में ही आप ठहर भी सकते हैं।
शीतलाखेत से मजखली: 18 किमी.।
रानीखेत
मजखली के बाद आप रानीखेत की ओर बढ़िए। मजखली से रानीखेत सिर्फ 12 किमी. की दूरी पर है। रानीखेत कुमाऊँ की सबसे लोकप्रिय जगहों में से एक है। इस जगह को देखे बिना उत्तराखंड की घुमक्कड़ी अधूरी मानी जाती है। रानीखेत में आप झूला देवी मंदिर, कालिका मंदिर और कुमाऊँ रेजीमेंट म्यूजियम देख सकते हैं। उत्तराखंड की ये जगह आपको जरूर पसंद आएगी।
मजखली से रानीखेत: 12 किमी.।
कौसानी
कौसानी उत्तराखंड की सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है। हर कोई इस जगह को एक बार जरूर देखना चाहता है। यहाँ आपको देवदार का खूबसूरत जंगल और चारों फलों से लदे हुए बाग देखने को मिलेंगे। रानीखेत से कौसानी सिर्फ 59 किमी. की दूरी पर है। आपको यहाँ पहुँचने में 1-2 घंटे का समय लगेगा। यहाँ पर आप रुद्रधारी फॉल और पिननाथ मंदिर को देख सकते हैं।
रानीखेत से कौसानी: 59 किमी.।
बिनसर
बिनसर कुमाऊँ की नहीं उत्तराखंड की सबसे शानदार जगहों में से एक है। बिनसर पहुँचने का रास्ता भी बेहद खूबसूरत है। इस यात्रा में आपको मजा ही आ जाएगा। कौसानी से बिनसर लगभग 62 किमी. की दूरी पर है। इस यात्रा में आपको 2 से घंटे का समय लग सकता है। उसके बाद आप इस सुंदर-सी जगह को एक्सप्लोर कर सकते हैं। बिनसर की खूबसूरती शायद ही आप कभी भूल पाएंगे।
कौसानी से बिनसर: 62 किमी.।
जागेश्वर
बिनसर के बाद आपका अगला पड़ाव जागेशवर होगा। जागेश्वर समुद्र तल से 1,870 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। बिनसर से जागेश्वर 51 किमी. की दूरी पर है। इस रोड ट्रिप में आपको 1-2 घंटे का समय लगेगा। जागेश्वर को जागेश्वर धाम के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ पर 15 मंदिरों का समूह है जिसे देखने के लिए आप यहाँ आ सकते हैं।
बिनसर से जागेश्वर: 51 किमी.।
बेरिनाग
जागेश्वर के बाद बेरिनाग के लिए निकलना चाहिए। जागेश्वर से बेरिनाग 61 किमी. की दूरी पर है। बेरिनाग उत्तराखंड एक छोटा-सा गाँव है। बेरिनाग समुद्र तल से 1.860 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। नाग के ऊपर इस जगह का नाम बेरिनाग पड़ा है। इस जगह से आपको हिमालय की शानदार चोटियाँ देखने को मिलेंगी। यहाँ पर आप नाग देवता मंदिर के दर्शन भी कर सकते हैं।
जागेश्वर से बेरिनाग: 61 किमी.।
मुनस्यारी
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित है मुनस्यारी। मुनस्यारी समुद्र तल से 2,298 मीटर की ऊँचाई पर बसा एक शानदार शहर है। हर घूमने वाला इस जगह पर जरूर जाना चाहता है। बेरिनाग से मनस्यारी लगभग 102 किमी. की दूरी पर है। इस यात्रा को पूरा करने में आपको 4-5 घंटे या उससे ज्यादा का भी समय लग सकता है। यहाँ पर आप कई शानदार ट्रेक भी कर सकते हैं।
बेरिनाग से मुनस्यारी: 102 किमी.।
चौकोरी
चौकोरी पिथौरागढ़ जिले का एक बेहद खूबसूरत हिल स्टेशन है। समुद्र तल से 2,010 मीटर की ऊँचाई पर स्थित चौकोरी में देखने के लिए कई शानदार जगहें है। देवदार के पेड़ों से घिरे चौकोरी से हिमालय की कई चोटियाँ देखने को मिलती हैं। यहाँ आप नकुलेश्वर मंदिर, कपिलेश्वर और अर्जुनेशवर मंदिर समेत कई धार्मिक स्थलों को देख सकते हैं।
मुनस्यारी से चौकोरी: 97 किमी.।
बागेश्वर
खूबसूरत चौकोरी को देखने के बाद आप बागेश्वर के लिए निकलिए। चौकोरी से बागेश्वर सिर्फ 50 किमी. की दूरी पर है। बागेश्वर उत्तराखंड और कुमाऊँ की सबसे अनछुई जगहों में से एक है। यहाँ पर कई सारे मंदिर है जिस वजह से इसे बागेश्वर धाम के नाम से भी जाना जाता है। आप अपनी कुमाऊँ यात्रा में इस जगह को भी शामिल कर सकते हैं।
चौकोरी से बागेश्वर: 50 किमी.।
बैजनाथ
बागेश्वर को देखने के बाद बैजनाथ पहुँचिए। बागेश्वर से बैजनाथ सिर्फ 21 किमी. की दूरी पर है। बैजनाथ कुमाऊँ इलाके के बागेश्वर जिले में आता है और गोमती नदी के किनारे बसा हुआ है। बैजनाथ में भी मंदिरों का एक समूह है। ये सभी मंदिर 9वीं से 12वीं शताब्दी के बने हुए हैं। बैजनाथ में आप इन प्राचीन मंदिरों को जरूर देख सकते हैं।
बागेश्वर से बैजनाथ: 21 किमी.।
ग्वालदम
ग्वालदम कुमाऊँ और गढ़वाल के बीच में स्थित है। ग्वालदम समुद्र तल से 1,940 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। बैजनाथ से ग्वालदम सिर्फ 20 किमी. की दूरी पर है। ग्वालदाम से कई शानदार ट्रेक शुरू होते हैं। रूपकुंड का ट्रेक भी यहीं से शुरू होता है। यहाँ से आपको कई सारी बर्फ से ढंकी चोटियाँ दिखाई देंगी। अल्मोड़ा से शुरू होने वाली कुमाऊँ की यात्रा ग्वालदम में जाकर खत्म होती है। इसके आगे बढ़ने पर आपको गढ़वाल मिलेगा।
बैजनाथ से ग्वालदम: 20 किमी.।
ऋषिकेश
ग्वालदम से ऋषिकेश की दूरी लगभग 237 किमी. है। ग्वालदम से आप कर्णप्रयाग, रूद्रप्रयाग, श्रीनगर और देवप्रयाग होते हुए ऋषिकेश पहुँच सकते हैं। अगर आपने इन जगहों को देखा नहीं है तो इनको भी एक्सप्लोर किया जा सकता है। कहीं जाएं न जाएं देवप्रयाग में अलकनंदा और भागीरथी का संगम जरूर देखें। अगर आपको वाकई में घूमना पसंद है तो कुमाऊँ की इस यात्रा को जरूर करें।
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