उत्तराखंड भारत के सबसे लोकप्रिय राज्यों में है। यहाँ कई सारी अनगिनत जगहें है जहाँ कम लोग जाते हैं। कुछ जगहें तो ऐसी हैं जहाँ लोकप्रिय होने के बावजूद कम लोग जाते हैं। देवभूमि उत्तराखंड में ऐसी ही अनगिनत खूबसूरत जगहें हैं जिनको अभी भी एक्सप्लोर किया जाना है। अगर आप ऐसी ही किसी जगह पर जाना चाहते हैं तो आपको उत्तराखंड के जागेश्वर की यात्रा करनी चाहिए।
जागेश्वर उत्तराखंड का एक लोकप्रिय शहर है जो कुमाऊँ के अल्मोड़ा जिले में आता है। जागेश्वर समुद्र तल से 1,870 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। जटागंगा नदी के किनारे स्थित जागेश्वर को जागेश्वर धाम के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि यह जगह कभी लकुलिश शैव का केन्द्र था। हरे-भरे देवदार के पेड़ों से घिरा जागेश्वर वाकई में बेहद खूबसूरत है। आपको एक बार यहाँ जरूर आना चाहिए।
कैसे पहुँचे?
फ्लाइट से: यदि आप हवाई मार्ग से जागेश्वर जाने का प्लान बना रहे हैं तो सबसे निकटतम पंतनगर एयरपोर्ट है। पंतनगर एयरपोर्ट से जागेश्वर लगभग 150 किमी. की दूरी पर है। आप बस से जागेश्वर जा सकते हैं या कैब बुक करके भी अपने गंतव्य तक पहुँच सकते हैं।
ट्रेन से: अगर आप रेल मार्ग से जागेश्वर जाना चाहता हैं तो सबसे नजदीकी काठगोदाम रेलवे स्टेशन है। काठगोदाम से जागेश्वर की दूरी 120 किमी. है। आप बस से आराम से जागेश्वर पहुँच सकते हैं।
वाया रोड: अगर आप वाया रोड जागेश्वर जाने के बारे में सोच रहे हैं आपको जागेश्वर जाने के लिए अल्मोड़ा, नैनीताल और बागेश्वर जैसी जगहों से बस मिल जाएगी। आपके पास खुद की गाड़ी है तब तो आपको कोई दिक्कत ही नहीं होगी।
क्या देखें?
1- जागेश्वर मंदिर समूह
जागेश्वर अपने मंदिरों के लिए जाना जाता है। जागेश्वर के सबसे प्रसिद्ध मंदिर परिसर में 100 से ज्यादा पत्थरों के मंदिर है। इन प्राचीन मंदिरों की नक्काशी वाकई में बेहद शानदार है। इन मंदिरों की वजह से ही इस जगह को जागेश्वर धाम के नाम से जाता है। शहर के बीचों बीच स्थित जागेश्वर धाम श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केन्द्र है। आप भी यहाँ आएँ तो इस जगह को देखना ना भूलें।
2- दंडेश्वर मंदिर
जागेश्वर मंदिर को देखने के बाद आप यहाँ दंडेश्वर मंदिर को भी देख सकते हैं। दंडेश्वर मंदिर जागेश्वर धाम से कुछ ही दूरी पर अर्टोला गांव से 200 मीटर की दूरी पर स्थित है। इस मंदिर की स्थिति अच्छी नहीं है लेकिन हर घूमने वाले को इस जगह को जरूर देखना चाहिए। दंडेश्वर मंदिर जागेश्वर के मंदिरों समूह के मंदिरों में से एक है।
3- म्यूजियम
कहा जाता है कि किसी नई जगह के बारे में जानना हो तो आपको उस जगह के संग्रहालय में जानना चाहिए। म्यूजियम आपको उस जगह के बारे में काफी कुछ बता देता है। जागेश्वर में भी एक आर्कोलॉजिकल म्यूजियम है। वर्ष 2000 में यहाँ संग्रहालय की शुरूआत हुई। इस म्यूजियम में कई प्राचीम मूर्तियां रखी हुईं हैं जो वाकई में देखने लायक है। म्यूजियम को देखने की कोई फीस नहीं है। जागेश्वर में इस जगह को भी जरूर देखना चाहिए।
4- लकुलिशा
लकुलिशा को भगवान शिव का आखिरी अवतार माना जाता है। लकुलिशा पासुपाता दर्शन के शुरूआती शिक्षकों में से एक है। जागेश्वर में लकुलिशा का ही एक छोटा-सा मंदिर है। इस मंदिर में सिर्फ एक शिवलिंग है। जागेश्वर की यात्रा में आप इस जगह को भी शामिल कर सकते हैं। श्रद्धालुओं के लिए ये एक बेहद पवित्र जगह है।
5- अन्य जगहें
इन जगहों को देखने के बाद भी अगर आपके पास समय बचता है तो आप जगन्नाथ मंदिर, महा मृत्युंजय मंदिर मिरतोला आश्रम और जागेश्वर मंदिर को भी देख सकते हैं। जागेश्वर के आसपास कई लोकप्रिय जगहें हैं जिनको आप साथ में एक्सप्लोर कर सकते हैं। आप बिनसर, कौसानी और बेरिनाग को एक्सप्लोर कर सकते हैं।
कहाँ ठहरें?
जागेश्वर उत्तराखंड की सबसे लोकप्रिय जगहों में से एक है। यही वजह है कि यहाँ आपको ठहरने में कोई दिक्कत नहीं आएगी। आपको जागेश्वर में छोटे-बड़े हर प्रकार के होटल मिल जाएँगे। आप अपने बजट के हिसाब से इनमें ठहरना चाहिए।
कब जाएँ?
वैसे तो उत्तराखंड के जागेश्वर में आप कभी भी आ सकते हैं लेकिन घूमने का सबसे अच्छा समय गर्मियों का माना जाता है। बारिश में जागेश्वर ही नहीं पहाड़ में कहीं भी यात्रा नहीं करनी चाहिए। गर्मियों के मौसम में जागेश्वर घूमने के लिए बढ़िया जगह है। आप जागेश्वर मार्च से जून के बीच में कभी भी एक्सप्लोर करना चाहिए। उत्तराखंड की इस शानदार जगह को आपको जरूर एक्सप्लोर करना चाहिए।
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