सुंदरता के मायने बदलने वाली उत्तराखंड की इस जगह को नजरंदाज करने की गलती न करें

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उत्तराखंड भारत के सबसे खूबसूरत और धार्मिक प्रदेशों में से एक है। जहाँ पर एक से एक खूबसूरत जगहें हैं। जिनमें कुछ बेहद अनछुई जगहें हैं लेकिन कई जगहें अक्सर पड़ाव बन जाती हैं। जहाँ पर लोग घूमने नहीं बल्कि अपनी तक मंजिल तक पहुँचने के लिए यहाँ ठहरते हैं। कई बार ये पड़ाव वाली जगहें बेहद खूबसूरत होती हैं जिनको देखा जाना है। वहाँ की अनछुई की खूबसूरती को एहसास करना चाहिए। ऐसी जगहों पर कम लोग ही आते हैं इसलिए यहाँ भीड़ तो न के बराबर होती है। उत्तराखंड में ऐसी ही एक जगह है, उखीमठ।

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अगर आप थोड़ा बहुत भी घूमते हैं तो उत्तराखंड के उखीमठ के बारे में जरूर पता होगा। इसलिए नहीं कि यहाँ पर लोग घूमने के लिए आते रहते हैं बल्कि इसलिए कि उखीमठ के बाद ही कुछ बेहद शानदार जगहें हैं जो टूरिस्ट स्पाॅट बन चुके हैं। लोग उन जगहों के लिए उखीमठ को याद रखते हैं लेकिन उन लोगों को नहीं पता कि वो कितनी खूबसूरत जगह को नजरंदाज कर रहे हैं। उत्तराखंड घूमने का प्लान बनाएं तो उखीमठ को अपनी बकेट लिस्ट में रख सकते हैं।

उखीमठ

उखीमठ उत्तराखंड के रुद्रपयाग जिले में स्थित है। रुद्रप्रयाग से लगभग 41 किमी. और गुप्तकाशी से 13 किमी. की दूरी पर ये जगह है। समुद्र तल से लगभग 1,311 मीटर की ऊँचाई पर स्थित ये जगह कई मायनों में बेहद ऐतहासिक और खूबसूरत है। उखीमठ का पुराना नाम ऊषामत है। ये नाम बाणासुर की बेटी ऊषा से लिया गया है। कहा जाता है कि भगवान कृष्ण प्रपौत्र अनिरुद्ध ने यहीं पर बाणासुर की बेटी ऊषा से शादी की थी। जिसके बाद इस जगह का नाम ऊषामत और फिर बाद में उखीमठ हो गया।

उखीमठ हिन्दू धर्म को मानने वालों के लिए एक पवित्र जगह है। केदारनाथ के दर्शन आप उखीमठ में भी कर सकते हैं। दरअसल, सर्दियों में केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद हो जाते हैं। उसके बाद सर्दियों में केदारनाथ का निवास स्थान उखीमठ में हो जाता है। कुछ महीने तक यहीं पर उनकी पूजा होती है। मई के महीने में केदारनाथ अपनी जगह पर वापस पहुँच जाते हैं। इसके अलावा उखीमठ में ऊषा, शिव, अनिरुद्ध, मंधाता मंदिर और फेमस ओमकारेश्वर मंदिर भी है।

कब जाएं?

पहाड़ों में घूमने का सही वक्त दो मौसम में होता है, गर्मियों में और सर्दियों में। आप मानसून को छोड़कर कभी भी उखीमठ आ सकते हैं। सर्दियों में नवंबर से फरवरी का समय बेस्ट होता है। वहीं गर्मियों में मार्च से जून के बीच यहाँ पर आने का प्लान बनाना चाहिए। उखीमठ एक पड़ाव के रूप में जाना जाता है तो आपको यहाँ पर ठहरने की जगह आराम से मिल जाएगी। आपको खूब लक्जरी और सस्ते रूम मिल जाएंगे। आप अपने बजट के हिसाब से इनको चुन सकते हैं।

कैसे पहुँचे?

उत्तराखंड की ज्यादातर जगहें एक-दूसरे से कनेक्टेड हैं और यहाँ पहुँचना भी आसान है। उत्तराखंड का उखीमठ भी ऐसी ही जगह है।

फ्लाइट सेः यदि आप फ्लाइट से उखीमठ जाने का सोच रहे हैं तो सबसे निकटतम देहरादून का जॉली ग्रांट एयरपोर्ट है। एयरपोर्ट से उखीमठ की दूरी लगभग 197 किमी. है। आप देहरादून से उखीमठ बस या टैक्सी बुक करके पहुँच सकते हैं।

ट्रेन से: अगर आप ट्रेन से उखीमठ जाना चाहते हैं तो सबसे निकटतम ऋषिकेश रेलवे स्टेशन है। ऋषिकेश से उखीमठ की दूरी 179 किमी. है। आप यहाँ से कैब बुक करके या बस से उखीमठ पहुँच सकते हैं।

वाया रोडः यदि आप वाया रोड उखीमठ जाना चाहते हैं तो आराम से पहुँच सकते हैं। आप बस से उखीमठ जा सकते हैं। बस आपको उत्तराखंड के बड़े शहरों से आराम से मिल जाएगी या फिर खुद की गाड़ी से भी उखीमठ जा सकते हैं।

क्या देखें?

1. ओमकारेश्वर मंदिर

उखीमठ का ओमकारेश्वर मंदिर रुद्रप्रया जिले का एक फेमस और पवित्र मंदिर है। जब केदानाथ बर्फ से ढंक जाता है तो यहीं पर नवंबर से अप्रैल तक केदारनाथ की पूजा होती है। ये मंदिर केदार मंदिरों के आर्किटेक्चर में बना हुआ है। समुद्र तल से 1300 मीटर की ऊँचाई पर स्थित इस मंदिर से दूर तलक बर्फ से ढंकी चोटी दिखाई देती हैं। केदारनाथ, नंदा, चौखंभा जैसी पीक इस नजारे को और भी खूबसूरत बनाती है। उखीमठ, जिस मंदिर के लिए फेमस है आपको एक बार उस मंदिर में जरूर जाना चाहिए।

2. सारी गाँव

उत्तराखंड की वैसे तो ही जगह खूबसूरत है लेकिन यहाँ के गाँव देखकर आपका दिल खुश हो जाएगा। ऐसा ही उत्तराखंड का सारी गाँव है। समुद्र तल से 2 हजार मीटर की ऊँचाई पर स्थित ये जगह उखीमठ से सिर्फ 14 किमी. की दूरी पर है। ये गाँव पहाड़ और चीड़-देवदार के पेड़ों से घिरा हुआ है। उत्तराखंड के गाँव जिस तरह के होते हैं सारी गाँव वैसा ही है। सारी गाँव देवरिया ताल का बेस कैंप है। सारी से देवरिया ताल सिर्फ ढाई किलोमीटर दूर है। कई बार ऐसा होता है कि उखीमठ में रहने को जगह नहीं मिलती है तो आप सारी गाँव के होमस्टे में रह सकते हैं। उखीमठ आएं तो सारी गाँव जाना न भूलें।

3. देवरिया नाग मंदिर

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जैसे कि नाम से ही पता चल रहा है कि देवरिया नाग मंदिर सांपों का मंदिर है। देवरिया और सारी गाँव के रास्ते में ये मंदिर पड़ता है। इस मंदिर को ओमकार रतनेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा यहाँ पर कालीमठ भी है। सरस्वती मंदिर के किनारे स्थित ये काली माता का मंदिर है। समुद्र तल से 1800 मीटर की ऊँचाई पर स्थित ये मंदिर 108 शक्तिपीठ में से एक है। उत्तराखंड में इन मंदिरों को एक बार देखना चाहिए।

4. गुप्तकाशी

गुप्तकाशी उत्तराखंड की एक और पवित्र जगह है। गुप्तकाशी उखीमठ से सिर्फ 13 किमी. की दूरी पर है। गुप्तकाशी अपने सुंदर नजारों के लिए जाना जाता है। यहाँ से हिमालय की चोटी साफ और बेहद खूबसूरत लगती हैं। यहाँ का मणिकर्णिका कुंड बेहद फेमस है। दूर-दूर से लोग इस कुंड में सिर्फ नहाने के लिए आते हैं। आप भी खूबसूरत नजारों के बीच इस कुंड में डुबकी लगा सकते हैं।

5. चोपता घाटी

चोपता उत्तराखंड की जानी-मानी जगह है। लोग अक्सर यहाँ पर आते रहते हैं। अगर आप टेकिंग के शौकीन हैं तो तुंगनाथ और चन्द्रशिला की ट्रेकिंग कर सकते हैं। इस ट्रेक में आपको बेहद खूबसूरत नजारे देखने को मिलेंगे। उखीमठ से ये जगह सिर्फ 50 किमी. की दूरी पर है। ये उखीमठ से बिल्कुल पास में है इसलिए आपको इस जगह को एक साथ कवर करने की कोशिश करनी चाहिए। इस तरह मध्यमहेश्वर भी जा सकते हैं। उखीमठ को पड़ाव समझकर नजरंदाज न करें। ऐसा करने पर आप एक खूबसूरत जगह को एक्सप्लोर करने से चूक जाएंगे।

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