राजस्थान के लेक सिटी के नाम से मशहूर उदयपुर में पर्यटकों को एक नई सौगात मिली है।शहर में स्थित माता वैष्णो देवी के मंदिर के नाम से विख्यात नीमच माता मंदिर में रोपवे की शुरुआत की गई है।यह इस शहर की दूसरी रोपवे है।इस पहल से पर्यटक और श्रद्धालुओं दोनो को ही काफी राहत मिलेगी।दरअसल पहले माता के दर्शन के लिए लोगो को 800 सीढियां चढ़नी होती है वही इस रोपवे के बन जाने से श्रद्धालु को काफी आसानी से माता के दर्शन करने को मिल जायेंगे।
यह रोपवे फतेह सागर झील के खूबसूरत दृश्य से होकर गुजरता है। राजस्थान में उदयपुर पर्यटकों के पसंदीदा जगह में से एक है।नीमच माता रोपवे खुलने के बाद यह उदयपुर में दूसरा रोपवे है।जिससे पर्यटकों का काफी समय बच जायेगा।जहां लोग इस दूरी को 45 मिनटों में पूरा करते थे वही अब रोपवे की सहायता से यह दूरी मात्र 2 या 3 मिनटों की हो गई हैं।
नीमच माता मंदिर रोपवे में स्वचालित दरवाजों के साथ 12 अच्छी तरह हवादार केबिन हैं और यह प्रति घंटे 400 यात्रियों को ले जाने की क्षमता रखता है।इस परियोजना को शुरू करने का खास मकसद यह है कि यहां आने वाले पर्यटक यहां की आस पास की हरियाली और दक्षिणी अरावली क्षेत्र की सुंदरता के शानदार दृश्यों का आनंद लें सके।इस रोपवे का उद्घाटन उदयपुर के परिवहन परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण अवसर था। यह न केवल शहर के निवासियों के लिए कनेक्टिविटी और पहुंच बढ़ाता है बल्कि मंदिर में आने वाले आगंतुकों के लिए एक सुरम्य और तेज़ यात्रा भी प्रदान करता है।
नीमच माता रोपवे की टैरिफ और टाइमिंग
रोपवे पूरे जनवरी महीने में रोजाना सुबह 7 बजे से रात 8 बजे तक संचालित होगा और राउंडट्रिप टिकट की कीमत प्रति यात्री सिर्फ 185 रुपये होगी। रोपवे एक मोनो केबल फिक्स्ड ग्रिप सिस्टम पर चलता है, और 500 फुट की ऊंचाई पर चढ़ता है।
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