दिल्ली के 7 सबसे लोकप्रिय मंदिर, जहां श्रद्धालुओं की ही नहीं पर्यटकों की भी लगी रहती है भीड़

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Photo of दिल्ली के 7 सबसे लोकप्रिय मंदिर, जहां श्रद्धालुओं की ही नहीं पर्यटकों की भी लगी रहती है भीड़ by Hitendra Gupta

दिल्ली देश की राजधानी है। यहां दुनिया के तमाम देशों के दूतावास और उच्चायोग हैं। यहां कई पर्यटक स्थल हैं। लाल किला, कुतुब मीनार, जंतर-मंतर, इंडिया गेट जैसे दर्शनीय स्थल हैं। दिल्ली में मुगल गार्डन, लोधी गार्डन और गार्डन ऑफ फाइव सेंसेज जैसे कई उद्यान हैं। यहां दुनिया भर से पर्यटक घूमने आते हैं।

इसके साथ ही दिल्ली में कई ऐसे स्थान भी हैं जहां पर्यटकों की भीड़ लगी रहती हैं। दिल्ली दिलवालों के साथ एक आध्यात्मिक शहर भी है। यहां आस्था के कई केन्द्र हैं। दिल्ली में कई प्राचीन मंदिर हैं, जहां श्रद्धालुओं की ही नहीं पर्यटकों की भी भीड़ लगी रहती है। दिल्ली आने वाले लोग अन्य पर्यटक स्थलों के साथ इन मंदिरों में भी दर्शन के लिए आते हैं।

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दिल्ली के ये मंदिर श्रद्दालुओं के बीच काफी लोकप्रिय हैं। लोगों का मानना है कि यहां आने और पूजा-अर्चना करने से उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाएगी। लोग अपनी कामना के साथ मन की शांति के लिए यहां आते हैं। तो आइए जानते हैं दिल्ली के सात सबसे लोकप्रिय मंदिरों के बारे में... जहां दर्शन के लिए आपको भी जरूर जाना चाहिए।

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Day 1

1. अक्षरधाम मंदिर

यमुना नदी के किनारे बना स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर अपनी भव्यता के लिए प्रसिद्ध है। करीब 100 एकड़ में फैला यह मंदिर दुनिया के सबसे बड़े मंदिर परिसर के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल है। 141.3 फीट ऊंचा यह मंदिर 316 फीच चौड़ा और 356 फीट लंबाई में फैला हुआ है। मुख्य मंदिर में 234 नक्काशीदार खंभे, 9 अलंकृत गुंबदों, 20 शिखर के साथ हिंदू धर्म से संबंधित 20,000 मूर्तियां हैं। गुलाबी बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर से बने इस मंदिर में कहीं भी लोहे, स्टील या कंक्रीट का इस्तेमाल नहीं किया गया है।

खुलने का समय-

मंदिर में प्रवेश करने का समय सुबह 9.30 बजे से शाम 6.30 बजे तक का है। मंदिर हर सोमवार को बंद रहता है।

टिकट-

मंदिर में प्रवेश फ्री है, लेकिन प्रदर्शनी, वाटर शो और अभिषेक के लिए टिकट लेने होंगे।

कैसे पहुंचे-

अक्षरधाम मंदिर दिल्ली के सभी इलाकों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। देश के अन्य हिस्सों से भी आप आसानी से यहां आ सकते हैं। मंदिर दिल्ली के इंदिरा गांधी हवाई अड्डे से 21 किलोमीटर दूरी पर है।

Photo of Akshardham mandir, Noida Link Road, Block S, Mayur Vihar, New Delhi, Delhi, India by Hitendra Gupta
Day 2

2. कालकाजी मंदिर

दिल्ली में नेहरू प्लेस के पास माता कालका को समर्पित श्री कालकाजी मंदिर है। माता कालका मां काली देवी की अवतार हैं। श्री कालकाजी मंदिर को जयंती पीठ या मनोकामना सिद्ध पीठ भी कहते हैं। मान्यता है कि यहां भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 18वीं शताब्दी में किया गया था, लेकिन वर्तमान मंदिर का निर्माण बाबा बालक नाथ ने कराया। श्री कालकाजी मंदिर के बारे में यह भी कहा जाता है कि महाभारत के समय युद्ध से पहले भगवान श्रीकृष्ण पांडवों को लेकर यहां आए थे। श्रीकृष्णा ने यहां पांडवों के साथ काली माता की पूजा-अर्चना की, जिससे प्रसन्न होकर माता ने उन्हें विजयी होने का वरदान दिया। श्री कालकाजी मंदिर का गर्भगृह 12 तरफा है, यानी मुख्य मंदिर में 12 द्वार है। ये 12 द्वार 12 महीनों और 12 राशियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस प्राचीन मंदिर में दर्शन और पूजा-अर्चना के लिए दूर- दूर से लोग आते हैं। नवरात्र के अवसर पर यहां प्रतिदिन हजारों लोग आते हैं। श्री कालकाजी मंदिर में अखंड दीप प्रज्जवलित है और प्रथम नवरात्र के दिन लोग यहां से माता की जोत अपने घर लेकर जाते हैं।

नजदीकी स्थल-

श्री कालकाजी मंदिर के पास ही लोटल टेंपल है। यहां दर्शन के साथ ही आप प्राचीन भैरों मंदिर और कैलाश शिव मंदिर भी जा सकते हैं। इसके साथ ही पास में ही है इस्कॉन मंदिर। आप यहां भी दर्शन कर सकते हैं।

कैसे पहुंचें?

दिल्ली में होने के कारण आप देश के किसी भी हिस्से से यहां आसानी से आ सकते हैं। यहां आप बस, मेट्रो, ऑटो या टैक्सी से आ सकते हैं। कालकाजी मंदिर मेट्रो स्टेशन मंदिर का सबसे नजदीकी मेट्रो स्टेशन है। यहां से आप पैदल मंदिर पहुंच सकते हैं। नेहरू प्लेस नजदीकी बस अड्डा है।

Photo of Shri Kalka Ji Temple, Metro Station, Ma Anandmayee Marg, NSIC Estate, Block 9, Kalkaji, New Delhi, Delhi, India by Hitendra Gupta

3. इस्कॉन मंदिर

श्री श्री राधा पार्थसारथी मंदिर दिल्ली-एनसीआर में बना पहला इस्कॉन मंदिर है। यह ईस्ट ऑफ कैलाश इलाके में है। इस मंदिर की वास्तुकला शानदार है। करीब 90 मीटर ऊंचे शिखर वाले इस मंदिर को देखने दूर-दूर से पर्टयक और श्रद्धालु आते हैं। भगवान कृष्ण और राधारानी को समर्पित इस श्री राधा पार्थसारथी मंदिर का उद्घाटन साल 1998 में पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 फरवरी, 2019 को इस इस्कॉन मंदिर में दुनिया की सबसे बड़ी श्रीमद भगवद गीता का विमोचन किया। 800 किलोग्राम वजन वाले इस गीता में 670 पृष्ठ हैं और इसे बनाने में डेढ़ करोड़ रुपये की लागत आई है। इस्कॉन के संस्थापक स्वामी प्रभुपाद की ओर से गीता प्रचार के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में यह प्रकाशित कराई गई। करीब 3 एकड़ में फैले इस मंदिर के मुख्य हाल में भगवान श्रीकृष्ण, देवी राधा और अन्य देवताओं की सुंदर मूर्तियां स्थापित की गई हैं। मंदिर में भगवान राम, सीता माता, भगवान लक्ष्मण और भगवान हनुमान की प्रतिमाएं भी हैं। यहां गौरी निताई, श्री नित्यानंद प्रभु और श्री चैतन्य प्रभु की मूर्तियां भी हैं। मंदिर परिसर में कई अन्य आकर्षक मूर्तियां भी लगाई गई है।

मंदिर खुलने का समय-

मंदिर सुबह 4.30 से 1.00 बजे तक और शाम 4.00 से 9.00 बजे तक खुला रहता है। शाम सात बजे संध्या आरती के समय मंदिर में सबसे ज्यादा भीड़ होती है।

कैसे पहुंचे-

दिल्ली में होने के कारण आप देश के किसी भी हिस्से से यहां आसानी से आ सकते हैं। नजदीकी मेट्रो स्टेशन कैलाश कॉलोनी मेट्रो स्टेशन है। यहां से आप पैदल या रिक्शा लेकर मंदिर पहुंच सकते हैं।

Photo of ISKCON Temple Delhi-Glory Of India & Vedic Cultural Centre, New Delhi, Iskcon Temple Road, Sant Nagar, East of Kailash, New Delhi, Delhi, India by Hitendra Gupta

4. छतरपुर मंदिर

देवी दुर्गा के छठे स्‍वरूप माता कात्यायनी को समर्पित आद्या कात्यायिनी मंदिर दिल्ली के छतरपुर इलाके में है। करीब 70 एकड़ में फैला यह मंदिर बेहद खूबसूरत है। संगमरमर निर्मित इस मंदिर की वास्तुकला, नक्‍काशी अपने आप में बेजोड़ है। इस मंदिर की स्थापना संत बाबा नागपाल ने की थी। यहां तीन परिसरों में एक दर्जन से ज्यादा छोटे और बड़े मंदिर हैं। छतरपुर मंदिर अपनी सुंदरता के कारण काफी मशहूर है। मंदिर की दीवारों और संगमरमर की पत्थरों पर की गई नक्काशी और जालीदार निर्माण एकदम मनमोहक है। मंदिर के साथ हनुमान जी की 101 फीट ऊंची विशाल प्रतिमा है।मंदिर में प्रतिदिन माता कात्यायनी का रंग-बिरंगे फूलों से श्रृंगार किया जाता है। मंदिर परिसर में मां कात्यायनी मंदिर के साथ भगवान गणेश, विष्णु, सीता-राम मंदिर, शिव मंदिर, मां अष्टभुजी मंदिर, नागेश्वर मंदिर, हनुमान और अन्य देवी-देवताओं के मंदिर भी हैं। माता कात्यायनी का दर्शन कर भक्त अन्य मंदिरों में पूजा-अर्चना के लिए जाते हैं। मुख्य मंदिर में प्रवेश करते ही द्वार के पास एक काफी पुराना पेड़ है। भक्तों में ऐसी मान्यता है की यहां चुनरी, धागा और चूड़ियां लपेटने से मनोकामना पूरी होती है।

कैसे पहुंचे-

दिल्ली में होने के कारण छतरपुर मंदिर पहुंचना बहुत आसान है। मंदिर छतरपुर मेट्रो स्टेशन के पास ही है। यह कुतुब मीनार से सिर्फ चार किलोमीटर दूरहै। आप यहां बस से भी आसानी से पहुंच सकते हैं।

Photo of Shree Adya Katyayani Shaktipeeth Mandir, Main Chhatarpur Road, Block A1, Dr Ambedkar Colony, Chhatarpur, New Delhi, Delhi, India by Hitendra Gupta
Day 3

5. बिरला मंदिर

लक्ष्मी नारायण बिरला मंदिर दिल्ली में एक ऐसा मंदिर है जहां जाति-धर्म के नाम पर कोई भेदभाव नहीं किया जाता है। इस मंदिर का निर्माण उद्योगपति बलदेव दास बिरला ने 1939 में कराया था। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने इसका उद्घाटन किया था। उद्घाटन करने के समय बापू ने बिरला जी से एक वादा करवाया था कि यह मंदिर बिना किसी जाति-धर्म का भेदभाव किए सभी के लिए खुला रहेगा। बिरला मंदिर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को समर्पित है। इस परिसर में भगवान गणेश, शिव, कृष्ण, हनुमान, मां दुर्गा और बुद्ध के भी मंदिर हैं। नवरात्र और जन्माष्टमी में यहां काफी भीड़ रहती है। इस दौरान मंदिर को बेहद खूबसूरती से सजाया जाता है। 7.5 एकड में फैले हुए इस मंदिर का निर्माण नागर शैली में किया गया है।

खुलने का समय:

मंदिर सुबह साढ़े चार बजे से दोपहर डेढ़ बजे तक खुला रहता है। फिर दोपहर ढाई बजे से रात नौ बजे तक दर्शन के लिए खुला रहता है। शाम पांच बजे आरती के समय मंदिर में बहुत ही दिव्य माहौल रहता है।

कैसे पहुंचे:

बिरला मंदिर दिल्ली के दिल कनॉट प्लेस के पास ही है। यह गोल मार्केट के करीब मंदिर मार्ग पर स्थित है। आप दिल्ली के किसी भी कोने से यहां आसानी से पहुंच सकते हैं। बस-ऑटो या मेट्रो से भी यहां आ सकते हैं। ब्लू लाइन पर आरके आश्रम मार्ग सबसे नजदीकी मेट्रो स्टेशन है। ट्रेन से आने पर नई दिल्ली रेलवे स्टेशन उतर वहां से मेट्रो या ऑटो लेकर यहां आ सकते हैं।

Photo of Birla Mandir, Mandir Marg, near Gole Market, Gole Market, New Delhi, Delhi, India by Hitendra Gupta

6. हनुमान मंदिर

प्राचीन हनुमान मंदिर कनॉट प्लेस के पास बाबा खड़क सिंह मार्ग पर स्थित है। मान्यता है कि पांडवों ने इस मंदिर को हस्तिनापुर से अलग इंद्रप्रस्थ बसाने के क्रम में बनाया था। बताया जाता है कि रामचरितमानस की रचना करने वाले महान संत तुलसीदास जी ने भी इस मंदिर में भगवान हनुमान जी के दर्शन किए थे। यह भी कहा जाता है कि उन्होंने हनुमान चालीसा की रचना इस मंदिर परिसर में ही की थी। इस मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं का मानना है कि यहां हर तरह की मनोकामना पूर्ण हो जाती है। यहां लोग लाल चुनरी और लड्डू का प्रसाद चढ़ाते हैं। यहां मनोकामना पूर्ण होने पर भंडारा कराते हैं। मंगलवार और शनिवार के दिन यहां श्रद्धालुओं की लंबी लाइन लगी रहती है। हनुमान जयंती को भी यहां भारी भीड़ जुटती है।

कैसे पहुंचे-

नई दिल्ली में कनॉट प्लेस के पास होने के कारण यहां पहुंचना काफी आसान है। कनॉट प्लेस के बाबा खड़क सिंह मार्ग पर प्रवेश करते ही यह मंदिर है। दिल्ली मेट्रो के गेट नंबर सात से बाहर निकल कर आप पैदल ही यहां पहुंच सकते हैं। मंदिर के पास ही शिवाजी स्टेडियम एयरपोर्ट मेट्रो स्टेशन और शिवाजी स्टेडियम बस अड्डा है।

Photo of Hanuman Mandir, Baba Kharak Singh Road, Shivaji Stadium, Connaught Place, New Delhi, Delhi, India by Hitendra Gupta

7. झंडेवाला मंदिर

दिल्ली में करोलबाग के पास झंडेवाला मंदिर देवी मां को समर्पित एक सिद्धपीठ है। झंडेवाला मंदिर के कारण यह इलाका झंडेवाला के नाम से ही मशहूर हो गया है। झंडेवाला मंदिर का इतिहास दो सौ साल से भी पहले से शुरू होता है। जहां आज झंडेवाला मंदिर है, वहां पहले अरावली की पहाडियां और घने वन थे। एक मान्यता है कि खुदाई में मूर्ति के साथ झंडा मिलने से इस मंदिर का नाम झंडेवाला मंदिर पड़ गया। जबकि एक अन्य मान्यता के अनुसार इस मंदिर बनाने के बाद इसके ऊपर एक बड़ा झंडा लगाया गया, जो पहाड़ी पर होने के कारण दूर से ही दिखता था। इसलिए इस मंदिर का नाम झंडेवाला मंदिर रख दिया गया। इस मंदिर में नवरात्र के अवसर पर काफी भीड़ रहती है। यहां श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी रहती हैं।

मंदिर के खुलने का समय

मंदिर सर्दी में सुबह 5.30 बजे से रात के 9.30 बजे तक और गर्मी में सुबह 5.00 बजे से रात के 10.00 बजे तक खुला रहता है।

कैसे पहुंचे-

करोलबाग और कनॉट प्लेस के पास होने के कारण यहां पहुंचना काफी आसान है। यहां आप झंडेवाला मेट्रो स्टेशन से पैदल या ऑटो लेकर आ सकते हैं।

नई दिल्ली स्टेशन भी पास ही है। आप रेलवे स्टेशन से मेट्रो, ऑटो लेकर आ सकते हैं। दिल्ली के तकरीबन सभी इलाकों से आप बस से भी यहां पहुंच सकते हैं।

कब पहुंचे-

दिल्ली में गर्मी और सर्दी दोनों काफी पड़ती है। इसलिए यहां आने का सबसे अच्छा समय फरवरी-मार्च और सितंबर से नवंबर के बीच का है। वैसे सुबह और शाम में दर्शन, आरती और पूजा-अर्चना के लिए आराम से जा सकते हैं।

-हितेन्द्र गुप्ता

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