5000 के बजट में घूमने के लिए बेहतरीन है भारत की ये बिंदास जगहें, जानिए कहाँ?

Tripoto
8th Mar 2021
Photo of 5000 के बजट में घूमने के लिए बेहतरीन है भारत की ये बिंदास जगहें, जानिए कहाँ? by Smita Yadav
Day 1

मार्च एक बेहद ही खूबसूरत महीना है, जिसमे सूरज आपको गर्मी देता है और ठंडी ठंडी हवाएं इस मौसम को खुशनुमा बना देती हैं। इसके अलावा छुट्टियाँ मजेदार तब और होती है, जब आप इन्हें खुलकर एन्जॉय करते हैं। अक्सर ऐसा होता है कि शहर की भागदौड़ से मन ऊब जाता है। ऐसे में रिफ्रेश होने के लिए किसी ऐसी शांत जगह पर निकलने का मन करता है। घूमना-फिरना किसे नहीं पसंद होता, लेकिन हर बार इस शौक को पूरा करने के चक्कर में बजट को मेनटेन करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। हममे से कई ऐसे लोग भी होते हैं, जो हाई बजट की जगह कम बजट की जगहों पर छुट्टियाँ मनाने की सोचते हैं, जिनसे छुट्टी की छुट्टी भी हो जाये और खर्चा भी कम हो, कम बजट में आप भी ऐसी किसी जगह पर जाना चाहते हैं जहाँ आप सुकून महसूस करें तो मार्च के इस खुशनुमा मौसम में छुट्टियों का मजा लेने के लिए आज मैं आपको ऐसी कुछ जगहों के बारे में बताऊंगी। जो घूमने-फिरने के लिहाज से तो बेहतरीन हैं ही साथ ही आपके बजट में भी। जी हाँ! आप काम बजट में इन बेहतरीन जगहों पर घूम के आ सकते है। तो आइए जानते है इन बेहतरीन जगहों के बारे में।

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मांडू

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विंध्याचल पर्वतमाला के बीच बसी है मध्य प्रदेश की नगरी मांडू। प्राकृतिक सौंदर्य, समृद्ध ऐतिहासिक विरासत और वास्तुशिल्प के बेजोड़ संगम की वजह से यह 'मालवा का स्वर्ग' कहलाता है। वैसे तो यहाँ पूरे साल पर्यटकों का तांता लगा रहता है, पर बारिश की रिमझिम फुहारों के बीच यह और खिल जाता है। मांडू मध्य प्रदेश का एक ऐतिहासिक और बेहद सुंदर टूरिस्ट प्लेस है। मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग तो खासतौर पर मॉनसून में यात्रियों को लुभाने के लिए कई तरीकों से प्रचार करता है। इस प्राचीन शहर को खुद पर गर्व करने के लिए बहुत कुछ है जैसे भारत के सबसे पुराने निर्मित स्मारक, अद्भुत वास्तुकार सहित यह जगह राजकुमार बाज बहादुर और रानी रूपमती के बीच प्रेम का भी एक प्रमाण है।

मांडू जाने का सबसे अच्छा समय

ग्रीष्म ऋतु मध्य प्रदेश में मुख्य रूप से मार्च-मई के महीनों में होती है, इसलिए सर्दियां इसकी तुलना में अधिक सुखद होती हैं और मौसम काफी मध्यम होता है। अक्टूबर-मार्च, मांडू और राज्य के अन्य हिस्सों में घूमने का सबसे अच्छा समय है। या सच कहूं तो अक्टूबर से मार्च तक का महीना यहाँ की खूबसूरती को एक्सप्लोर करने के लिए सबसे बेस्ट हैं।

मांडू कैसे पहुंचे

मांडू का अपना कोई हवाई अड्डा या रेलवे स्टेशन नहीं है हालाँकि यह सड़क मार्ग द्वारा राज्य के कई हिस्सों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। इसके लिए निकटतम हवाई अड्डा इंदौर में है जो शहर से लगभग 59 किमी दूर है। ट्रेन से आने की इच्छा रखने वाले लोगों के लिए रतलाम जंक्शन निकटतम रेलवे स्टेशन है। मैं अपनी कहूं तो मध्य प्रदेश जाने के लिए ट्रेन का ऑप्शन बेस्ट हैं। बाकी आप अपनी सुविधा अनुसार यात्रा कर सकते हैं।

मुक्तेश्वर

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उत्तराखंड के नैनीताल जिले में एक बेहद खूबसूरत जगह है मुक्तेश्वर। यहाँ आकर आपको ऐसा लगेगा जैसे आप प्रकृति की गोद में बैठे हुए हो। प्रकृति व पशु प्रेमियों के लिए यह जगह बहुत खास है। मुक्तेश्वर में घुमने लायक कई आकर्षक स्थल मौजूद हैं, जिनमे मुक्तेश्वर मंदिर बहुत ही प्रसिद्द है। इस खूबसूरत हिल स्टेशन से विशाल हिमालय का सुंदर नजारा नजर आता है। यहाँ आप ट्रेकिंग के साथ बर्ड फोटोग्राफी का मजा भी ले सकते हो। मुक्तेश्वर मंदिर के पास ही चौली की जाली भी स्थित है, जिसे चौथी जाली के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ पहाड़ से बाहर निकली बड़ी चट्टान से हिमालय का सांसो को रोक देने वाला दृश्य नजर आता है।

यहाँ आपको सड़क के किनारे फलों के बाग भी देखने को मिलेंगे। अगर आप एडवेंचर के शौकीन हो, तो मुक्तेश्वर में आकर आप निराश नहीं होंगे। मुक्तेश्वर के पास ही सरगाखेत गांव है। यहाँ आप कैंपिंग, हाइकिंग और पैराग्लाइडिंग का मजा ले सकते हो। यहाँ का मौसम पूरे साल आरामदायक रहता है। हालांकि कैंपिंग और हिल स्पोर्ट्स का असली मजा मार्च से जून के दौरान आता है। यहाँ पर्यटकों के ठहरने के लिए रिजोर्ट्स मौजूद हैं। अगर आप भी एडवेंचर का शौक रखते हैं तो ऋषिकेश नहीं इस बार मुक्तेश्वर का बनाएं प्लान।

मुक्तेश्वर जाने का सबसे अच्छा समय

मार्च से जुलाई और अक्टूबर से दिसंबर तक का महीना यहाँ जाने के लिए परफेक्ट हैं।

मुक्तेश्वर कैसे पहुंचे

मुक्तेश्वर से नजदीकी रेलवे स्टेशन 65 किलोमीटर दूर काठगोदाम में स्थित है। यह स्टेशन देश के कई प्रमुख स्टेशन से जुड़ा हुआ है। वहीं, मुक्तेश्वर से निकटतम हवाई अड्डा 95 किलोमीटर दूर पंतनगर में स्थित है। यह दिल्ली के अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डे से नियमित रूप से जुड़ा है। दोनों ही जगहों से मुक्तेश्वर जाने के लिए प्राइवेट टैक्सी या उत्तराखंड परिवहन की बसें उपलब्ध हैं। दिल्ली से मुक्तेश्वर जाने के लिए बसें चलती हैं। दिल्ली से मुक्तेश्वर करीब 340 किलोमीटर दूर है। पर्यटक दिल्ली से सड़क मार्ग द्वारा मुरादाबाद-हल्द्वानी-काठगोदाम-भीमताल होते हुए मुक्तेश्वर पहुंच सकते हैं।

अंडरेट्टा

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धौलधार पहाड़ियों पर बसा छोटा सा गांव है अंडरेट्टा, जो खूबसूरती के अलावा खासतौर से अपनी कला के लिए जाना जाता है। यहाँ आप नेचर के साथ-साथ एडवेंचर और रिलैक्सिग, हर एक चीज़ के लिए ऑप्शन्स मौजूद हैं। हिमाचल में तो इतनी ज्यादा खूबसूरत जगहें हैं जहाँ के बारे में बहुत कम जानकारी इंटरनेट पर अवेलेबल है और इसी वजह से ये टूरिस्ट डेस्टिनेशन्स की लिस्ट में भी अभी शिमला, मनाली और लेह जैसी जगह नहीं बना पाई है ऐसी ही एक जगह है अंडरेट्टा। अंडरेट्टा खासतौर से नोरा सेंटर फॉर आर्ट, अंडरेट्टा पॉटरी एंड क्रॉफ्ट सोसाइटी, नोरा मड हाउस और सर शोभा सिंह आर्ट गैलरी के लिए जाना जाता है। अगर आप रोमांचक खेल में रुचि रखते हैं तो आपको यहाँ से 180 किलोमीटर दूर बिलिंग पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन जरूर जाना चाहिए। यहाँ पर हाई एल्टीट्यूड क्रॉस कंट्री पैराग्लाइडिंग कराई जाती है। यहाँ पूरे विश्व से लोग आते हैं। कम बजट के साथ ही सुकून से करना चाहते हैं वेकेशन एन्जॉय तो ये एक बेहतरीन जगह है।

अंडरेट्टा जाने का सबसे अच्छा समय

मानसून के सीजन में हिमाचल जाना सुरक्षित नहीं होता। इसके अलावा आप कभी भी यहाँ घूमने का प्लान बना सकते हैं। यहाँ पर्यटक हमेशा आते रहते हैं।

अंडरेट्टा कैसे पहुंचें

अंडरेट्टा, पालमपुर से 13 किलोमीटर दूर है। कंगड़ा और पालमपुर में 40 किमी की दूरी है। दिल्ली और चंडीगढ़ से रोजाना यहाँ तक जाने के लिए आपको बसें मिल जाएंगी यहाँ से सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन पठानकोट है। और सबसे नजदीकी गग्गल हवाई अड्डा है, जो 15 किमी की दूरी पर है। यहाँ पहुंचने के लिए बेहतर है कि आप एक प्राइवेट गाड़ी हायर करें, जिससे आप सफर को एन्जॉय कर सकें।

बिनसर

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बिनसर, बजट ट्रिप के लिए एकदम परफेक्ट जगह हैं। यहाँ का मौसम ज्यादातर खुशगवार होता है जो आपके वेकेशन की मौज-मस्ती को दोगुना कर देगा। बिनसर की खास बात यह है कि कोई मुख्य मार्ग इससे लगा हुआ नहीं है। इस वजह से यहाँ भीड़-भाड़ कम होती है और सैलानी प्रकृति की गोद में खेलते हैं। यहाँ स्थित 'जीरो पॉइन्ट' से हिमालय की चोटियां जैसे केदारनाथ, चौखंबा, नंदा देवी, पंचोली, त्रिशूल, आदि चोटियों को देखा जा सकता है। पहाड़ों को पसंद करने वाले सैलानियों के लिए यह जगह किसी स्वर्ग से कम नहीं है। यहाँ घने देवदार के जंगलों के बीच से हिमालय पर्वत श्रृंखला का मनोरम दृश्‍य दिखता है। यहाँ की घाटियां आपकी आंखों को सुकून देंगी। उत्तराखंड के कुमाऊं पहाड़ी का ये छोटा सा हिल स्टेशन खासतौर से वाइल्डलाइफ सफारी के लिए मशहूर है तो यहाँ आकर इसे देखना बिल्कुल भी मिस न करें।

बिनसर जाने का सबसे अच्छा समय

जून से दिसंबर और मार्च से मई तक कभी भी यहाँ जाने का प्लान किया जा सकता है। यहाँ पूरे साल पर्यटक आते रहते हैं।

बिनसर कैसे पहुंचे

दिल्ली से बिनसर की दूरी तरकीबन 390 किमी है। सबसे नजदीकी हवाई अड्डा पंतनगर है। जो बिनसर से लगभग 152 किमी की दूरी पर स्थित है। काठगोदाम रेलवे स्टेशन बिनसर से सबसे निकटतम है जिसकी दूरी 120 किमी है। इसके अलावा बिनसर के लिए नैनीताल, हल्द्वानी और अल्मोड़ा से नियमित बसें उपलब्ध रहती हैं। इस प्रकार आपको यहाँ आने में कोई दिक्कत नहीं होगी।

अमृतसर

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बजट में घूमने-फिरने के लिए अमृतसर से बेहतर जगह और कोई हो ही नही सकती। अमृतसर के दिल में बसा स्वर्ण मंदिर, सिखों का सबसे बड़ा और पवित्र गुरूद्वारा माना जाता है। स्वर्ण मंदिर को हरमंदिर साहिब के नाम से भी जाना जाता है। इस गुरूद्वारे को 16 वीं शताब्दी में 5वें सिख गुरू, गुरू अर्जुन देव जी ने बनवाया था। 19वीं शताब्दी की शुरूआत में महाराजा रणजीत सिंह ने इस गुरूद्वारे की ऊपरी छत पर सोने की परत चढवाई, जिसके कारण इसका नाम स्वर्ण मंदिर पड़ा। हरमंदिर साहिब में मत्था टेके और लंगर खाये बिना अमृतसर की यात्रा पूरी नहीं मानी जाती। ताजमहल के बाद, सबसे ज्यादा पर्यटक स्वर्ण मंदिर की सुंदरता को देखने के लिए अमृतसर आते हैं। जलियांवाला बाग हो या वाघा बॉर्डर कहीं भी घूमने के लिए आपको किसी तरह के पैसे नहीं खर्च करने पड़ेंगे। अमृतसर का हर एक जायका इतना लाजवाब होता है कि इन्हें देखकर ही मुंह में पानी आ जाएं। सबसे अच्छी बात कि इसके लिए आपको बहुत ज्यादा जेब भी नहीं ढीली करनी पड़ेगी।

अमृतसर जाने का सबसे अच्छा समय

अक्टूबर से अप्रैल के बीच यहाँ जाने का प्लान बनाएं। वैसे तो यहाँ पर्यटक पूरे साल आते हैं।

अमृतसर कैसे पहुंचे

दिल्ली से अमृतसर के लिए लगातार बसें चलती हैं जो यहाँ तक पहुंचने का सस्ता और सुगम माध्यम हैं। वैसे यहाँ तक पहुंचने के लिए ट्रेनें भी आसानी से उपलब्ध हैं।

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