घुमक्कड़ों के लिए उत्तराखंड किसी खजाने से कम नहीं है। वैसे भी पहाड़ हर किसी को लुभाते हैं। ढेर सारी जगहों के होने के बावजूद लोग जाने क्यों कुछ चुनिंदा जगहों पर ही जाते हैं? उत्तराखंड की इन जगहों पर सैलानियों की भीड़ हमेशा बनी रहती है। अगर आप उत्तराखंड में शांति और सुकून वाली किसी जगह की खोज में हैं तो उसका पता हम आपको बता देते हैं। उत्तराखंड का एक खूबसूरत हिल स्टेशन है, कनाताल। इस हिल स्टेशन के बारे में कम ही लोगों को पता है। आपको एक बार जरूर इस जगह पर आना चाहिए।
कनाताल उत्तराखंड का एक छोटा-सा गांव है जो टिहरी गढ़वाल जिले के चंबा-मसूरी हाईवे पर स्थित है। समुद्र तल से 8,500 फीट की ऊँचाई पर स्थित इस हिल स्टेशन पर चारों तरफ हरियाली और खूबसूरत पहाड़ दिखाई देंगे। इस जगह की सबसे अच्छी बात ये है कि मसूरी के इतने पास होने के बावजूद यहाँ आपको लोगों की भीड़भाड़ नहीं मिलेगी। कनाताल का नाम यहाँ की कनाताल लेक के नाम पर पड़ा है जो कई साल पहले तक अस्तित्व में थी लेकिन अब इस झील का नामों निशान नहीं है।
कब जाएं?
कहा जाता है कि पहाड़ हर मौसम में ही खूबसूरत होते हैं लेकिन हर जहग पर जाने का सही समय होता है। कनाताल हिल स्टेशन पर जाने के लिए सबसे अच्छा समय मार्च से जून तक का माना जाता है। इस मौसम में आपको कनाताल से हिमालय की चोटी के शानदार नजारे देखने को मिलते हैं। कनाताल में आपको ठहरने में कोई दिक्कत नहीं आएगी। यहाँ पर कई सारे होटल हैं जिसमें आप रूक सकते हैं।
क्या देखें?
1- कोडिया जंगल
कनाताल हिल स्टेशन में कोडिया जंगल से आप अपनी घुमक्कड़ी की शुरूआत कर सकते हैं। कोडिया जंगल कनाताल में एक शांत वन क्षेत्र है जिसकी खूबसूरती आपका मन मोह लेगी। इस जंगल की सैर के लिए आपको पैदल ही चलना होगा। कोडिया जंगल को झरनों का घर भी कहा जाता है। आप इस जंगल में 6 किमी. तक पैदल सैर कर सकते हैं। इसके अलावा आप यहाँ जीप सफारी का भी आनंद ले सकते हैं।
2- सुरकंडा देवी मंदिर
कनाताल हिल स्टेशन की सबसे फेमस जगहों में से एक है, सुरकंडा देवी मंदिर। पहाड़ की ऊँची जगह पर स्थित सुरकंडा देवी मंदिर सैलानियों के बीच भी काफी लोकप्रिय है। यहाँ से आपको दूर-दूर तक पहाड़ ही पहाड़ दिखाई देंगे। ऐसे खूबसूरत नजारे देखकर आप दंग रह जाएंगे। सुरकंडा देवी मंदिर भारत के चुनिंदा शक्तिपीठों में से एक है। कहा जाता है कि जब भगवान शिव देवी सती के शरीर को कैलाश पर्वत ले जा रहे थे तो इस जगह पर उनका सिर गिरा था। देवी के हिस्से जिस-जिस जगह पर गिरे वो शक्तिपीठ के नाम से जाने जाते हैं।
3- टिहरी लेक
टिहरी बांध कनाताल की प्रमुख जगहों में से एक है। इस बांध के आसपास दूर-दूर तक पानी फैला हुआ है जिसे टिहरी लेक के नाम से जाना जाता है। आप ऊँचाई से डैम को देख सकते हैं लेकिन अंदर जाने के लिए डीएम की अनुमति लेनी पड़ती है। आप यहाँ की खूबसूरत झील का आनंद ले सकते हैं। ऐसी खूबसूरत और मनमोहक लेक शायद ही आपने कभी देखी हो। आप झील में बोटिंग का आनंद भी ले सकते हैं।
क्या करें?
1- ट्रेकिंग
अगर आपको एडवेंचर पसंद है तो कनाताल हिल स्टेशन आपके लिए किसी जन्नत से कम नहीं है। कनाताल ट्रेकिंग के लिए भी जाना जाता है। आप कोडिया जंगल में ट्रेकिंग कर सकते हैं। इसके अलावा चंबा के 5-6 किमी. के लंबे ट्रेल्स को भी कर सकते हैं। अगर आपने इससे पहले ट्रेकिंग नहीं की है तो कनाताल में ट्रेकिंग की शुरूआत कर सकते हैं।
2- कैंपिंग
पहाड़ों में टेंट लगाकर रहने का एक अलग ही मजा है। खुली वादियों के बीच कनाताल में आप कैंपिंग का मजा भी ले सकते हैं। कैंपिंग में आप नये लोगों से मिलते हैं और साथ में घुमक्कड़ी के अनुभवों को शेयर करते हैं। कनाताल में कैंपिंग के अलावा आप बंजी जंपिंग भी कर सकते हैं। आपको एक बार इन अनुभवों को जरूर लेना चाहिए।
कैसे पहुँचे?
फ्लाइट से: अगर आप हवाई मार्ग से कनाताल हिल स्टेशन जाने का प्लान बना रहे हैं तो सबसे निकटतम एयरपोर्ट देहरादून का जॉली ग्रांट हवाई अड्डा है। एयरपोर्ट से कनाताल की दूरी 92 किमी. की दूरी पर है। आप कैब बुक करके अपने गंतव्य तक पहुँच सकते हैं।
ट्रेन से: यदि आप रेल मार्ग से कनाताल हिल स्टेशन जाना चाहता हैं तो सबसे नजदीकी ऋषिकेश रेलवे स्टेशन हैं। ऋषिकेश से कनाताल 75 किमी. की दूरी पर है। आप बस या टैक्सी से कनाताल जा सकते हैं।
वाया रोड: आप सड़क मार्ग से भी कनाताल जा सकते हैं। आपको कनाताल के लिए देहरादून और ऋषिकेश से बसें मिल जाएंगी। अगर आप अपनी गाड़ी से हैं तब तो कनाताल जाने में आपको कोई दिक्कत नहीं आएगी।
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