सांधन घाटी ट्रेक: हिमाचल-उत्तराखंड छोड़ो अब महाराष्ट्र के इसरोमांचक ट्रेक का प्लान बनाईए

Tripoto
Photo of सांधन घाटी ट्रेक: हिमाचल-उत्तराखंड छोड़ो अब महाराष्ट्र के इसरोमांचक ट्रेक का प्लान बनाईए by Deeksha

भारत पर्यटन के मामले में एक समृद्ध देश है जहाँ हर तरह के घुमक्कड़ के लिए कुछ ना कुछ ज़रूर है। नदी, पहाड़, झरने, गाँव वाले इस देश में वो हर चीज़ है जिससे इसकी घुमक्कड़ीय पहचान को विश्व भर में सराहा जाता है। सच कहें तो भारत का हर राज्य अपने आप में एक बढ़िया पैकेज की तरह है जहाँ घूमने के लिए जगहों की कमी नहीं है। लेकिन इसके बाद भी कुछ चीज़ें ऐसी हैं जिनका ज़िक्र आते ही हम चुनिंदा राज्यों की तरफ खींचे चले जाते हैं। जैसे ट्रेकिंग और एडवेंचर के लिए हम हमेशा हिमाचल और उत्तराखंड जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं महाराष्ट्र में ऐसी कई जगहें हैं जहाँ आप ट्रेकिंग कर सकते हैं। प्रकृति और रोमांच पसंद करने वाले लोगों के दिल में महाराष्ट्र की एक अलग जगह है। अगर आप भी ट्रेकिंग का मज़ा लेना चाहते हैं तो बिना देर करे महाराष्ट्र के सांधन घाटी ट्रेक की तरफ चले आइए।

सांधन घाटी के बारे में

महाराष्ट्र के अहमनगर मंडल में बसी ये घाटी ट्रैकर्स और पर्वतारोहियों के लिए बढ़िया ऑफ-बीट जगह है। सांधन वैली पिछले कई हजारों सालों से मॉनसून के दौरान आसपास के पहाड़ों से निकलने वाली छोटी धाराओं से बना एक गहरा गोर्ज है। ये सभी धाराएँ गोर्ज के नीचे बसी घाटी में गिरती हैं जहाँ ये एक तालाब बनाती हैं। इस तालाब तक पहुँचने के लिए गोर्ज के ऊपरी हिस्से से घाटी के नीचे तक जाना होता है।आमतौर पर नीचे जाने के लिए रैपलिंग का इस्तेमाल किया जाता है। रैपलिंग एक रोमांचक खेल है जिसमें आपको रस्सियों के सहारे ऊँचीं चट्टानों से नीचे उतरना होता है। ऐसे में रस्सी का एक हिस्सा आपके शरीर पर बंधा होता है और दूसरे हिस्से को ऊपर से सहारा दिया जाता है।

सांधन घाटी को कई और नामों से भी जाना जाता है। सस्पेंस की घाटी, छाया की घाटी और महाराष्ट्र का ग्रांड कैन्यो सबसे फेमस हैं। अगर आप सोच रहे हैं कि अमेरिका के ग्रैंड कैन्यो की तरह ये घाटी भी बेहद लम्बी है तो ऐसा नहीं हैं। सांधन घाटी की लंबाई केवल 2 किमी. है। इसको वैली ऑफ शैडो इसलिए कहा जाता है क्योंकि यहाँ सूरज की रोशनी लगभग ना के बराबर होती है। दोपहर के समय जब सूरज ठीक ऊपर होता है केवल उस समय ही कुछ देर के लिए घाटी के बिल्कुल नीचे तक सूरज की किरणें पहुँचती हैं। घाटी इतनी शानदार है कि इसको देखते हुए आपकी आँखें नहीं थकेंगी।

सांधन घाटी ट्रेक

सांधन घाटी ट्रेक करने के लिए सबसे पहले आपको समरद गाँव आना होगा। घाटी तक पहुँचने के लिए गाँव से 2 किमी. का पैदल सफ़र तय करना होता है जिसके बाद आपका सांधन घाटी में प्रवेश करते हैं। ख़ास बात ये है कि घाटी कब और कहाँ से शुरू होती है इसका कोई साइन या निशान नहीं है जिसकी वजह से इसको बिना स्थानीय लोगों की मदद से ढूंढ पाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। गोर्ज के पास पहुंचने पर टेढ़ी-मेढ़ी ढलान को पार करना होता है जिसके बाद आप नीचे बने तालाब के करीब आते हैं। नीचे उतरने वाले रास्ते में आपको कई चट्टानों को पार करना होता है। ये रास्ता बेहद फिसलन भरा होता है और क्योंकि घाटी में धूप नहीं होती है इसलिए यहाँ काई भी होती है।

बारिश आने के पहले तक इस तालाब का पानी धीरे-धीरे कम होता जाता है लेकिन जैसे ही बरसात शुरू होती है इस जगह की जैसे सूरत ही बदल जाती है। अगर आप दिसंबर के महीने में यहाँ आ रहे हैं तो ये तालाब आपको ज़्यादा गहरा नहीं मिलेगा। इस तालाब को पार करने के बाद का रास्ता और भी शानदार है। लेकिन हर कदम पर सावधानी रखना बहुत जरूरी है। दूसरे तालाब तक जाने वाला रास्ता भी पहले वाले की तरह चट्टानों और पत्थरों से होकर गुजरता है। दूसरे तालाब को पार करने के बाद ये रास्ता कुछ आसान हो जाता है। इसके बाद घाटी से बाहर निकालने तक आपको रास्ते में केवल छोटे पत्थर ही मिलेंगे। रास्ते के दोनों तरफ 300 फीट ऊँचीं चट्टानों की दीवार है। शानदार नज़ारों और रोमांच से भरपूर इस ट्रेक को करने में कुल 2 दिन का समय लगता है। ट्रेक को करने के बाद आप देहेने गाँव की सैर भी कर सकते हैं।

आस-पास क्या देखें?

समरद गाँव केवल सांधन घाटी के लिए ही मशहूर नहीं है। यहाँ घाटी के अलावा भी ऐसी बहुत जगहें हैं जिन्हें घूम लेना चाहिए। यहाँ किले हैं, झरने हैं, पहाड़ हैं जो इस जगह को और भी ख़ास बना देते हैं।

1. कोंकण काडा

काडा शब्द का मतलब होता है चट्टान और ये जगह इन्हीं चट्टानों से बनी हुई एक प्राकृतिक गैलरी है। समरद से 3 किमी. दूर दक्षिण में बनी ये वो जगह है जहाँ से आप दिलकश नज़ारे देख सकते हैं। यहाँ पहुंचने के लिए आपको टूटी हुई पगडंडी पर चलना होता है। घाटी के ठीक नीचे ठाणे जिला है जबकि कोंकण काडा अहमदनगर जिले का हिस्सा है। ये जगह चारों ओर से पहाड़ों से घिरी हुई है और यहाँ आकर आपका मन खुश हो जाएगा।

2. भंडारदरा में वॉटरफॉल

Photo of सांधन घाटी ट्रेक: हिमाचल-उत्तराखंड छोड़ो अब महाराष्ट्र के इसरोमांचक ट्रेक का प्लान बनाईए 2/4 by Deeksha
श्रेय: पिक्सा बे

भंडारदरा को अगर वॉटरफॉल की राजधानी कहा जाए तो शायद गलत नहीं होगा। यहाँ कई ऐसे छोटे और बड़े झरने हैं जिन्हें आपको देखना चाहिए। बारिश के मौसम में ये सभी झरने पानी से भर जाते हैं और ये जगह पूरी तरह से खिल उठती है। भंडारदरा में आप अंब्रेला वॉटरफॉल, रंधा फॉल्स, विल्सन डैम, आर्थर झील देख सकते हैं।

3. अलंग-मदनगढ़-कुलांग ट्रेक

भंडारदरा इलाका सभी तरफ से विशाल पहाड़ों से घिरा हुआ है जो ट्रेकिंग के लिए बढ़िया जगह है। इन पहाड़ों में ऐसे बहुत रास्ते है जिनपर आप ट्रेकिंग का मज़ा ले सकते हैं। सांधन घाटी से थोड़ी ही दूरी पर बसी अलंग, मदनगढ़ और कुलंग की पहाड़ियों में ट्रेकिंग करना आसान नहीं होता है।

कब जाएँ?

वैसे तो आप साल के किसी भी समय इस ट्रेक पर आ सकते हैं लेकिन सांधन घाटी ट्रेक करने के लिए सबसे बढ़िया समय सर्दियों का होता है। अगर आप चाहें तो पतझड़ और बारिश के मौसम में भी यहाँ आ सकते हैं। क्योंकि ये घाटी चारों तरफ से ऊँचे पत्थर और पहाड़ियों से घिरी हुई है इसलिए गर्मियों में यहाँ उमस जैसा माहौल हो जाता है और आपकी सारी ऊर्जा गर्मी को सहन करने में खत्म हो जाती है इसलिए गर्मियों में यहाँ आने से बचना चाहिए।

कहाँ ठहरें?

अगर आप सांधन घाटी को नज़दीक से महसूस करना चाहते हैं तो सबसे बढ़िया तरीका है रात में घाटी में ही रुककर कैंपिंग करिए। क्योंकि ये वैली मुख्य शहर में ना होकर बाहरी इलाके में है इसलिए वैली के आस-पास कोई होटल और गेस्ट हाउस नहीं हैं। लेकिन आपके पास होमस्टे में रुकने का विकल्प है। ये होमस्टे समरद गाँव के लोकल चलाते हैं जिनमें आपके रहने और खाने की अच्छी व्यवस्था रहती है। अगर आप रात में रुकने के लिए कैंपिंग और होमस्टे से भी बेहतर ठिकाना चाहते हैं तो आप भंडारदरा के होटलों में भी रुक सकते हैं।

क्या खाएँ?

सांधन घाटी ट्रेक में फाइव स्टार रेस्त्रां जैसा तरह-तरह का खाना मिलने की उम्मीद बिल्कुल ना करें। शहर के बाहरी इलाके में स्तिथ होने के साथ-साथ ये ट्रेक गहरी घाटी से होकर गुजरता है इसलिए यहाँ खाने के लिए कम विकल्प हैं। लेकिन समरद गाँव के स्थानीय लोगों की तरफ से घर के बने पारंपरिक मराठी खाने की पेशकश की जाती है जो बहुत स्वादिष्ट होता है। आप यहाँ भाकरी, पोहा, उपमा, भाजी, दाल और चावल जैसी चीज़ों का स्वाद ले सकते हैं। ये ट्रेक मुश्किल नहीं है लेकिन ये आसान भी नहीं है इसलिए ट्रेक शुरू करने से पहले स्वस्थ और पोषण से भरा नाश्ता करें और रात का खाना अपने साथ रखना चाहिए। आप चाहे तो दोपहर का खाना देहेने गाँव में रुककर भी खा सकते हैं।

खर्च

आप चाहें तो किसी ट्रेकिंग कंपनी के साथ सांधन घाटी ट्रेक कर सकते हैं। इन कंपनियों के पैकेज होते हैं जिनकी कीमत 1800 रुपए से शुरू होकर 2500 रुपए तक होती है। इस पैकेज में आपके रहने से लेकर खाने तक और ट्रेक में इस्तेमाल होने वाले सभी उपकरणों का खर्च भी जुड़ा होता है। अगर आप अपने आप इस ट्रेक को करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको व्यवस्थित प्लैनिंग करनी होगी। मुंबई से भंडारदरा तक का ट्रेन का किराया लगभग 1000 रुपए होता है। इसी में अगर बस से चाहते हैं तो उसके लिए 600 से 800 रुपए तक देने होते हैं। इसके अलावा आपको रहने और खाने पर लगने वाला खर्च अलग से करना होता है। घाटी में कैंपिंग करना सबसे बढ़िया ऑप्शन है। समरद गाँव में आपको होमस्टे 500 रुपए से शुरू होकर 800 रुपए प्रति रात तक मिल जाएगा लेकिन अगर आप भंडारदरा में होटल लेने की सोच रहे हैं तो उसके लिए आपको 1000 रुपए तक देने पद सकते हैं।

कैसे पहुँचें?

सांधन घाटी आने के लिए कोई सीधी गाड़ी नहीं है। यहाँ आने के लिए आपको सबसे पहले समरद गाँव, कसरा या इगतपुरी आना होगा।

Photo of सांधन घाटी ट्रेक: हिमाचल-उत्तराखंड छोड़ो अब महाराष्ट्र के इसरोमांचक ट्रेक का प्लान बनाईए 4/4 by Deeksha
श्रेय: टीम-बीएचपी

रोड से: समरद आने का सबसे आसान तरीका है अपनी गाड़ी से आइए। मुंबई से सांधन घाटी करीब 200 किमी. की दूरी पर है और इस सफर को तय करने में 4 से 5 घंटों का समय लगता है। आप चाहें तो बस से भी आ सकते हैं। उसके लिए मुंबई या पुणे से इगतपुरी-घोटी के लिए बस लेनी होगी। इगतपुरी पहुँचने के बाद भंडारदरा के लिए बस लीजिए जहाँ से आप शेयर टैक्सी लेकर समरद पहुँच सकते हैं।

ट्रेन से: ट्रेन से आने के लिए मुंबई से कसरा के लिए ट्रेन लेनी होगी। छत्रपति शिवाजी टर्मनस से कसरा फास्ट ट्रेन लीजिए। कसरा से आप शेयर जीप लेकर समरद आ सकते हैं। इसके अलावा आप इगतपुरी के लिए भी कोई ट्रेन ले सकते हैं। इगतपुरी से समरद 60 किमी. की दूरी पर है।

फ़्लाइट से: मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट सबसे नज़दीकी एयरपोर्ट है जिसके बाद आपको सड़क या ट्रेन के रास्ते समरद आना होगा।

इन बातों का रखें ध्यान:

- अगर आपके पास ट्रेकिंग का अनुभव नहीं है तो बिना गाइड लिए इस ट्रेक को ना करें।

- घाटी में पानी और खाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है इसलिए समरद से ही सारा ज़रूरी सामान ले लेना चाहिए।

- ये ट्रेक छोटी ज़रूर है लेकिन इसमें आपके स्टैमिना की हर कदम पर परीक्षा होती है इसलिए अगर आपको कोई बीमारी है तो इस ट्रेक पर जाने से बचें।

क्या आपने कोई ऐसा ट्रेक किया है? अपने अनुभव को शेयर करने के लिए यहाँ क्लिक करें

रोज़ाना वॉट्सएप पर यात्रा की प्रेरणा के लिए 9319591229 पर HI लिखकर भेजें या यहाँ क्लिक करें