कई बार ऐसा होता है कि फेमस जगहों के पास में ही एक बेहद शांत और खूबसूरत जगह होती है लेकिन उस जगह के बारे में कम लोगों को ही पता होता है। वैसे भी घुमक्कड़ी का ही नाम ही नई जगहों का तलाशना होती है। ये कम देखी और अनजानी जगहें वाकई कमाल होती हैं। मैंने अपने लंबे वीकेंड का उपयोग करने के लिए एक ऐसी ही जगह की यात्रा की। उस खूबसूरत जगह तक पहुँचने के लिए खुप्पर टाॅप का ट्रेक किया। ये ट्रेक गिरिगंगा से शुरू होता है और खड़ापत्थर तक जाता है। ये ट्रेक लगभग 8 किमी. लंबा है। खड़ापत्थर एक बेहद खूबसूरत और मन मोहने वाली जगह है लेकिन अक्सर इस जगह को लोग नजरंदाज कर देते हैं।
जिस दिन हमने इस सफर की शुरूआत की, उस दिन दिल्ली में ओले गिरे। आप सिर्फ कल्पना ही कर सकते हैं कि इस ट्रेक करने पर हमारी क्या हालत हुई थी? इन सबके बावजूद मैंने हिम्मत नहीं हारी और दोस्तों के साथ इस ट्रेक को किया।
कहाँ?
शिमला से 4 घंटे की दूरी पर खड़ापत्थर है। हम इस जगह की यात्रा मार्च में कर रहे थे लेकिन यहाँ का मौसम जनवरी की तरह बहुत ठंडा था। शिमला से खड़ापत्थर, रेकाॅन्ग पियो, कुफरी, रोहडू के लिए बसें लक्कड़ बाजार से मिलती हैं। यहाँ आपको टिकट बड़े आराम से मिल जाएगा और स्थानीय लोगों के साथ यात्रा करने, उनसे बात करने का मजा ही कुछ और है। स्थानीय लोगों की कंपनी आपको बहुत अच्छी लगेगी। वैसे तो शिमला से खड़ापत्थर पहुँचने में 4-5 घंटे लगते हैं लेकिन रास्ते में भारी बर्फबारी की वजह से देरी हुई और हमको शिमला से खड़ा पत्थर पहुँचने में 7 घंटे लग गए।
कहाँ ठहरें?
खड़ापत्थर में ठहरने के लिए ज्यादा विकल्प नहीं हैं। आप यहाँ पर तीन जगहों पर ठहर सकते हैं। इनमें एक, गिरि गंगा रिजाॅर्ट है जो बहुत ज्यादा दूर नहीं है। जहाँ बस आपको छोड़ेगी, वहाँ से सिर्फ आधा किलोमीटर की दूर ये रिजाॅर्ट है। यहाँ आपको आराम से ठहरने की जगह मिल जाएगी। इस रिजाॅर्ट का कोई परमानेंट नंबर नहीं है इसलिए आप पहले से बुकिंग नहीं करा सकते हैं। खड़ा पत्थर में ठहरने के लिए दूसरी जगह है, वन विभाग का गेस्ट हाउस। हालाँकि ये गेस्ट हाउस पिछले 6 महीनों से बंद पड़ा हुआ है। तीसरी और आखिरी जगह है, पीडब्ल्यूडी गेस्टहाउस है। पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में आप पहले से 01781252004 नंबर पर फोन करके बुकिंग करा सकते हैं।
भारी बर्फबारी के बीच हम खड़ापत्थर पहुँचे। रिसाॅर्ट में फोन किया लेकिन वहाँ बात नहीं बनी। जिसके बाद वन विभाग गेस्ट हाउस देखा लेकिन वो भी बंद था। अब आखिरी जगह पीडब्लयूडी गेस्ट हाउस था। जिसे किसी और ने अपनी ट्रेकर्स की टीम के लिए बुक किया हुआ था लेकिन उसने हमारी मदद की और रात गुजारने के लिए कुछ स्लीपिंग बैग दिए। घुमक्कड़ी के दौरान ही समझ में आता है कि दुनिया में अभी भी अच्छाई बची हुई है। ऐसे लोगों को हमेशा याद रखना चाहिए जो अजनबी होते हुए भी आपकी मदद करते हैं।
क्या करें?
समुद्र तल से 8,770 फीट की ऊँचाई पर बसा खड़ापत्थर घुमक्कड़ों के लिए किसी जन्नत से कम नहीं है। इस जगह को पैदल नाप सकते हैं। आसपास की पहाड़ियों पर चढ़ सकते हैं। खुप्पर टाॅप से चारों तरफ फैली खूबसूरती को घंटो निहार सकते हैं। यहाँ से आप बस लेकर रोहडू जा सकते हैं। रोहडू से देहरादून के लिए बस जाती हैं।
ये कुछ फोटोज हैं जो हमारी यात्रा से लेकर जन्नत जैसी जगह तक पहुँचने की हैं।
अपने उतार-चढ़ाव के बावजूद ये अब तक ही सबसे यादगार और शानदार यात्रा रही। जब अपने आस-पास बर्फ के छोटे-छोटे टुकड़े गिरते हुए दिखते हैं तो वो जादुई पल होता है जिसको बस जिया जा सकता है। चाहे आपने कितनी भी बर्फबारी देखी हो लेकिन खड़ापत्थर की खूबसूरती कुछ अलग है। ऐसी ही खूबसूरत जगह पर हर किसी को आना चाहिए। जहाँ की खूबसूरती देखकर आप तारीफ किए बिना न रहे पाएंगे। खड़ापत्थर ऐसी जगह है जो हर किसी को कमरे से बाहर निकलने पर मजबूर कर देगी। खड़ा पत्थर मेरे लिए एक सुखद यात्रा रही। अब मेरे कई बेहतरीन और जेहन में भीतर तक समाये एहसास थे। हिमाचल की ये जगह घुमक्कड़ों के लिए बेहतरीन जगह है।
क्या आपने हिमाचल के खड़ा पत्थर की यात्रा की है? अपने सफर के अनुभव को शेयर करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
रोज़ाना वॉट्सऐप पर यात्रा की प्रेरणा के लिए 9319591229 पर HI लिखकर भेजें या यहाँ क्लिक करें।
ये आर्टिकल अनुवादित है। ओरिजनल आर्टिकल पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।