हिमाचल प्रदेश भारत के सबसे खूबसूरत राज्यों में से एक है जिसे प्रकृति का अनोखा वरदान प्राप्त है।प्राकृतिक रूप से सम्पन्न इस राज्य में देखने को बहुत कुछ है यहां की वादियां, नदियां,पहाड़, जंगल और यहां स्थित खूबसूरत और अनोखे मंदिर। यहां स्थित हर मंदिर का अलग इतिहास है और अलग आस्था और विश्वास है।यहां पर न जाने ऐसे कितने ही स्थान है जो अपनी खूबसूरती के साथ ही साथ एक इतिहास को समेटे हुए है।आज हम आपको हिमाचल के एक गांव के विषय में बताएंगे जो दो प्यार करने वालो के लिए किसी जन्नत से कम नहीं है।एक ऐसा गांव जहां स्वयं महादेव प्रेमी जोड़ों को आशीर्वाद देते है और उनकी रक्षा करते है तो आइए जानते है हिमाचल के इस अनोखे गांव के विषय में।
शांघर
एक प्रकृति प्रेमी के लिए शांघर किसी जन्नत से कम नहीं है।हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के सैंज घाटी में स्थित इस छोटे से गांव की खूबसूरती देखकर आप दंग रह जाएंगे।कुल्लू से 58 किलोमीटर की दूरी पर सैंज घाटी के सबसे आखिरी छोर पर बसे इस गांव की खूबसूरती का कोई जोड़ नहीं है।लगभग एक हजार से अधिक आबादी वाले शांघड़ गांव को उसके खूबसूरत घास के मैदान जोकि लगभग 228 बीघा में फैला हुआ है के लिए जाना जाता है।इसके इसी खूबसूरत और साफ मैदान के कारण ही इसे कुल्लू का खज्जियार कहा जाता है।आपको बता दें यहां साफ सफाई का इतना ध्यान रखा जाता है कि इस गांव में गंदगी फैलाने, शराब पीने, चमडे़ की बेल्ट पहनकर आने की सख्त मनाही है। कहते है इस गांव को महादेव का आशीर्वाद प्राप्त है यहां पर आए किसी भी शरणार्थी को खास कर प्रेमी जोड़ों की भगवान स्वयं रक्षा करते है।
शांघर के मुख्य आकर्षण
शंगचूल महादेव मंदिर
शंगचूल महादेव मंदिर शांघर के सबसे प्रमुख आकर्षण में से एक है।कहते है अज्ञातवास के समय जब पांडव यहां रूके थे तो कौरव उनका पीछा करते हुए यहां पहुंच गये थे। तब स्वयं महादेव ने उनकी रक्षा की उन्होंने कौरवों को यह कह कर लौटा दिया की मेरी शरण में आए हुए की रक्षा मैं स्वयं करता हूं।तभी से यहां पर आए हुए किसी भी शरणार्थी का कोई कुछ नही बिगाड़ सकता और तभी से यहां घर से भागे हुए प्रेमी जोड़े शरण लेने आते है।गांव वाले भी उनका खूब सत्कार यह कह कर करते है कि यह तो महादेव के अतिथि है।यहां तक की पुलिस या फिर उनके घर वाले भी उनका कुछ नही कर सकते।
बरशानगढ़ झरना
शांघर गांव से कुछ ही दूरी पर स्थित बरशानगढ़ झरना के दूधिए सफेद और स्वच्छ पानी को देखकर आप यकीनन मंत्रमुद्घ हो जायेंगे।चारो ओर से घिरे खूबसूरत पाइन के पेड़ो और पंक्षियो की चहचहाट आपके एकदम तरोताजा कर देगा। यहां का पानी इतना स्वच्छ और साफ है की आप चाहे तो इसे पी भी सकते है।अगर आप एक प्रकृति प्रेमी है और प्रकृति के बीच सुकून के कुछ पल बिताना चाहते है तो यह जगह आपके एकदम परफेक्ट है।
घास के मैदान पर सैर करे
शांघर गांव अपने खूबसूरत घास के मैदान के लिए जाना जाता है।228 बीघा में फैले इसके खूबसूरत घास के मैदान किसी कैनवास पर उकेरी हुई तस्वीर जैसी लगती है।जैसा की अपने फिल्मों में या किसी चित्रकार की पेंटिंग में देखा होगा।इसी खूबसूरत घास के मैदान के कारण इसे कुल्लू का खज्जियार या मिनी स्विजरलैंड कहा जाता है।आप यहां घंटो टहल सकते है,प्रकृति के बीच फोटोग्राफी कर सकते है।
घाटी में ट्रैकिंग का उठाए लुफ्त
अगर आप प्रकृति के बीच असली सुकून और शांति का अनुभव करना चाहते है तो आप इस खूबसूरत घाटी में ट्रैकिंग पर जा सकते है।यकीन मानिए प्रकृति की असली खूबसूरती क्या होती है आपको इस ट्रेक से पता चल जाएगा।ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क का हिस्सा होने के नाते यहां आपको हिमालय के अद्भुत नजारे देखने को मिलेंगे।यहां पर आप कई सारे छोटे छोटे ट्रेक अपने लिस्ट में जोड़ सकते है जैसे कि जंगों थैच,थिनी थैच और पुंड्रिक झील तक ट्रेक।
कब जाएं
वैसे तो तो इस खूबसूरत गांव में आप कभी भी जा सकते है अगर आप बर्फ में लिपटी हुई घाटी के सुंदर दृश्य देखना चाहते हैं तो आप यहां सर्दियों में जा सकते है और अगर आप खूबसूरत हरियाली भरे जंगल और मैदान का लुफ्त उठाना चाहते है तो आप यहां गर्मियों में जा सकते है।
शांघड़ कैसे पहुंचें
सड़क मार्ग से - मनाली से, ऑट टनल स्टॉप का विकल्प चुनें। यहां से सैंज के लिए लोकल बस या टैक्सी लें सकते हैं।
ट्रेन से - जोगिंदर नगर रेलवे स्टेशन पहुंचकर सैंज के लिए टैक्सी या बस लें।
हवाई मार्ग से - कुल्लू हवाई अड्डे पर पहुंचकर भंतर से टैक्सी या बस आपको सैंज ले जाएगी।
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