सैंज वैलीः हिमालय की गोद में छिपा एक और खूबसूरत नगीना

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Photo of सैंज वैलीः हिमालय की गोद में छिपा एक और खूबसूरत नगीना by Rishabh Dev

हर साल हम कहीं ना कहीं घूमने का प्लान बनाते ही हैं लेकिन आप जहाँ जाते हैं, भीड़ और शोर आपका पीछा नहीं छोड़ते हैं। आप जिस जगह का प्लान बनाते हैं उसी समय बहुत सारे लोग उसी जगह का प्लान बनाते हैं। ऐसे में आपको ज़रूरत है ऐसी जगह के बारे में जानने की जो खूबसूरत भी बहुत हो और जहाँ भीड़-भाड़ भी कम हो। अगर आप ऐसी जगह पर सच में जाना चाहते हैं हिमाचल की सैंज वैली के बारे में ज़रूर जान लें।

सैंज वैली चारों तरफ से खूबसूरत पहाड़ों और पेड़ों से घिरी हुई है। हरे-भरे पेड़ों और पहाड़ों के बीच साफ आसमान को देखने का एक अलग ही आनंद है। यहाँ पैदल चलने का उतना ही मज़ा है जितना ट्रेकिंग करने का। यहाँ आप शोरगुल से दूर प्रकृति को निहार सकते हैं। किसी ने क्या खूब कहा है कि इंसान की पूरी ज़िंदगी ही एक सफर है जिसमें हम एक जगह से दूसरी जगह पर सफर करते हैं। उसी सफर में आपको सैंज वैली को भी जोड़ लेना चाहिए।

हिमाचल प्रदेश में स्थित सैंज घाटी कुल्लू से 45 कि.मी. की दूरी पर है। हिमालय की गोद में बसी ये घाटी एक छिपा हुआ खज़ाना है। जो अभी तक लोगों की नज़र में नहीं आया है। यहाँ जीवन शांत, सरल और मन खुश कर देने वाला है। यहाँ आपको पहाड़ और हरियाली के अलावा ज़िंदादिली देखने को मिलेगी। यहाँ आने के बाद हर कोई यही कहता है, इस जगह पर मैं पहले क्यों नहीं आया?

सैंज घाटी में कई छोटे-छोटे खूबसूरत गाँव है। प्रकृति की अनोखी छटा यहाँ बेहद प्यारी लगती है। ये नेचर लवर और एडवेंचर प्रेमियों दोनों के लिए है। नेचर लवर यहाँ प्रकृति को निहार सकते हैं, चलते-चलते यहाँ के गाँव और लोगों से बात कर सकते हैं। जो पहाड़ पर चढ़कर ताज़ी हवा को महसूस करना चाहते हैं, वे ट्रेकिंग कर सकते हैं। सैंज वैली में आप बहुत कुछ कर सकते हैं।

क्या-क्या देखें?

1. सैंज गाँव

Photo of सैंज वैलीः हिमालय की गोद में छिपा एक और खूबसूरत नगीना 1/1 by Rishabh Dev

आप यहाँ के सैंज गाँव को देख सकते हैं। यहाँ की ताज़ी हवा लेकर ज़रूर खुशी होगी। यहाँ का वातावरण शांत और सुकून देने वाला है। यहाँ बहुत कम लोग आते हैं इसलिए ये जगह अभी हिमाचल की दूसरी जगहों जैसी नहीं है; यहाँ की सुंदरता प्राकृतिक और मौलिक है। यहाँ सुंदरता का कोई मोल नहीं लगाता। आप यहाँ ठहरकर खूबसूरती को निहार सकते हैं।

2. शांघड़

ये सैंज वैली में बसा एक बेहद खूबसूरत गाँव है जहाँ पर स्थानीय देवता शंगचुल महादेव का मंदिर है। यहाँ के बारे में एक किंवदंती भी है, कहा जाता है कि यहीं पांडवों अपना वनवास का समय गुज़ारा था। भगवान कृष्ण ने पांडवों से यहीं मुलाकात की थी। शांघड़ गाँव सैंज रोपा से तकरीबन 7 कि.मी. ऊपर बसा है। आप यहाँ टैक्सी से पहुँच सकते हैं, या फिर पहाड़ों में घने जंगल के बीच ट्रेक भी कर सकते हैं। शांघड़ में आपको घास का बेहद खूबसूरत मैदान मिलेगा। मैदान के किनारे देवदार के पेड़ों का झुरमुट मिलेगा, जिससे इस जगह की खूबसूरती देखते ही बनती है। अगर आप किस्मत वाले हैं तो यहाँ होने वाले मेलों को भी देख सकते हो।

3. पुंडरीक ऋषि झील

मैदान के ऊपर नेही में एक लेक है जिसे पुंडरीक ऋषि झील कहते हैं। ये लेक यहाँ के लोगों के लिए बेहद पवित्र है। इसलिए लेक के पानी को छूना मना है। हालांकि आप लेक के किनारे बैठकर उसकी खूबसूरती को देख सकते हैं। इस झील के बारे में स्थानीय लोग भांति-भांति कहानियाँ सुनाते हैं। आप यहाँ जाएँगे तो सुनने को ज़रूर मिलेंगी। शाम के समय ये झील और भी खूबसूरत लगती है।

4. ट्रेकिंग भी

सैंज घाटी से आप ट्रेकिंग पर भी जा सकते हैं। यहाँ का सबसे अच्छा ट्रेक है हिमालय नेशनल पार्क ट्रेक। नेशनल पार्क 1,170 वर्ग कि.मी. में फैला हुआ है। इस नेशनल पार्क में 830 से ज्यादा पौधों की प्रजातियाँ पाईं जाती हैं। इस पार्क की सबसे ज्यादा ऊँचाई समुद्र तल से 5,800 मीटर है। आप सैंज वैली आएँ और ट्रेकिंग करने का मन हो तो इस ट्रेक को कर सकते हैं। ये ट्रेक छोटा ज़रूर है लेकिन सरल बिल्कुल भी नहीं है। अगर आपने पहले ट्रेकिंग नहीं की तो ना ही करें।

5. वाटरफाॅल

इन सबके अलावा आप यहाँ के वाटरफाॅल का भी आनंद ले सकते हैं। जंगल के बीच वाटरफाॅल बेहद खूबसूरत लगता है। अगर आप चाहें तो यहाँ के झरनों के नीचे जाकर आनंद ले सकते हैं। इस घाटी के पार आपको बहुत सारे झरने दिखाई देंगे। वैसे भी कुल्लू घाटी तो वाटरफाॅल के लिए फेमस है ही।

कैसे पहुँचे?

सैंज घाटी के बारे में बहुत कम लोगों को पता है लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि यहाँ पहुँचना बहुत कठिन है। यहाँ आप आराम से पहुँच सकते हैं। वैसे ही जैसे हिमाचल प्रदेश की अन्य जगहों पर जाते हैं।

कार से

अगर आप खुद की गाड़ी से आना चाहते हैं तो ड्राइव करते हुए आ सकते हैं। दिल्ली से सैंज वैली की दूरी 480 कि.मी. है। आप चंडीगढ़ होते हुए शिमला और कुल्लू आइए। कुल्लू से सैंज वैली की दूरी सिर्फ 45 कि.मी. है। हालांकि ये विकल्प आपके लिए थोड़ा महंगा पड़ेगा।

बस से

कार के अलावा आप सैंज बस से भी पहुँच सकते हैं। दिल्ली से मनाली जाने वाली बस में बैठिए और मनाली में उतरिए। मनाली से आप टैक्सी लेकर सैंज वैली जा सकते हैं। अगर आप बस से ही सैंज जाना चाहते हैं तो बदलकर जाना होगा क्योंकि सैंज वैली के लिए कोई सीधी बस नहीं है।

फ्लाइट से

अगर फ्लाइट से जाना चाहते हैं तो सबसे नज़दीकी एयरपोर्ट कुल्लू-मनाली है। यहाँ से आप टैक्सी करके सैंज वैली जा सकते हैं। इस छोटे-से गाँव तक आप ट्रेन से नहीं पहुँच सकते हैं।

कब जाएँ?

वैसे तो आप सैंज वैली साल में कभी भी जा सकते हैं लेकिन बारिश के मौसम में जाने से बचें। उस समय रास्ते पूरी तरह से टूट जाते हैं और गाड़ी भी नहीं चलती हैं। ऐसे में जब आएँ तो बारिश के बारे में ज़रूर सोचें। अगर आप गर्मियों में आने की सोच रहे हैं मार्च से मई तक का समय सबसे बढ़िया है। सैंज घाटी में सबसे अच्छा समय सर्दियों का है। आपको तब बर्फ से ढके पहाड़ देखने को मिलेंगे। सर्दियों में दिसंबर से फरवरी जाने के लिए अच्छा टाइम है।

कहाँ ठहरें?

यहाँ ठहरने के लिए आपके पास ज्यादा विकल्प नहीं है क्योंकि यहाँ कोई होटल नहीं है। यहाँ ठहरने के लिए गेस्ट हाउस है जिसकी बुकिंग पहले से करानी होती है। गेस्ट हाउस सैंज नदी के किनारे है जिसमें 10 बेड, 5 डीलक्स कमरे और दो डोरमेट्री हैं। अगर आप बुकिंग कराते हैं तो एक रात के ₹500 हैं। अगर आप बुकिंग कराके नहीं आए हैं तब यहाँ के लोग आपकी मदद कर सकते हैं। आप होमस्टे में ठहर सकते हैं। आप स्थानीय लोगों से बात कर सकते हैं, लोकल फूड का आनंद भी ले पाएँगे।

सैंज घाटी हिमाचल की खूबसूरत जगहों में से एक है। आप यहाँ शांति और सुकून में कुछ दिन गुज़ार सकते हैं। अगर आप यहाँ आएँ तो कम से कम तीन दिन का समय निकालकर आएँ। तब ही आप यहाँ की खूबसूरत को समेटकर ले जा पाएँगे।

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