
आज हम आपको एक ऐसे खूबसूरत और रोचक मन्दिर के बारे में बताने जा रहें हैं जिसके बारे में बहुत से लोग अनभिज्ञ होंगे, मुझे उम्मीद है कि इस खूबसूरत मन्दिर के बारे में बहुत कम लोग जानते होंगे अपितु जानता ही नहीं होगा।
यह मन्दिर मध्य प्रदेश मन्दसौर जिले के एक छोटे से शिपाबरा गाँव के पास एक शांत और खूबसूरत स्थान पर स्थित है


यह खूबसूरत मन्दिर प्राचीन काल से ही अपनी पहचान बनाने का इंतजार करता आ रहा है पर इस गांव के सरकारी अधिकारियों का इस प्राचीन मन्दिर में अभी तक कोई भी हस्तक्षेप नहीं हुआ है यह बात बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। इसके बिपरीत बात की जाए तो समाज के कुछ शरारती तत्वों द्बारा इस मन्दिर को नुकसान भी पहुंचाया गया है। जैसा कि आप तस्वीर में देख पा रहें होंगे। इस मंदिर की महानता को देखते हुए हमारा कहना उचित ही होगा कि इस मन्दिर का पुनः निर्माण कार्य होना बहुत जरूरी है। इस प्राचीन धरोहर को बचाना बेहद ही जरूरी भी है।




शिपाबरा मन्दिर के पंडित रमेश शर्मा द्बारा बताया गया, इस मन्दिर के निर्माण होने के पीछे की एक खूबसूरत सच्ची कहानी भी है यही वो स्थान है जहांँ भोलेनाथ जी का भस्मासुर पीछा करते हुए यहाँ तक आए थे। और भोलेनाथ इसी स्थान पर भस्मासुर से छिपे हुए थे इसी प्रकार छिपने की बजह से ही शिपाबरा नाम उत्पन हुआ।
धीरे धीरे समय के साथ यहाँ पर एक छोटा सा गांँव बसा और इसी गाँव के किसी ठाकुर नाम के व्यक्ति को भोलेनाथ जी का स्वप्न हुआ। स्वप्न में भोलेनाथ ने इस स्थान पर मन्दिर का निर्माण करने को कहा और उस व्यक्ति ने अपनी पहुँच के अनुसार इस मन्दिर का निर्माण कराया। दुर्भाग्यपूर्ण इस मन्दिर का निर्माण निरंतर स्तर पर नहीं हो पाया।

इस शांत और एकांत स्थान पर बने मंदिर में पहुँचते ही मानो सभी प्रकार के चिंताए और थकान खत्म हो जातीं है। शहर से दूर बने इस स्थान पर आपको भी एक बार जरूर आना चाहिए।


इसी मन्दिर के प्रांगण से 100 नदियों का संगम भी हुआ है
एक छोर से 99 नदियाँ मिलके यहाँ की एक नदी से मिलती है
यह भी अपने आप में एक अभिसबसनिय है।
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जय भारत
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