आसमानी बिजली का रूप और मन्दिर का चमत्कारिक स्वरुप, जानना ना भूलें।

Tripoto
12th Jun 2021
Photo of आसमानी बिजली का रूप और मन्दिर का चमत्कारिक स्वरुप, जानना ना भूलें। by Sachin walia
Day 1

फ़िलहाल किसी तरह की गैर जरूरी यात्रा ना करें।
#stayhomestaysafe

रोचक जानकारी
दोस्तों आप सभी ने जमीन या पेड़ों पर आसमानी बिजली गिरती जरूर देखी होगी। पर हम आपको ये बताएं कि अगर यही बिजली जमीन और पेड़ों को छोड़ के एक मन्दिर पर गिरती है और उस मन्दिर पर इसका कोई असर नहीं होता है तो आपको सुनने में अटपटा सा जरूर लगेगा।

जी हाँ ये सच्ची घटना आज भी एक मन्दिर में होती आ रही है। और वह मन्दिर और कहीं नहीं बल्कि देव भूमि हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिला मे आज भी अपना अस्तित्व बनाये हुआ है। यह मन्दिर कुल्लू की हसीन वादियों मे स्थित है। इस रहस्यमयी स्थान को बिजली महादेव के नाम से जाना जाता है। जिसकी गुत्थी आज तक कोई नहीं सुलझा पाया। पूरे भारत मे ये ही एक अनोखा मन्दिर है जिसमें बिजली गिरती है। इसलिए यह मन्दिर बिजली महादेव के नाम से विख्यात हुआ। यह मन्दिर कुल्लू घाटी पर स्थित है। और रोचक बात यह है कि इस घाटी का आकार एक विशाल सांँप के रूप में है मान्यता है कि इस सांँप का बध स्वयं भगवान शिव ने किया था।  यह मंदिर घाटी के ब्यास और पार्वती नदी के संगम के पास एक ऊंचे पर्वत के ऊपर बना हुआ है.

बिजली महादेव मंदिर मे चमत्कारिक तरीके से गिरती आसमानी बिजली

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बिजली महादेव मंदिर के भीतर में उसी शिवलिंग के दर्शन जिसमें हर बारह साल मे आकाशिय बिजली गिरती है

Photo of आसमानी बिजली का रूप और मन्दिर का चमत्कारिक स्वरुप, जानना ना भूलें। by Sachin walia

इतिहास और उसके आश्चर्यजनक कर देने वाले रहस्य
बिजली महादेव मन्दिर की बात की जाए तो बिजली महादेव मंदिर के अंदर एक प्राचीन समय का शिवलिंग है बिजली महादेव मंदिर में हर बारह साल बाद ऐसी ही आकाशीय बिजली गिरती है। अचंभित कर देने वाली बात करें तो ये बिजली मन्दिर को नुकसान किए बिना सीधे मन्दिर के अंदर विराजमान शिवलिंग के उपर ही गिरती है। और शिवलिंग के अनेकों अखंडित टुकड़े होकर आस पास के क्षेत्रों मे गिरते है। और उसी मन्दिर मे रह रहे पुजारी को स्वप्न मे उन शिवलिंग के अखंडित होने के बारे मे पता चलता है कि कहांँ कहांँ वह अखंडित होकर गिरे हैं और उन्हीं अखंडित टुकड़ों को इकट्ठा करके माखन से उसी शिवलिंग मे जोड़ा जाता है और हैरानी की बात यह है कि कुछ ही दिनों में वही शिवलिंग ठोस रूप में पहले की भांति पूर्ण रूप मे आ जाता है।

शिव द्बारा इंद्र देव से बिजली गिराने का आग्रह
दिलचस्प बात तो यह है कि शिवलिंग पर बिजली गिराने को भगवान शिव ने स्वयं इंद्र देव को कहा था। महादेव ने ऐसा इसलिए बोला ताकि वो अपने भक्तों के कष्टों को हर सके। हर साल यहां भादो के समय में बहुत बड़ा मेला लगता है। कहा जाता है कि महादेव अपने भक्तों के कष्टों को आकाशिय बिजली के द्वारा अपने ऊपर ले लेते हैं बहुत कम लोगों को मालूम है कि कुल्लू का इतिहास भगवान शंकर से भी जुड़ा है. यहां की प्रचीन मंदिर ‘बिजली महादेव’ शिव भक्तों के लिए आस्था का केंद्र भी है। यह मंदिर घाटी के ब्यास और पार्वती नदी के संगम के पास एक ऊंचे पर्वत के ऊपर बना हुआ है। इस बार ये अद्भुत घटना 10 जून 2021 में घटित हुई है। कुल्लू का पूरा इतिहास इस मन्दिर से जुड़ा हुआ है।

बिजली महादेव मन्दिर के प्रांगण में लगे विशाल त्रिशूल के दर्शन

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यहांँ पर आऐं कैसे
दिल्ली से बिजली महादेव का मन्दिर 500 किलोमीटर की दूरी पर है। आप दिल्ली से कुल्लू के लिए बाइ बस और कुल्लू से टेक्सी के माध्यम से भी बिजली महादेव मंदिर परिसर मे पहुंच सकते हैं।
हर साल यहां दूर दूर से श्रद्धालु आते है। और भगवान बिजली महादेव का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। और यहां आने वाले के दुःख तकलीफों को दूर करते हैं। कुल्लू से बिजली महादेव मात्र 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।  चौपहिया वाहन बिजली महादेव मन्दिर से मात्र 4 किलोमीटर पहले पार्क करने पड़ते है। इसके आगे 4 किलोमीटर आपको पैदल यात्रा करने पड़ती है। इसी छोटी सी पैदल यात्रा मे आपको बादलों से गिरे ऊंचे ऊंचे खूबसूरत पहाड़ों को करीब से निहारने का मौका भी मिलता है। और तरोताजी चलने वाली हवा मन को मोह लेती है।

तो दोस्तों कैसी लगी मेरी बिजली महादेव मंदिर के बारे महत्वपूर्ण जानकारी। अपनी राय जरूर कमेंट बॉक्स में दें। हम अपना अनुभव और महत्वपूर्ण जानकारियां आपको ऐसे देते रहेंगे। तब तक मुझे अपना प्यार भरा सम्मान देने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया।

जय भारत