इस मंदिर में जाने वाला है पुरुष बन जाता है स्त्री जानिए कैसे/ story of kottankulangara temple....

Tripoto
Photo of इस मंदिर में जाने वाला है पुरुष बन जाता है स्त्री जानिए कैसे/ story of kottankulangara temple.... by nomadic_mahendra
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आज में आपको विशेष मन्दिर के बारे में बताने जा रहा हूँ इस मंदिर में जाने के वाला हर पुरुष स्त्री बन जाता है! हम सभी जानते हैं कि हिंदू धर्म करने के अधिक महत्व नियमनुसार पुजा करने का है इसमें महिलाओं से जुड़े भी कुछ नियम है जैसे- मासिक के दिनों में पुजा ना करना या इस दौरान मन्दिर में प्रवेश ना करना आदि! मासिक धर्म होने के कारण परम्परागत रूप से महिलाओं को अशुद्ध माना जाता है किसी भी विशेष पुजा में बैठना निषेध है इसी तरह कई ऐसे प्रसिद्ध मन्दिर है जहाँ महिलाओं का प्रवेश वर्जित है या उनके प्रवेश के विषेश नियम है जबकि पुरुषों के बारे में शायद ही सुना हो ! हम यहाँ एक ऐसे मन्दिर के बारे में  बताने जा रहे हैं जहाँ पुरुष रुप में पुरुषों का प्रवेश वर्जित है और मन्दिर के अहाते में जाने के लिए उनको महिला बनना पडेगा आप एक बार चौक जायेंगे पर यह सत्य है ..

केरल में एक ऐसा मन्दिर है जो विषेश रुप से पुरुषों के लिए उनकी मनोकामनाएं पुर्ण करने वाला माना जाता है! लेकिन उन्हीं का प्रवेश वर्जित है .
हम यहाँ केरल के कोट्टंकुलगारा श्री देवी मंदिर की बात कर रहे हैं क्षेत्रिय निवासियों में इस मंदिर की बहुत मान्यता है! हर वर्ष यहाँ एक त्यौहार चम्पाविलाकु आयोजित किया जाता है,
स्थानीय लोगों के अनुसार इस समय जो भी पुरुष सच्चे दिल से देवी की पुजा करता है उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती है लेकिन पुरुष के प्रवेश की शर्त यह है कि उसे पुरुष से महिला बनना पड़ता है जी हाँ, बिलकुल सही सुना इस मंदिर में किसी भी पुरुष का प्रवेश वर्जित है पर केवल तभी मंदिर के अन्दर जा सकता हैं जब पुरी तरह महिलाओं का वेश धारण करे इसके लिए मंदिर परिसर में एक अलग कोना है जहाँ कपड़े और मेकअप की व्यवस्था है! मंदिर में प्रवेश से पूर्व सभी पुरुष साड़ी और गहने ही नहीं पहनते बल्कि पुरा सोलह श्रंगार करते हैं ऐसा भी नहीं है इसके कारण पुरुष यहाँ जाने से बचते हैं बल्कि इस उत्सव के दौरान बड़ी संख्या में पुरुष यहाँ की विशेष पुजा में भाग लेते हैं! मंदिर के विषय में बहुत अधिक जानकारी तो नहीं है
लेकिन मान्यताओं अनुसार यह कई वर्ष पूर्व यहाँ कुछ चरवाहों ने पत्थर की फुल से पुजा की थी  जिससे यहाँ एक दिव्य शक्ति प्रकट हुई थी इसके बाद ही इस स्थान को मंदिर का रुप दे दिया गया था
यह केरल अकेला ऐसा मंदिर है जिसका कोई छत नहीं बनी है.
एक और कथा अनुसार मंदिर में स्थापित देवी की मुर्ति खुद हर वर्ष बढती है!

काफी समय पुर्व कुछ लोगों ने यहाँ एक पत्थर पर नारियल फोड़ा था लेकिन असामान्य रूप से खुन निकला था इसके बाद से इस जगह को मंदिर का रुप दे दिया गया..!!!!!

...!!क्या आप इस मंदिर में दर्शन करने जाना चाहोगे हमें जरूर बताएं!!...

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