सुबह सबसे पहला काम ताबो में मौजूद 1000 साल पुरानी 10,000 फ़ीट पर मौजूद बुद्ध का सबसे पुराना मठ घूमना है। यहाँ पर सम्भाल कर रखे गए चित्र, मूर्तियाॅं और यहाँ की नक्काशी के कारण इसे 'अजन्ता ऑफ़ हिमालय' भी कहलाता है। जितना ज़्यादा यह ख़ूबसूरत है उतना शायद ही कोई और मठ हो। ताबो घूमने के बाद आप क़ाज़ा के लिए निकले। इस सफ़र का हर मोड़ आपको एक नया नज़ारा दिखाएगा, जिसको आप ज़िन्दगी में कभी नहीं भूलोगे।
रास्ते में थोड़ा आगे जाते ही ‘धनकर मठ’ पड़ेगा जहाँ पर दो मठ है एक पुराना और दूसरा नया। इस मठ को स्पीति वैली का सबसे पुराना मठ भी माना जाता है। यहाँ पर ऊपर के तरफ़ धनकर झील है जो साल के ज़्यादा समय तो बर्फ जमी ही रहती है। ये सब देखने के बाद क़ाज़ा के लिए निकले। क़ाज़ा जाते वक्त रास्ते में आप बर्फ से जमे पानी के झरने और पिट वैली देख सकते हैं। ऐसी जगह आपको पूरे भारत में और कहीं नहीं मिल सकती है। क़ाज़ा पहुँच जाने के बाद आप क़ाज़ा घूम सकते हैं।
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