चन्ना कृष्णप्पा नाइक द्वारा 11वीं शताब्दी में स्थापित हासन शहर कर्नाटक के हासन जिले का मुख्यालय है। स्थानीय देवी हासनअम्बा के नाम पर नामित यह जिला कर्नाटक की स्थापत्य कला की राजधानी है। होयसाल राजाओं की समृद्ध संस्कृति को पूरे जिले में देखा जा सकता है।
11वीं से 14वीं शताब्दी के बीच होयसाल वंश ने तत्कालीन राजधानी द्वार समुद्र से शासन किया। हासन जिले में हालेबिद के आसपास आज भी अवशेष देखे जा सकते हैं। हलाँकि इस वंश के शासक जैन धर्म के अनुयायी थे लेकिन पूरे क्षेत्र में भगवान शिव के मन्दिर फैले हैं। अपने ऐतिहासिक महत्व के लिये जाना जाने वाला हासन अब एक शहर है जो बड़ी तेजी से विकसित हुआ है।
यह 157000 लोगों की जनसंख्या के साथ 26.5 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला है।
शहर के बारे में कुछ तथ्य
हासन जिला मलनाड और मौदान इलाके में पड़ता है और पूरे क्षेत्र में बहुत ही मनमोहक जलवायु होती है। हासन शहर में गुनगुनी सुबहें और शामें ठंडी होती हैं। राजधानी शहर बैंग्लोर से 187 किमी की दूरी पर यह शहर 79 प्रतिशत साक्षरता के लिये गर्व करता है और यहाँ पर मलनाड कॉलेज ऑफ इन्जीनियरिंग, श्री धर्मस्थला मन्जूनाथ कॉलेज ऑफ आयुर्वेद आदि जैसे सर्वश्रेष्ठ स्कूल और कॉलेज स्थित हैं।
हलाँकि यहाँ की आधिकारिक भाषा कन्नड़ है लेकिन अंग्रजी और हिन्दी में संवाद असमान्य बात नहीं है। कृषि यहाँ का मुख्य व्यवसाय है और अर्थव्यवस्था का प्रमुख हिस्सा है। इसके साथ-साथ मैसूर मिनरल्स के माध्यम से क्रोमाइट खनन भी अर्थव्यवस्था में भागीदार होता है।
हासन भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) के मास्टर कन्ट्रोल सुविधा का मुख्यालय है।
हासन कैसे पहुँचें
हासन सड़क और रेल मार्गों से आसानी से पहुँचा जा सकता है और यह शहर राज्य के अन्य भागों से भली-भाँति जुड़ा है। निकटतम हवाईअड्डे मैंग्लोर (115 किमी) और बैंग्लोर (187 किमी) में स्थित हैं इसलिये इस शहर तक पहुँचना बहुत आसान है।
हासन और इसके आसापास के आकर्षण – हासन के पर्यटक स्थल
हासनअम्बा मन्दिर क्षेत्र की स्थानीय संस्कृति को भव्यता से प्रदर्शित करता है और तीर्थयात्रियों तथा पर्यटकों में समान रूप से लोकप्रिय है।
बेलूर, हालेबिद, श्रवणबेलागोला और गोरूर बाँध कुछ लोकप्रिय पर्यटक स्थल हैं। हासन शहर में ठहरने में कोई परेशानी नहीं होती क्योंकि यह अपने 3 सितारा से लेकर 5 सितारा होटलों की क्षमता के कारण भारी संख्या में आने वाले पर्यटकों को समाहित करने में सक्षम है। अगर आप कर्नाटक राज्य के इतिहास और संस्कृति के बारे में जानने की इच्छा रखते हैं तो आपको हासन ही आना चाहिये