बिना बारिश पोलो फॉरेस्ट

Tripoto
Day 1

आपने कभी सोचा है बिना बारिश पोलो फॉरेस्ट की यात्रा कैसी रही होगी। चलो सुनाता हूं । हम तीन फ्रेंड्स रात को सोचते है पोलो फॉरेस्ट जाने का और हमारी यात्रा शुरू होती है सुबह को मोरबी से हम मोरबी से अहमदाबाद ट्रेन से जाते है जो कि वाया वांकानेर होके जाती है आपको वांकानेर से ट्रेन बदलनी पड़ती है और आप डायरेक्ट बस से भी जा सकते है।
अहमदाबाद पहोंचने के बाद हमने पहले से ही सोच रखा था कि वहां से हमें सेल्फ ड्राइव कार करके जाना है जो कि आपको अहमदाबाद में आसानी से मिल जाती है और वह भी कम किराए में। वहां से कार लेकर हम चल पड़े पोलो फॉरेस्ट की और। करीब अहमदाबाद पहुंचते ही हमें दोपहर ११ बज चुके थे हमें रात से पहले पोलो फॉरेस्ट पहुंचना था और हम तीनों फ्रेंड्स ने ये सोच के रखा था कि रात पोलो फॉरेस्ट में बिताएंगे पर खुदा क्या चाहता है वह आप की सोच से परे है आगे देखिए क्या होता है आप खुद ही समझ जाएंगे। हम को रात से पहले पहुंचना था तो हमने खाना खाने का सोचा ही नहीं बस सीएनजी फीलिंग करके निकल पड़े अपने मुकाम की और। बाद में यह पेट तो किसी की सुनता नहीं तो खाना खाने के लिए रुकना ही पड़ा। अहमदाबाद से निकल कर हम वाया गांधीनगर होके वाया वीजापुर होके पहुंचे हिम्मतनगर। हमको सब घूमना था पर एक गोल था कि रात से पहले पोलो फॉरेस्ट पहुंचना ही है तो कहीं पे रुके बिना ही हम निकल पड़े इडर होके विजयनगर रोड की और रास्ते में गीत गाते बजाते चलते चलते दिमाग से निकल ही गया कि गाड़ी हमारी सीएनजी है और जंगल में सीएनजी नहीं मिलता तो आगे पोलो फॉरेस्ट म घुसने से पहले एक पेट्रोलपंप आता है जहां से रास्ता खेडब्रहमा की और जाता है वहां पे पेट्रोल तो पुराया पर फिर भी किसी को पता नहीं था कि जंगल कितना है और हम कोई रिस्क लेना नहीं चाहते थे तो वहां पूछा कि यहां कहीं सीएनजी अवेलेबल है तो वह बोले आपको खेडब्रह्मा जाना होगा तो निकल पड़े उस और जो कि २० किमी होता है। वहां पहुंचकर पहले सीएनजी भराया बाद म वहां के लोकल को पूछा कि रात में पोलो फॉरेस्ट जा सकते है जो कि हमको पता ही नहीं था तो उसने कहा आपका वहां रात को रुकना जोखिम से खाली नहीं है तो फिर अपना प्लान कैंसिल करके हम ने वही रात रहने का ठीक समझा। और वहां अंबाजी मंदिर में रात रुक गए और खॆडब्रह्मा का प्रसिद्ध ब्रह्माजी मंदिर जो कि पूरी दुनिया में दो ही है वहां दर्शन करके सुबह को निकल पड़े पोलो फॉरेस्ट।
अब हम जा रहे थे पोलो फॉरेस्ट बिना बारिश कि सीजन में इसलिए हमको रास्ते में कोई नहीं दिखाई दे रहा पर कोई बात नहीं एडवेंचर इसको ही कहते है। पर एक बात समझ में आई कि भगवान आपका साथ जरूर देता है जो कि हमको खॆडब्रह्मा ने रूकने को मजबूर किया। वहां घूमकर बहोत फोटोस निकाल कर प्राकृतिक आनंद लेकर और हिरण नदी के ऊपर बने डेम देखकर, पोलो में सबसे ज्यादा मजा कार ड्राइविंग का है जो कि आप कहीं और नहीं ले सकते।
वैसे बिना सीजन जाओ तो कोई डिस्टर्बेंस नहीं होता तो आप अच्छी तरह घूम सकते हो। करीब ४-५ घंटे घूमने के बाद हम निकले वापिस अहमदाबाद जाने को वैसे हमे वो सब घूमना था जो कि हम पहले छोड़ चुके थे। सो पहले गए वहां से डायरेक्ट हम महुडी जो कि बहुत ही बड़ा जैन तीर्थ है और वहां की सुखडी पूरी दुनिया में प्रख्यात है। वहां दोपहर का भोजन लेकर निकल पड़े गांधीनगर कि और जो कि गुजरात का कैपिटल है और पूरे भारत में ग्रीनसिटी के नाम से प्रसिद्ध है पूरा डिज़ाइन करके बनाया गया सहर और बहुत ही साफ सुथरा है जैसे कि आप कहीं विदेश घूम रहे हो ऐसा लगता है। वहां पे हम गांधी म्यूजियम महात्मा मंदिर में गए जो कि बेहतरीन से भी ऊपर उठकर है।
बाद में गांधीनगर को अलविदा कर के निकल पड़े अहमदाबाद, वहां पहुंचकर गाड़ी वापिस कि क्युकी हमें रात कों ट्रेन पकड़कर वापिस मोरबी पहुंचना था पर वो भी नहीं कार पाए और बस में हमे मोरबी आना पड़ा जो कि रात को बारह बज गए घर पहुंचते पहुंचते।

आप नीचे दी हुई लिंक्स से और फोटोस और विडियोज देख सकते है।

https://youtu.be/zaWQGhcvc98

Photo of Polo Forest, Vijayanagar, Gujarat, India by Shyam Maradiya
Photo of Polo Forest, Vijayanagar, Gujarat, India by Shyam Maradiya
Photo of Polo Forest, Vijayanagar, Gujarat, India by Shyam Maradiya