दुनिया की सबसे अद्भुत जगहों में अगर हिमालय को सबसे पहले नंबर पर रखा जाए तो इसमें कोई हैरानी की बात नहीं होनी चाहिए। इससे ज़्यादा विशाल, विचित्र और महिमा-मई जगह शायद ही आपको दुनिया में कहीं मिलेगी। पर हिमालय सिर्फ़ अपने आकार की वजह से हिमालय नहीं कहलाता और ना ही तो इसके आयाम सिर्फ़ दिखावे तक सीमित हैं। हिमालय तो सदियों से यहाँ रह रहे लाखों-करोड़ों लोगों का वो विश्वास है जो यहाँ की कहानियों में बसता है, दिखता है। विश्वास - जो जादुई और अलौकिक दुनिया का मेल है, कोई सीमा ना जानते हुए भी प्रकृति के अधीन है और शायद विशालकाय हिमालय के साथ-साथ यहाँ पर जीवन का भी असली आधार है।
ये गांव है डियाऊगी। बागा सराहन के बाग से कुछ एक किलोमीटर नीचे।
घर के अहाते में पत्थर बिछे दिख रहे हैं ? गांव में बावरे बंजारे होमस्टे के होस्ट बाबा चेतराम कैथ बताते हैं कि किसी जमाने में ये पत्थर मुजरिमों को सज़ा देने के काम आते थे। मतलब इन भारी पत्थरों को दोषी के सर पर रखकर उसे खड़ा कर दिया जाता था। तब तक जब तक के लिए सजा मुकर्रर होती थी। माने मृत्युदंड भी इन्हीं पत्थरों के बोझ के जरिए दिया जाता था।

और इस घर के आगे ये पेड़ देख रहे हैं - पांडवों का लगाया हुआ है। ऐसा गांव वाले बताते हैं। पांडवों ने अपने अज्ञातवास के दौरान इस पेड़ को लगाया था, कुछ 35-36 साल पहले ये पेड़ बिजली गिरने से ध्वस्त हो गया था। आज देखिए, कैसे इतिहास के सरोकारों को ज़िंदा किए बैठा है।
यहीं पेड़ के बगल में हमारा होमस्टे है। आईये, चाय पिलाएंगे और बाबा चेतराम कहानियां सुनाएंगे। बगल में एक गुफ़ा है - इस से एक वॉटरफॉल निकलता है।
बागा सराहन आने के लिए ज़रूरी जानकारी ये रही: http://bit.ly/2UN7hW7