कनॉट प्लेस के सिंधिया हाउस से दिल्ली दर्शन के लिए बस मिलती हैं. पर उस के पीछे एक गली में आप को स्वाद के ऐसे दर्शन हो सकते हैं, जिस का जायका आप कभी नहीं भूल पाएंगे. नाम है भोगल के छोले भटूरे. और वाकई क्या छोले भटूरे हैं. वहां जमा हुए लोगों की भीड़ बता देगी कि इंसान की नाक कितनी तेज होती है जो अपनी पसंद के खाने की खुशबू को ढूंढ़ ही लेती है.
वैसे तो छोले भटूरे एक भारतीय स्नैक की श्रेणी में आता है, पर यह अपने आप में पूरा मील होता है और वह भी हैवी वाला. पेट भर जाता है, पर मन नहीं भरता. यह बात भोगल के छोले भटूरे पर खरी उतरती है.
यहां के छोले प्लस पॉइंट हैं और जब उस प्लेट में एक कोफ्ता (यह कौंबिनेशन शायद ही कहीं और मिलेगा), कचालू का अचार और प्याज के लच्छे रखे हों तो भूख अपने आप बढ़ जाती है.
कुछ लोग इन्हें स्पाइसी कह सकते हैं, पर यह तीखापन भी जीभ को चटकारे लेने पर मजबूर कर देता है. भूरे रंग के फूले, गद्देदार 2 भटूरे तो सोने पर सुहागा ही होते हैं. उन की बनावट ही देखने लायक होती है.
इस दुकान के आसपास साफसफाई का काफी खयाल रखा जाता है और यह सुबह के 10 बजे से शाम के साढ़े 4 बजे तक दुकान खुली रहती है. वैसे, यहां पर मटर कुलचे और छोले चावल का स्वाद भी लिया जा सकता है.
-सुनील शर्मा




