अगर आप राजस्थान के अजमेर जाने का विचार कर रहे है। इस किले मै ज़रूर जाए। यह भारत के सबसे पुराने किलो में से एक जिसका नाम तारागढ़ का किला है ।इसे 'राजस्थान का जिब्राल्टर राजस्थान की कुंजी भी कहा जाता है। इस किले का निर्माण 11 वीं सदी में अजय पाल चौहान ने करवाया था। जिससे वे अपने किले की रक्षा तुर्को व विदेशियों से कर सके। किले में एक प्रसिद्ध दरगाह और 7 पानी के झालरे भी बने हुए हैं। तारागढ़ अजमेर में तीन मुख्य द्वार हैं जो इसके अंदर प्रवेश की अनुमति देते हैं। इन द्वारों को लक्ष्मी पोल, फूटा दरवाजा और गगुड़ी की फाटक के नाम से जाना जाता है। इस के कुछ भाग का निर्माण कुंवर पृथ्वीराज ने करवाया था। जिससे उसने अपनी पत्नी के नाम पर इसका नाम तारागढ़ रखा।अजमेर शहर के दक्षिण-पश्चिम में अढ़ाई दिन के झोपड़े के पीछे स्थित यह दुर्ग तारागढ की पहाडी पर 700 फीट की ऊँचाई पर स्थित हैं।लोक संगीत में इस क़िले को गढबीरली भी कहा गया हैं। तारागढ़ क़िला जिस पहाडी पर स्थित हैं उसे बीरली कहा जाता हैं इसलिये भी इसे लोग गढबीरली कहते हैं। यहाँ एक मीठे नीम का पेड़ भी है। अगर आप किले के अंदर फोटोग्राफी करना चाहते हैं तो आप बिना किसी अनुमति के यहां फोटोग्राफी कर सकते हैं ओर अपने कैमरों में एक समृद्ध इतिहास को कैद कर सकता है।