रामनगर वाराणसी की एक तहसील है जो की गंगा नदी के पूर्वी तट पर है और यह जगह शहर से ज्यादा दूर भी नहीं है यहाँ आप रामनगर का किला , दुर्गा माता का मन्दिर , गंगा का घाट , पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री लाल बहादुर शास्त्री जी का पैतृक आवास देख सकते है और रामनगर के किले के समीप स्थित शिव प्रसाद लस्सी भण्डार , द्वारका लस्सी भण्डार की लस्सी का स्वाद भी ले सकते है |
आज की इस की पोस्ट में हम जानेंगे की रामनगर का किला किसने और कब बनवाया यहाँ की टिकट प्राइस क्या है इसके अलावा रामनगर में अन्य घूमने की जानकारी पर भी हम लोग बात करेंगे एक बात और बताऊ यह रामनगर का किला तुलसी घाट के सामने गंगा के दूसरे तट पर है |
रामनगर वाराणसी
सबसे पहले तो ये जान लो ये रामनगर वाराणसी में ही है और इस जगह का सबसे बड़ा आकर्षण है यहाँ बना हुआ किला जो की अत्यंत भव्य है तो फिर से आपको बता दू की रामनगर उत्तर प्रदेश के शहर बनारस या वाराणसी की एक तहसील है और बनारस हिंदी विश्वविद्यालय से रामनगर किले की दूरी लगभग दो किलोमीटर ही होगी |
यदि आप इतिहास को पसन्द करते है तो बनारस का रामन गर का किला आपको जरूर पसंद आएगा इसके अलावा रामनगर वाराणसी में आपको पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री लाल बहादुर शास्त्री जी का पैतृक आवास भी देखना चाहिये जहाँ पर शास्त्री जी से सम्बन्धित बहुत सी जानकारी आपको मिलेगी |
अब हम आपको रामनगर वाराणसी में घूमने फिरने और खाने पीने की जानकारी देने जा रहे है -
रामनगर का किला
रामनगर वाराणसी में स्थित रामनगर का किला एक बेहतरीन पर्यटन स्थल है यह किला गंगा नदी के किनारे पर बलुआ पत्थर से बना हुआ है |
रामनगर का किला किसने और कब बनवाया
अब बात करते है की रामनगर वाराणसी में स्थित यह भव्य किला किसने बनवाया तो जानिए यह किला वाराणसी के राजा द्वारा बनवाया गया था सन 1750 में काशी नरेश बलवन्त सिंह ने रामनगर का किला बनवाया था इस किले में अब भी काशी नरेश के परिवार के लोग रहते है |
रामनगर के किले की टाइमिंग और प्रवेश शुल्क
अगर हम रामनगर के किले की टाइमिंग की बात करे तो यह किला पर्यटकों के लिये रोजाना सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक खुला रहता है |
अब यदि हम यहाँ के टिकट की बात करे तो रामनगर के किले का प्रवेश शुल्क भारतीय वयस्क के लिए 75 रूपये प्रति व्यक्ति और विदेशी पर्यटकों के लिये 200 रूपये प्रति व्यक्ति है वही छोटे बच्चो 5 से 12 साल तक के लिए टिकट मात्र २० रूपये की है एक बात और यह टिकट रामनगर किले के संग्रहालय और भीतरी परिसर की है यदि आप संग्रहालय देखना नहीं चाहते तो आप किले के बाहरी परिसर को निशुल्क देख सकते है |
इतिहास रामनगर के किले का
महाभारत में आपने एक नाम सुना होगा वेद व्यास का इनका रामनगर वाराणसी से खास सम्बन्ध है क्यूंकि वेद व्यास जी यही रहते थे और यही तप किया करते थे वेद व्यास जी के लिए ही इस किले का निर्माण करवाया गया था किले के अन्दर आज भी आपको वेद व्यास जी का मन्दिर दिखाई देता है इस किले में आज भी शाही परिवार निवास करता है |
किले में क्या क्या देखे
सबसे पहले तो प्रवेश द्वार पर आपको रामनगर के किला का भव्य प्रवेश द्वार और इस द्वार के दोनों और रखी तोप दिखाई देंगी जो की देखने में बहुत ही भव्य लगता है अब आप इस प्रवेश द्वार से अन्दर आओगे तो एक विशाल परिसर दिखाई देगा इस परिसर में भी आपको तोप दिखाई देती है यह परिसर देख लीजिये इसके बाद यदि आप रामनगर के किले का संग्रहालय और भीतरी परिसर देखना चाहते हो तो टिकट लेकर संग्रहालय में आ जाइये |
सरस्वती भवन रामनगर के किल का संग्रहालय
इस संग्रहालय को सरस्वती भवन भी कहा जाता है यह संग्रहालय इतिहास में रूचि रखने वालो को पसंद आएगा आपको इस संग्रहालय में विन्टेज कारे , पुरानी बंदूके , कुर्सियां , पालकी , सोने के गहने , कई पांडुलिपियाँ , किताबे , धार्मिक ग्रन्थ , तलवारे आदि देखने को मिलेगा तो आप यहाँ जरूर आये और अपने देश के इतिहास को पास से देखे |
किले के अन्दर एक दीवाल पर विशाल खगोलीय घडी लगी है जो की समय दिन सप्ताह वर्ष महिना के साथ साथ ग्रहों चन्द्रमो की खगोलीय स्थिति भी बताती है |
किले अन्दर आप वेद व्यास मन्दिर , दक्षिण मुखी हनुमान मन्दिर के भी दर्शन करे और साथ ही साथ किले से गंगा नदी के तट पर आकर थोडा समय व्यतीत करे गंगा नदी के तट से रामनगर का किला बहुत ही भव्य दिखाई देता है | हाथी गेट के समीप ही गंगा घाट जाने का रास्ता है जो की एकदम सुरंग जैसा रास्ता है जैसी ही यह सुरंग ख़तम होगी आपको माँ गंगा का एक शानदार व्यू मिलेगा यही पर रामेश्वर मंदिर भी है और व्यास मंदिर भी है तो आप रामनगर का किला देखने जरूर आये |
दुर्गा माता मन्दिर
वैसे मै तो इस मन्दिर में जा नहीं पाया था लेकिन आप लोग जरूर जाए यह रामनगर के किले से महज 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है इस मन्दिर की बनावट कुछ कुछ खजुराहो के मन्दिर की तरह है इस मंदिर का गर्भगृह तो शाही परिवार के लिए ही खोला जाता है लेकिन आप मन्दिर के दर्शन कर सकते है यह एक भव्य मन्दिर है दुर्गा मंदिर के सामने ही एक तालाब है और यहाँ भी साफ़ सफाई का अभाव है |
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पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री लाल बहादुर शास्त्री जी का पैत्रक आवास
यह एक ऐसा स्थान है जहाँ बहुत ही कम लोग जाते है ज्यादातर को पता ही नहीं होता है कि रामनगर वाराणसी में हमारे देश के ईमानदार प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री लाल बहादुर का पैतृक आवास भी है रामनगर के किले से जब आप शास्त्री चोक की तरफ जाओगे तब आपको शास्त्री चोक पर एक बैनर लगा दिखाई देगा बस उसी पतली गली से होकर रास्ता जाता है शास्त्री जे के घर का आपको थोडा सा पतली पतली गलियों में पैदल चलना होगा |
शास्त्री जी के पैत्रक गृह को आज एक संग्रहालय में बदल दिया गया है और इस संग्रहालय का नाम लाल बहादुर शास्त्री स्मृति भवन संग्रहालय है यहाँ आपका स्वागत होगा लाल बहादुर की प्रतिमा से फिर आप रिसेप्शन पर जाकर अपना नाम पता लिख दे यह संग्रहालय निशुल्क है मतलब कोई टिकट नहीं अब आप आइये और अपने चप्पल जूते उतार दे और देखिये श्री लाल बहादुर शास्त्री जी से जुडी तमाम वस्तुओ को सबसे पहले आप जायेंगे कक्ष संख्या १ में जहाँ आपको शास्त्री जी के जीवन से जुडी हुई कई फोटोज दिखाई देती है |
अब आप कक्ष संख्या 2 में जाये जो की शास्त्री जी का मीटिंग रूम था इस रूम में शास्त्री जी के माता पिता की तस्वीरे लगी है अब आगे एक आँगन है जिसमे शास्त्री जी की पत्नी श्रीमती ललिता शास्त्री की एक प्रतिमा लगी हुई है अब आइये कक्ष संख्या ३ में जो की ललिता शास्त्री जी कक्ष था अब आइये कक्ष संख्या ४ में जो की रसोईघर है कक्ष संख्या ५ मूल आवास है जिसमे खटिया है लालटेन है और इसी कक्ष से ऊपर जाने का रास्ता है आप ऊपर भी देख आइये |
इस संग्रहालय में आप एक एक करकर समस्त कक्ष देखिये शास्त्री जी का बिस्तर , कुर्सी , खटिया , मचिया , हाथ वाला पंखा , बर्तन , रसोईघर का सामान , लालटेन आदि देखने को मिलेगा जो आपको शास्त्री जी की सादगी से परिचित कराएगा | लाल बहादुर शास्त्री स्मृति भवन संग्रहालय मतलब शास्त्री जी का पैत्रक आवास बहुत ही साधारण है दरवाजे लकड़ी के है मिटटी की फर्शे है यह देखकर लगता है की वाकई में श्री लाल बहादुर शास्त्री अत्यधिक साधारण जीवन व्यतीत करते थे आप बनारस आये तो रामनगर आकर शास्त्री जी का घर अवश्य देखे |
गंगा का घाट रामनगर
जिले के पास ही एक बढ़िया सा गंगा घाट है जहाँ से आपको माँ गंगा के बहुत ही सुन्दर दर्शन होते है यहाँ आप नौका विहार भी कर सकते है गंगा घाट के समीप ही एक मन्दिर है जिसमे कई देवी देवताओ की प्रतिमाये है आपके पास समय हो तो आप यहाँ मन्दिर के दर्शन करे माँ गंगा को निहारे और नौकाविहार करे नौकाविहार करते हुए रामनगर का किला देखना बहुत ही आनन्दित लगता है |
शिव प्रसाद लस्सी भण्डार रामनगर , द्वारका लस्सी भण्डार रामनगर , साहनी लस्सी रामनगर
देखिये आप रामनगर वाराणसी आये तो यहाँ की लस्सी जरूर पीजिएगा यहाँ आपको लस्सी लगभग 50 रूपये में मिल जाएगी और स्वाद क्या ही बताऊ लस्सी में ये लोग सबसे पहले तो शुद्ध गाढ़ा दही कुल्हड़ में डालते है जिसमे शक्कर वगैरह मिली रहती है फिर ऊपर से एकदम शुद्ध मलाई और उसके ऊपर जायकेदार रबड़ी और यह स्वाद से भरपूर लस्सी जब आप पियोगे यार पियोगे बाद में पहले तो खाओगे तो भाई आनंद आ जायेगा एकदम पैसा वसूल लस्सी है |
अब रामनगर में कहा लस्सी पी जाय देखिये किले के आसपास और शास्त्री चोक पर लस्सी की दुकाने है फिर भी यदि हम जानी मानी दुकानों की बात करे तो शिव प्रसाद लस्सी भण्डार , द्वारका लस्सी भण्डार है मैंने शिव प्रसाद लस्सी भण्डार के यहाँ पर लस्सी का स्वाद लिया था और मुझे इनकी लस्सी बहुत ही स्वादिष्ट लगी थी लोकल लोगो से और जानकारी ली तो किसी ने द्वारिका लस्सी भण्डार का नाम लिया तो एक ने एक साहनी लस्सी भी बताया तो आप यहाँ लस्सी जरूर ट्राई करियेगा |
कैसे पहुंचे रामनगर वाराणसी
सबसे पहले तो आपको बनारस आना होगा जो की मै मानकर चल रहा हूँ की आप बनारस में ही हो तो आप यदि पब्लिक साधन से आना चाहते हो तो आप जहाँ भी हो वहां से सीधा लंका स्थित बनारस हिन्दू विश्विद्यालय गेट के पास आ जाओ जहाँ पंडित मदन मोहल मालवीय की प्रतिमा लगी है यही पर से आपको रामनगर का ऑटो मिलेगा जो की महज 15 रूपये लेकर आपको रामनगर के किले के सामने ही उतर देगा |
यहाँ कब जाए
कभी भी जाइये 12 महीने रामनगर वाराणसी आपके स्वागत के लिए तैयार है लेकिन यदि आपको गर्मी सताती है तो यहाँ गर्मी में आने से परहेज करे क्यूंकि गर्मी के मौसम में यहाँ पर बहुत ज्यादा गर्मी पड़ती है रामनगर वाराणसी घूमने का बेस्ट मौसम सर्दी का है आप सर्दी में यहाँ आराम से पैदल घूम सकते है |
रामलीला रामनगर की
रामलीला तो आप जानते ही है रामनगर की रामलीला सम्पूर्ण भारत में प्रसिद्ध है यह रामलीला देश विदेश का प्रसिद्ध है यह रामलीला रामनगर में सितम्बर अक्टूबर के महीने में मनाई जाती है यह अनूठी रामलीला एक महिना चलती है काशी नरेश आज भी इस अद्भुत रामलीला को देखते है |
यहाँ क्या क्या करे - Things to do In Ramnagar Varanasi
सबसे पहले रामनगर किले के बहरी और अन्दर के परिसर को देखिये टिकट लेकर किले का संग्रहालय देखिये किले के अन्दर से गंगा घाट जाकर माँ गंगा का मनोरम द्रश्य देखिये अब किले से बाहर आकर शास्त्री चोक पर शिव प्रसाद लस्सी भण्डार या कही और की लस्सी पीजिये फिर माँ गंगा के घाट जाइये वहां कई मंदिर है दर्शन कर ले |
फिर शास्त्री चोक से रास्ता गया है पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री लाल बहादुर शात्री जी के पैत्रक आवास का वहां जाइए और शास्त्री जी का जीवन देखिये फिर यहाँ से एक ऑटो लेकर दुर्गा मन्दिर जाइये बस इतना करके आप वापस आ जाये आपकी रामनगर वाराणसी की यात्रा सफलतापूर्वक संपन्न हो गई है |