भदैया कुन्ड शिवपुरी

Tripoto
20th Aug 2022
Photo of भदैया कुन्ड शिवपुरी by Hemant Shrivastava
Day 1

◆ भदैया कुण्ड -
           शिवपुरी स्थित भदैया कुण्ड प्राकृतिक शौन्दर्य और आकर्षक झरने के साथ आनंद विभोर करने बाली मनोरम वनस्थली है।
         यह शिवपुरी नगर में स्थित महाभारत कालीन कुण्डों की श्रृंखला का प्रमुख कुण्ड है। बाण गंगा स्थित कुण्डों से आने बाला पानी यहाँ जल प्रपात के रूप में गिरता है।
            मप्र में शायद ही नगरीय क्षेत्र में ऐसा कोई प्राकृतिक प्रपात हो जो वर्षभर अपने नागरिकों को आकर्षित करते हुए आनंद और उत्साह से भर देता हो।
        भदैया कुण्ड का पानी स्वास्थ्य वर्धक , पवित्र और गुणकारी माना जाता है। इसी कारण सिंधिया वंश की राज महिषी बैजा बाई सिंधिया ने  सन 1830 ई में यहाँ बारहदरी का निर्माण कराया तथा भगवान शंकर की स्थापना करा दी थी।
           महारानी बैजाबाई के सुरक्षा अधिकारी जेम्स ग्रीव्स  एक प्रकृति प्रेमी एवं कुशल वास्तुविद भी थे। उन्ही की देख रेख में इस बारादरी एवं मंदिर का निर्माण कराया गया था जो मराठा वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण है।
                ग्वालियर स्टेट के शासक महाराजा माधवराव सिंधिया ने शिवपुरी को अपनी ग्रीष्म कालीन राजधानी बनाया था। उन्ही के समय शिवपुरी नगर में जल संरक्षण के लिए मनियर नदी पर बांधो की श्रृंखला बनाई गई थी।
        जाधव सागर , सांख्या सागर , और माधव लेक आदि बांधो की श्रृंखला के साथ सेलिंग क्लब है ,जो भदैया कुण्ड की सुंदरता में चार चाँद लगाते हैं।
               उन्होंने यहाँ वोट स्टैंड बनबाया था जहाँ से सेलिंग क्लब के लिए वोट का संचालन होता था। यह सिंधिया आर्मी के नेवल विंग के अधीन आता था।
              भदैया कुण्ड का पानी  गुणकारी माना जाता है। माधव महाराज द्वारा यहाँ सोडा वाटर फैक्टरी का निर्माण सन 1914 ई में कराया गया था। जहाँ से इसका पानी पैक कर  देश विदेशों तक भेजा जाता था।
             कहते है कि भदैया कुण्ड का पानी अर्जुन पेड़ो से टकरा कर आता है। यह पानी स्वास्थ्य के लिए अच्छा रहता है और अफेक्सन बढ़ाता  है । इस कारण इसके पानी को "वाटर ऑफ लव " तथा " स्प्रिंग ऑफ लव " भी कहा जाता है।
             भदैया कुण्ड पर लगे हुए अर्जुन के पेड़ 150 वर्षों से भी अधिक प्राचीन है। ये पेड़ एक दूसरे से आलिंगनबद्ध होकर गलबहियाँ करते हुये नज़र आते है।
         दोनो ओर से एक दूसरे से मिले होने के कारण ये कुण्ड पर छतनार बनाते है जिसे भेद कर आने बाली रवि रश्मियाँ बहुत ही सुंदर दृष्य बनाती है।
    
            
           कुण्ड के दोनों किनारों पर रैलिंग लगबाई गई। पार्क विकिसित किये गए। कुण्ड की सफाई कराई गई । यहाँ चिल्ड्रन जोन बनाया गया। एक लैकव्यू कैफेटेरिया बनाकर लीज पर दिया गया।
        यह कैफेटेरिया शीघ्र ही शिवपुरी में टेस्टी एवं ट्रेडिशनल फूड के लिए जाना माना स्थल बन गया। अब यहाँ देर तक सैलानियों के जमघट लगा रहता है।
            
        यहाँ स्थित वोट स्टैंड की छत से मैं सेलिंग क्लब , चाँदपाठा डेम  और नेशनल पार्क में दूर पहाड़ी पर स्थित जॉर्ज केशल को देखता हूँ तब ये यादें मुझ से आकर लिपट जाती है।

Photo of भदैया कुन्ड शिवपुरी by Hemant Shrivastava
Photo of भदैया कुन्ड शिवपुरी by Hemant Shrivastava
Photo of भदैया कुन्ड शिवपुरी by Hemant Shrivastava
Photo of भदैया कुन्ड शिवपुरी by Hemant Shrivastava