नमस्ते दोस्तों आज मैं आपको बिहार के पटना जंक्शन स्थित सामाजिक एकता के परिचायक मंदिर और उसी के एक बगल में मस्जिद के बारे में बताता हूं | सामाजिक एकता के परिचायक, मैं इसलिए कह रहा हूं कि *मस्जिद और मंदिर* पास स्थित हैं | इसे देखकर ही ऐसा महसूस होता है कि हमारा देश विभिन्न धार्मिक संप्रदायों को समेटे हुए आखिर क्यों इतना मजबूत बना हुआ है ?
शाम का समय था, मंदिर भगवान हनुमान जी का है . यहां का नैवेदम प्रसाद अत्यंत प्रसिद्ध है ,जिसको *उड़ीसा के प्रसिद्ध*कारीगरों द्वारा बनाया जाता है |जिसको हाल ही में FSSAI द्वारा मान्यता मिली है इस प्रसाद को ग्रहण करने मात्र से ही अद्भुत अनुभूति होती है और मन को शीतलता देते हुए अगर आप इस मंदिर में बैठ जाओ तो सच में आपकी सारी परेशानियां समस्याएं दूर हो जाती हैं |मंदिर परिसर के अंदर बहुत सारी देवी देवताओं की मूर्तियां उपस्थित हैं साथ ही स्वर्ण रूप में नक्काशी का पूरा चरित्र एक कांच के अंदर कैद है। यहां मैं जैसे ही गया बहुत ही अद्भुत मुझे लगा ।
इसके ठीक बगल में एक मस्जिद परिसर भी थी जिसकी नक्काशी देख कर ही मन को रोचक कर रहा था उसमें लगे शानदार लाइटिंग उसको और रंगीन बना रही थी।शाम का समय था बहुत सारे मुस्लिम भाई नमाज अदा कर कर अपने घर की तरफ जा रहे थे , इसको देखकर ऐसे ही लगा मुझे कि एक तरफ मंदिर परिसर तो दूसरी तरफ मस्जिद परिसर पास पास होते हुए भी सालों से भाईचारा को प्रदर्शित कर रहे हैं
। यह मंदिर और मस्जिद हमारे भारत को प्रदर्शित करता है ऐसे ही अन्य स्थान हमारे देश के कोने कोने में मौजूद हैं जो हमारी एकता व भारतीय संस्कृति को पूर्णतया प्रदर्शित करता है। आप भी अगर कहीं जाएं तो ऐसे अवसरों को जरूर तलाशे जिससे आपको अच्छी तरीके से सीख मिले ।अगर आपको भी पटना कभी जाने का अवसर मिले तो जंक्शन के ठीक बगल में इसी स्थान पर अवश्य जाएं हो सके तो अगर आपकी ट्रेन देर मे हो तो मंदिर परिसर के अंदर ही बैठे आपको समय का पता नहीं लगेगा और मन भी तरोताजा महसूस होगा । मेरे द्वारा लिखे गए यात्रा वृतांत अगर आपको पसंद आ रहे हो तो मुझे अवश्य फॉलो करें धन्यवाद